हिंदू जनजागृति समिति ने फिल्म निर्देशक कबीर खान पर किया कटाक्ष, कही ये बात
हिंदू जनजागृति समिति ने फिल्म निर्देशक कबीर खान पर कटाक्ष किया है। साथ ही अफगानिस्तान जाकर राष्ट्रनिर्माण करने की सलाह दी है। समिति ने कहा कि मुगल आक्रांता अगर राष्ट्र निर्माता थे तो प्रभु श्रीराम व शिवाजी कौन थे ।
जमशेदपुर, जासं। एक सप्ताह से अफगानिस्तान में तालिबान सत्ता के लिए वहां की जनता पर जो अत्याचार कर रहा है, उसे देखकर पूरी दुनिया सहमी-डरी हुई है। देश से पलायन करने के लिए नागरिकों द्वारा किया जा रहा संघर्ष भी दिखाई दे रहा है। इससे पहले भी तालिबानियों ने बामियान की प्राचीन बुद्धमूर्ति किस प्रकार ध्वस्त की, यह सभी ने देखा था। हिंदू जनजागृति समिति के जमशेदपुर से जुड़े सुदामा शर्मा बताते हैं कि इस घटनाक्रम पर समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
उन्होंने कहा है कि वर्तमान काल में अल्पसंख्यक और अन्य पंथियों के श्रद्धास्थानों पर इतने अत्याचार किए जा रहे हों, तो 700-800 वर्षों पूर्व भारत पर आक्रमण करनेवाले मुगल आक्रांताओं ने कितने अत्याचार किए होंगे, इसकी कल्पना ही हम कर सकते हैं। यह सभी सत्य छिपाने के लिए भारत का एक विशिष्ट गुट प्रयासरत है। टीपू सुल्तान को ‘देशभक्त’ घोषित करने से लेकर औरंगजेब को ‘सूफी संत’ बताने के लिए उनके प्रयास चल रहे हैं। भारत का बॉलीवुड तो इसमें प्रथम स्थान पर है। पाकिस्तान द्वारा भारत पर आक्रमण कर सैनिकों की हत्या करने का दुख उन्हें नहीं होता, परंतु वे पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में लाकर उनसे भाईचारा दर्शाकर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराते हैं।
कबीर खान की वेब सीरीज में क्या दिखाया जा रहा
शिंदे कहते हैं कि इसी दौर में ‘दी एम्पायर’ नामक बाबर का माहिमामंडन करनेवाली वेबसीरीज प्रदर्शित हो रही है। उसी समय बॉलीवुड के एक दिग्दर्शक कबीर खान को मुगल ही खरे ‘राष्ट्र निर्माता’ होने का बोध हुआ है। उन्होंने कहा ‘मुगल और मुसलमान शासकों को खलनायक दिखाना चिंताजनक है।’ ऐसे में प्रश्न है कि आक्रांता मुगल यदि ‘राष्ट्र निर्माता’ हैं, तो फिर प्रभु श्रीराम से लेकर छत्रपति शिवाजी महाराज तक भारत भूमि में जन्मे हिन्दू राजा कौन थे। 17 बार सोमनाथ मंदिर, 18 बार जगन्नाथ मंदिर किसने लूटा। हिंदुओं के अयोध्या-मथुरा-काशी के भव्य मंदिरों को किसने ध्वस्त किया। सिख गुरुओं पर अमानवीय अत्याचार कर उनकी हत्या किसने की। 30 वर्षों पूर्व कश्मीर में इस्लामी राष्ट्रनिर्माण का कार्य करने के लिए हिंदू पंडितों पर किए गए अत्याचारों के कारण विस्थापित एक भी हिंदू पंडित आज तक कश्मीर में वापस नहीं गया। इतना सब होते हुए भी भारत में असुरक्षित एवं भय का ढोंग करनेवालों को अब भारत में निराश होकर रहने की अपेक्षा जहां अब संपूर्ण इस्लामी शरीयत लागू हैं, उस अफगानिस्तान में जाकर राष्ट्र निर्माण का कार्य करना चाहिए।
मुगलों के अत्याचार पर परदा डालने की कोशिश
मुगल आक्रांताओं के वास्तविक अत्याचारों से भरे इतिहास पर परदा डालकर तालिबान का समर्थन करने का यह षडयंत्र है। वास्तव में इन आक्रमणकारियों की क्रूरता का वर्णन उन्हीं के अखबार और इतिहासग्रंथों में है। इन इतिहासग्रंथों में हिंदुओं को बलपूर्वक मुसलमान बनाना, मंदिरों का विध्वंस करना, महिलाओं को गुलाम बनाने के लिए दिए गए आदेश आज भी उपलब्ध हैं। ऐसे में मुसलमानों को खलनायक दिखाने के विषय में खेद व्यक्त करनेवालों पर आश्चर्य होता है। सिख गुरु, स्वयं के भाई दारा शिकोह, छत्रपति संभाजी महाराज की तड़पा-तड़पाकर हत्या करनेवाला क्रूर औरंगजेब क्या ‘राष्ट्र निर्माता’ था। उन्होंने कहा कि तालिबानी विचारधारा की सहायता करनेवाले कबीर खान को सबक सिखाने के लिए उसके आगामी सभी फिल्मों पर, साथ ही क्रूर बाबर का महिमामंडन करनेवाली ‘दी एम्पायर’ वेबसीरीज प्रदर्शित करनेवाली ‘डिजनी-हॉटस्टार’ का हिंदू बहिष्कार करें।