Move to Jagran APP

Jharkhand Assembly Election 2019 : चार धुरियों पर घूम रही ईचागढ़ की राजनीति

इस बार भी मैदान में तीन कद्दावर महतो उम्मीदवार हैं। जाहिर सी बात है कि महतो वोटों का बिखराव होगा। गैर महतो वोटर यदि एकजुट होते हैं तो ये निर्णायक होंगे।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Mon, 25 Nov 2019 02:17 PM (IST)Updated: Mon, 25 Nov 2019 02:17 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019 :  चार धुरियों पर घूम रही ईचागढ़ की राजनीति
Jharkhand Assembly Election 2019 : चार धुरियों पर घूम रही ईचागढ़ की राजनीति

जमशेदपुर (विश्‍वजीत भट़ट)। यदि आप राष्ट्रीय राजमार्ग-33 पर पिछले कुछ सालों से रांची आ-जा रहे हैं तो आपको बताने की जरूरत नहीं कि आपकी गाड़ी के साथ ही शरीर की चूलें भी हर बार हिल जाती हैं। जमशेदपुर से ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र की ओर बढ़ने पर एनएच-33 पर चलने का दर्द पारडीह काली मंदिर से ही शुरू हो जाता है। बाइक से हैं तो चांडिल पहुंचने तक शरीर पर आधा किलो धूल पड़ेगी और फेफड़ों में 100-200 ग्राम पैवस्त हो जाएगी। झारखंड के दुर्भाग्य के साथ ही सड़क की क्रूरता आपके दिल-ओ-दिमाग में राष्ट्रीय राजमार्ग की छवि गंदी.. बहुत ही गंदी बना देगी।

loksabha election banner

आगे अभी दर्द और भी है। यहां से आगे बढ़ने पर चांडिल बाजार होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग-32 पर आते हैं। यह राजमार्ग तो अपना वजूद तलाशता हुआ नजर आ रहा है। इस सड़क से गुजरने वाले हर वाहन के साथ उड़ती बेशुमार धूल कदम-कदम पर आपकी राह रोक देगी। रुकना इसलिए भी पड़ेगा कि क्योंकि सड़क में बने बड़े-बड़े गड्ढ़ों में पड़े तो जान चली जाएगी। थोड़ा ही आगे बढ़ेंगे तो पितकी रेलवे फाटक मिलेगा, जो 24 घंटों में मात्र छह से सात घंटे ही खुला रहता है।

इस सड़क के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह सड़क ईचागढ़ को जमशेदपुर और धनबाद को जोड़ती है। जाहिरा मोड़ से आदरडीह (बंगाल की सीमा) तक यह सड़क अपने ऊपर चलने वालों को इस हद तक तकलीफ दे रही है कि लोग तौबा-तौबा बोल रहे हैं। ऊपर से हर समय बंद रहने वाला पितकी रेलवे फाटक हर रोज घंटों गाडिय़ों की लंबी लगवा रहा है। उड़ने वाली धूल फेफड़ों की बीमारी भी बांट रही है।

महतो फैक्टर रहा है निर्णायक

ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,52,532 मतदाता हैं। इनमें से 40 प्रतिशत यानि लगभग 95 हजार महतो हैं। अक्सर महतो उम्मीदवारों के अधिक होने से इन वोटों का बंटवारा हो जाता है। इस बार भी मैदान में तीन कद्दावर महतो उम्मीदवार हैं। जाहिर सी बात है कि महतो वोटों का बिखराव होगा। गैर महतो वोटर यदि एकजुट होते हैं तो ये निर्णायक होंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.