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Indian Railways, IRCTC: रेलवे स्टेशनों पर क्यों लिखा होता है समुद्र तल से ऊंचाई, जाने क्या है पूरा मामला

आपको पता है कि रेलवे स्टेशनों पर समुद्र तल से उंचाइ की जानकारी क्यों लिखी होती है। स्टेशनों पर जो समुद्र तल की ऊंचाई लिखी होती है उसका मतलब यात्रियों की सुरक्षा है। क्योंकि हमारे देश का हर क्षेत्र या राज्य कहीं ऊंचाई पर है तो कहीं नीचा भी है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 29 Aug 2021 11:56 AM (IST)Updated: Sun, 29 Aug 2021 11:56 AM (IST)
Indian Railways, IRCTC: रेलवे स्टेशनों पर क्यों लिखा होता है समुद्र तल से ऊंचाई, जाने क्या है पूरा मामला
स्टेशन के बोर्ड पर लिखे गए समुद्र तल की ऊंचाई का उपयोग ट्रेन के ड्राइवर करते हैं।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर । आप और हम अक्सर ट्रेन में सफर किए होंगे। छुट्टी में ट्रेन का सफर कर कहीं बाहर घूमने गए होंगे। अक्सर यात्रा के समय हम खिड़की से आने वाले स्टेशन और खासकर उन स्टेशनों के नाम पढ़ते हैं। लेकिन हमारे मन में हमेशा ये जिज्ञासा रहती है कि जब भी हम किसी स्टेशन पर पहुंचते हैं तो स्टेशन के प्रारंभ और निकास स्थान पर पीले रंग में बड़े-बड़े अक्षरों में स्टेशन का नाम लिखा होता है और नाम के ठीक नीचे समुद्र तल की ऊंचाई भी लिखी होती है लेकिन आपने कभी सोचा है कि स्टेशन पर समुद्र तल से ऊंचाई क्यों लिखी जाती है। यदि आपको नहीं पता तो आइए हम आपको बताते हैं इसकी असली वजह।

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यात्रियों की सुरक्षा है मुख्य कारण

आपको बता दें कि स्टेशनों पर जो समुद्र तल की ऊंचाई लिखी होती है उसका सीधा मतलब यात्रियों की सुरक्षा से जुड़ा है। क्योंकि हमारे देश का हर क्षेत्र या राज्य कहीं ऊंचाई पर है तो कहीं नीचा भी है। इसे मापने के लिए हम समुद्र तल को मानक के रूप में इस्तेमाल में लाते हैं।

ट्रेन के ड्राइवर करते हैं इसका इस्तेमाल

आपको बता दें कि स्टेशन के बोर्ड पर लिखे गए समुद्र तल की ऊंचाई का उपयोग यात्री नहीं बल्कि ट्रेन के ड्राइवर करते हैं। क्योंकि जब ड्राइवर ट्रेन लेकर चलता है तो हर स्टेशन पर वह देखता रहता है कि वर्तमान में हम समुद्र तल से ऊंचाई की ओर जा रहे हैं या नीचे की ओर सफर कर रहे हैं क्योंकि ट्रैक हर जगह समतल नहीं है। ऐसे में 12 से 15 बोगियां लेकर चलने वाले ट्रेन के ड्राइवर इस समुद्र तल के माध्यम से ही पता लगाते हैं कि हम ऊंचाई की ओर जा रहे हैं तो इंजन की शक्ति यानि टॉर्क को बढ़ाकर चलाते हैं क्योंकि यदि वे ऐसा नहीं करेंगे तो संभवत: ट्रेन उस गति से नहीं चल पाएगी, जो उसके लिए निर्धारित है और जब ट्रेन ढ़लान की ओर जाएगी तो ड्राइवर इंजन की कम शक्ति का प्रयोग करते हुए अपने ब्रेकिंग सिस्टम के माध्यम से उसे नियमित रूप से नियंत्रित करता रहेगा। इससे दुर्घटना भी नहीं होगी और यात्री बिना किसी परेशानी के अपने गंतव्य तक पहुंच भी पाएंगे।


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