जापानी इंसेफ्लाइटिस गंभीर रोग : डॉ. सुधीर
जापानी इंसेफ्लाइटिस (जापानी बुखार) एक गंभीर रोग है। सही समय पर इसका इलाज नहीं होने से मरीज की मौत तक हो जाती है। जमशेदपुर में यह बीमारी हर साल फैल रही है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : जापानी इंसेफ्लाइटिस (जापानी बुखार) एक गंभीर रोग है। सही समय पर इसका इलाज नहीं होने से मरीज की मौत तक हो जाती है। जमशेदपुर में यह बीमारी हर साल फैल रही है।
उक्त बातें रविवार को टाटा मुख्य अस्पताल (टीएमएच) के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सुधीर मिश्रा ने कहीं। उन्होंने कहा कि जापानी इंसेफ्लाइटिस का वैक्सीन लेकर इससे बचा जा सकता है। मौका था इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आइएपी) की ओर से साकची स्थित एक होटल में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन के समापन का।
इस मौके पर महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहन कुमार ने रोटा वायरस व डायरिया के बारे में बताया। डायरिया बच्चों में होने वाली एक प्रमुख बीमारी है। देर से इलाज मिलने से मरीज की मौत भी हो जाती है।
टाटा मोटर्स के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. स्मृति नाथ ने गर्भावस्था के दौरान होने वाले शिशु की किडनी संबंधित बीमारी की पहचान एवं उसके समाधान के बारे में बताया गया। इससे पूर्व आइएपी की संरक्षक डॉ. बीआर मास्टर, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. केके चौधरी ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद पीजी छात्रों के बीच क्विज प्रतियोगिता व रिसर्च पेपर भी प्रस्तुत किया गया। विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। रांची की डॉ. प्रीति ठाकरे ने शिशुओं में होने वाले चर्म रोगों के बारे में बताया। धनबाद के डॉ. वीबी साहनी ने मरीजों को टेलेफोनिक परामर्श दिए।
---------------
अगले साल रांची में होगा सम्मेलन, डॉ. जया भादुड़ी बनी सचिव
कार्यशाला के अंत में आइएपी का एजीएम भी हुआ। इसमें अगले साल होने वाले वार्षिक सम्मेलन रांची में करने का निर्णय लिया गया। वहीं आगामी सत्र के लिए सर्वसम्मति से रांची के डॉ. अमर वर्मा को आइएपी का प्रदेशाध्यक्ष व जमशेदपुर के डॉ. जॉय भादुड़ी को प्रदेश सचिव चुना गया। इसके अलावा प्रदेश कार्यकारिणी में जमशेदपुर के डॉ. मिंटू अखौरी सिन्हा व डॉ. मिथलेश कुमार को भी चुना गया है।