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¨हदी विशाल महासागर, समाहित हैं क्षेत्रिय भाषाएं : राव

हिंदी दिवस पर शुक्रवार को सूचना भवन में आयोजित समारोह को संबोधित किया सी भास्कर राव ने।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 08:24 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 08:24 PM (IST)
¨हदी विशाल महासागर, समाहित हैं क्षेत्रिय भाषाएं : राव
¨हदी विशाल महासागर, समाहित हैं क्षेत्रिय भाषाएं : राव

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : हिंदी दिवस पर शुक्रवार को सूचना भवन में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए सी भास्कर राव ने कहा कि हिंदी एक विशाल महासागर की तरह है। जिसमें अन्य भारतीय भाषाएं नदियों की तरह अंतत: समाहित हो जाती हैं। सी भास्कर राव को हाल ही में मॉरीशस में अपने उत्कृष्ट लेखन के लिए सम्मानित भी किया गया था। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा अनंत आकाश की तरह है जिसमें सारी भाषाएं कहीं बाग्ला, कहीं गुजराती तो कहीं मराठी भाषा के रूप में रूप में प्रचलित हैं। उन्होंने कहा कि यह हिंदी की ताकत है कि उसने पूरे के पूरे विश्व मीडिया को अपने प्रभाव में कर लिया है और अपने को इतना प्रभावशाली और सार्थक बनाया है कि सिनेमा, रेडियो और टेलीविजन को अपने सारे प्रसारण हिंदी में ही करने पड़े हैं। यह मीडिया पर हिंदी की विजय का ही द्योतक है कि डिस्कवरी, एनिमल प्लानेट, नेशनल ज्योग्राफिक चैनल और हिस्ट्री सरीखे तमाम अंतरराष्ट्रीय चैनलों को कालातर से हिंदी में अनुवादित करके प्रसारित किया गया है।

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उन्होंने कहा कि इस बार मॉरिशस में आयोजित 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन में ऐसा प्रथम बार हुआ जब हिंदी सिनेमा को एक विषय बनाया गया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विचार-विमर्श के लिए इसको रखा गया। यह हिंदी की बढ़ती प्रासंगिकता को दर्शाता है। सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे थे। रूस में आज भी लोग हिंदी गाने गाते हैं, यह हिंदी के प्रचार की ताकत है। उन्होंने कहा कि स्वाधीनता संग्राम के समय भी हर क्षेत्र के व्यक्ति ने एक स्वर से राष्ट्रीय आदोलन की एकमात्र और सर्वाधिक विस्तृत भाषा के रूप में हिंदी भाषा को ही अंगीकार किया। यह हिंदी की महत्ता है कि आजादी को हासिल करने में इसकी भूमिका रही है। इस अवसर पर करीम सिटी कॉलेज की व्याख्याता संध्या सिन्हा ने भी हिंदी की प्रासंगिकता पर अपने विचार प्रकट किए। हिंदी साहित्य जगत के सुप्रसिद्ध लेखक और व्यंगकार श्री हरिशकर परसाई की व्यंग रचना सुदामा के चावल का मंचन पथ संस्था के कलाकारों ने किया। सूचना भवन परिसर में हिंदी दिवस के अवसर पर कवि सम्मेलन का आयोजन भी किया गया जिसमें शहर के अनेक कवियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में जिला प्रशासन की ओर से राशि नियोजन कार्यक्रम की निदेशक रंजना मिश्रा और जिला जनसंपर्क पदाधिकारी उपस्थित थे।


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