Move to Jagran APP

सोशल मीडिया से दोस्ती जरूरी पर हर किसी से नहीं : डॉ. आशीष

: बदलते दौर में सोशल मिडिया से दोस्ती जरूरी है पर हर किसी से नहीं। उक्त बातें शनिवार को बोकारो के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आशीष कुमार राय ने कहीं। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आइएपी) की ओर से साकची स्थित होटल केनेलाइट में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इसका उद्घाटन महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एसी अखौरी, डॉ अरूप राय व डॉ संजय कुमार ने संयुक्त रूप से किया। प्रिंसिपल डॉ. एसी अखौरी ने कहा कि इस तरह के कार्यशाला से चिकित्सकों को काफी कुछ सिखने, बुझने को मिलता है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Nov 2018 01:49 AM (IST)Updated: Sun, 25 Nov 2018 01:49 AM (IST)
सोशल मीडिया से दोस्ती जरूरी पर हर किसी से नहीं : डॉ. आशीष
सोशल मीडिया से दोस्ती जरूरी पर हर किसी से नहीं : डॉ. आशीष

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : बदलते दौर में सोशल मिडिया से दोस्ती जरूरी है पर हर किसी से नहीं। उक्त बातें शनिवार को बोकारो के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आशीष कुमार राय ने कहीं। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आइएपी) की ओर से साकची स्थित होटल केनेलाइट में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इसका उद्घाटन महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. एसी अखौरी, डॉ अरूप राय व डॉ संजय कुमार ने संयुक्त रूप से किया। प्रिंसिपल डॉ. एसी अखौरी ने कहा कि इस तरह के कार्यशाला से चिकित्सकों को काफी कुछ सिखने, बुझने को मिलता है। सीनियर चिकित्सक अपने अनुभव शेयर करते है इससे जूनियर को सिखने का मौका मिलता है। वहीं डॉ. आशीष कुमार ने कहा कि सोशल मिडिया के नफा-नुकसान दोनों के बारे में बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता को समझने की जरूरत है। बच्चों को चाहिए की सोशल मिडिया पर हर किसी से दोस्ती नहीं करें। जिसको वह जानना है उसी के साथ जुड़े। अन्यथा लोग इसका गलत फायदा उठाते है। कई लोग सोशल मिडिया पर बच्चों को डरा व धमकी देकर गलत कदम उठाने को मजबूर करते है। बच्चों को बुलिंग करते है। ऐसी स्थिति में अभिभावकों को जानकारी देनी चाहिए। वहीं मोबाइल, इंटरनेट व कंप्यूटर पर अधिक समय तक गेम खेलने बच्चों के लिए घातक बन रहा है। उनके आंखें तो खराब हो ही रहीं है शारीरिक श्रम भी कम हो गया है। इससे तमाम बीमारियां बढ़ रही है। वहीं हमेशा अंगुली चलाने रहने से हाथ में दर्द की समस्या भी बढ़ी है। इसको लेकर अभिभावक व डॉक्टर दोनों को सचेत होने की जरूरत है। क्योंकि आने वाले समय में इसका उपयोग दस गुणा ज्यादा बढ़ने वाला है। बच्चे मोबाइल, इंटरनेट के इतने अधिक आदि हो चुके है कि उनकी नींद हराम हो गई है। नींद पूरी नहीं होने की वजह से भी बच्चों में मानसिक सहित अन्य बीमारियां बढ़ रही है। इस अवसर पर आइएपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. केके चौधरी, प्रदेश सचिव डॉ. जया भादुड़ी, जमशेदपुर आइएपी शाखा के अध्यक्ष डॉ. आरके अग्रवाल, सचिव डॉ. मिंटू अखौरी सिन्हा, डॉ. मिथलेश कुमार, डॉ. मोहन कुमार सहित अन्य डॉक्टर उपस्थित थे।

loksabha election banner

---------------

ईमानदारी के साथ मरीजों की सेवा करें डॉक्टर : डॉ. कृष्ण

रांची के डॉ. कृष्ण कुमार ने अपना 40 साल का अनुभव साझा करते हुए कहा कि बदलते समय में चिकित्सकों को भी बदलने की जरूरत है। ईमानदारी सबसे अधिक जरूरी है जिससे मरीजों का भरोसा डॉक्टरों पर बने रहे। पहले डॉक्टर क्लिनिकल सेंस का अधिक इस्तेमाल करते थे अब सबूत के साथ जैसे पैथोलॉजी जांच, रेडियोलॉजी जांच रिपोर्ट के अनुसार इलाज होने लगा है। उन्होंने कहा कि कुछ डॉक्टर मरीजों को ठगने का काम करते है जिसके कारण पूरा डॉक्टर समाज बदनाम हो रहा है। हालांकि, बदनाम करने वालों की संख्या हर क्षेत्र में है। उसे दूर करने की जरूरत है। बच्चों के इलाज करने में भी काफी बदलाव आया है।

---------------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.