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48 घंटे में ढाई किलो की जन्मी बच्ची डेढ़ किलो की हो गई, जानिए क्या है मामला

अस्पताल से गायब होने के बाद जिस बच्ची को बरामद किया गया उस पर कई सवाल उठ रहे हैं। पहला तो यही कि ढाई किलो की जन्मी बच्ची 48 घंटे में डेढ किलो की कैसे हो गई।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 08 Sep 2019 10:46 AM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2019 10:46 AM (IST)
48 घंटे में ढाई किलो की जन्मी बच्ची डेढ़ किलो की हो गई, जानिए क्या है मामला
48 घंटे में ढाई किलो की जन्मी बच्ची डेढ़ किलो की हो गई, जानिए क्या है मामला

जमशेदपुर, जासं। जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल से बुधवार को गायब बच्ची को 48 घंटे के भीतर बरामद करके पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही है। लेकिन इस मामले में जो सवाल खड़े हुए हैं, उनके उत्तर नहीं मिल रहे हैं। मसलन, ढाई किलोग्राम की जन्मी बच्ची 48 घंटे के भीतर डेढ़ किलो की कैसे हो गई? जन्म के बाद बच्ची को साफ-सुथरा किया गया था, फिर जब वह मिली तो उसके शरीर पर लगे खून कहां से आए?

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जिस महिला ने बच्ची को सौंपा वह कह रही है कि यह किसी दूसरे की बच्ची है। इस तरह, अगर विवाद है तो डीएनए टेस्ट पुलिस क्यों नहीं करा रही? जांच के सवाल पर अस्पताल व पुलिस एक-दूसरे पर फेंका-फेंकी क्यों कर रहे हैं? इस संबंध में जिससे सवाल करो, वह यही कर रहा है कि अनुसंधान हो रहा है। आखिर ऐसे मामले में डीएएन टेस्ट के अलावा दूसरा कोई अनुसंधान है तो पुलिस उसका खुलासा क्यों नहीं कर रही? वह महिला कहां गई जो अस्पताल से बच्चे को लेकर भागी? जबकि अस्पताल से सीसीटीवी की फुटेज में उसकी तस्वीर व पूरी गतिविधियां मौजूद हैं। उसको गिरफ्तार करने के लिए पुलिस क्या कर रही है? इसी बीच बच्ची के मां-बाप कह रहे हैं कि यही बच्ची मेरी है। अगर बरामद बच्ची उन्हीं की है तो वे डीएनए टेस्ट क्यों नहीं कराना चाह रहे हैं?
जंगल से मिली नवजात बच्ची

पश्चिम सिंहभूम जिले के चाईबासा के बड़ागुइरा गांव निवासी नौरु पूर्ति की पत्नी पंगेला देवी को मंगलवार की रात महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार की सुबह ऑपरेशन से उसे बच्ची हुई। दोपहर करीब 12.15 बजे उसकी बच्ची की चोरी हो गई। शुक्रवार को घाटशिला अनुमंडल के गुड़ाबांधा के जंगल से मिली नवजात बच्ची का इलाज एमजीएम के एनआइसीयू में चल रहा है। उसका वजन डेढ़ किलोग्राम है। बच्ची की देखरेख फिलहाल एमजीएम प्रबंधन कर रहा है।
एक सवाल यह भी
एनआइसीयू में भर्ती बच्ची को देखकर नर्सों ने कहा कि यह बच्ची काफी कमजोर है। लगता है कि समय से पूर्व ही इसका हुआ है। जबकि पंगेला देवी की बच्ची नौ माह के निर्धारित समय पर हुई थी और वह स्वस्थ भी थी।
ये कहते अधीक्षक

बच्ची का इलाज करना मेरा काम है। बाकी का काम पुलिस कर रही है।
-नकुल चौधरी, उपाधीक्षक, एमजीएम अस्पताल
ये कहते थाना प्रभारी

वरीय अधिकारियों का जैसे निर्देश मिलेगा उसके आधार पर अनुसंधान किया जाएगा। फिलहाल बच्ची को उसके परिवार अपना बता रहे हैं।
-एलपी मंडल, थाना प्रभारी, साकची  


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