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कोल्‍हान विश्‍वविद्यालय : डॉ. जूही समर्पिता की प्र‍िंसिपल पद पर नियुक्ति अवैध Jamshedpur News

कोल्हान विवि की जांच समिति ने डीबीएमएस बीएड कॉलेज में नियुक्ति मामले में मार्च में रिपोर्ट दे दी थी। अब फिर से राजभवन तक मामला जायेगा।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 28 Jun 2020 08:40 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jun 2020 08:40 AM (IST)
कोल्‍हान विश्‍वविद्यालय : डॉ. जूही समर्पिता की प्र‍िंसिपल पद पर नियुक्ति अवैध Jamshedpur News
कोल्‍हान विश्‍वविद्यालय : डॉ. जूही समर्पिता की प्र‍िंसिपल पद पर नियुक्ति अवैध Jamshedpur News

जमशेदपुर, जासं। डीबीएमएस बीएड कॉलेज में प्र‍िंसिपल और अन्य शिक्षकों की नियुक्ति मामले में हुई जांच की रिपोर्ट तीन माह तक छुपा कर रखी गई। इस मामले को उजागर करने वाली आवेदक कुमारी मधुलिका ने नये कुलपति से जांच रिपोर्ट देने की मांग की तो कोल्हान विश्वविद्यालय की ओर से शनिवार को आवेदिका को जांच की कॉपी उपलब्ध कराई गई। इसमें कई अनियमितताओं का जिक्र है। सबसे महत्वपूर्ण अनियमितता में यहां प्र‍िंसिपल पद पर नियुक्ति को लेकर हुई है।

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जांच कमेटी में शामिल कोल्हान विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर डॉ. एके झा, साइंस डीन डॉ. रविंद्र सिंह तथा वोकेशनल सेल के को-आर्डिनेटर डॉ. संजीव आनंद के हस्ताक्षर से जारी रिपोर्ट में वर्तमान प्र‍िंसिपल डॉ. जूही समर्पिता की प्राचार्य पद पर नियुक्ति को अवैध माना है। रिपोर्ट में बताया गया है कि प्राचार्या के अर्हता के संबंध में आवेदिका की शिकायत सत्य प्रतीत होती है। उपलब्ध प्रमाण पत्र के आधार पर डीबीएमएस कॉलेज ऑफ एजुकेशन पेडागोजी (शिक्षा विज्ञान) विषय में प्राचार्या का विषय नहीं है। इस कारण डॉ. जूही की प्राचार्या के पद पर नियुक्ति को सही नहीं माना जा सकता। मालूम हो कि इस संस्थान में हो रही नियुक्ति में अनियमितता की शिकायत राज्यपाल से की थी। उसके बाद यहां जांच टीम का गठन हुआ था।

कई अनियमितताएं, फिर से होगी शिकायत : मधुलिका

डीबीएमएस बीएड कॉलेज में नियुक्ति प्रक्रिया में हुई अनियमितता की शिकायत फिर से राजभवन और कोल्हान विश्वविद्यालय के नए कुलपति को की जायेगी। नए कुलपति पर पूरा भरोसा है। यह बात कुमारी मधुलिका ने कही। उन्होंने कहा कि पूर्व के पदाधिकारियों ने मामले को पूरा ही दबा दिया था।

इस कारण किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी। अब विवि ने भी मामले में संज्ञान लिया है। मधुलिका ने दावा किया कि नियुक्ति में तमाम तरह की गड़बड़ी की सारे प्रमाण मौजूद है। ये दस्तावेज राज्यपाल को समर्पित किए जायेंगे। उन्हें उम्मीद है कि इस बार राजभवन से उन्हें न्याय मिलेगा।


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