झारखंड उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी राजीव दुग्गल की याचिका
राजीव दुग्गल की ओर से झारखंड उच्च न्यायालय में आरोपितों के खिलाफ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने संज्ञान लिया था।
जासं, जमशेदपुर : बिष्टुपुर थाना क्षेत्र होटल अलकोर के मालिक राजीव दुग्गल की ओर से दाखिल याचिका झारखंड उच्च न्यायालय ने बुधवार को खारिज कर दी। साथ ही आरोपितों के खिलाफ जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी द्वारा आरोपितों के खिलाफ लिए गए संज्ञान पर दोबारा विचार किए जाने का आदेश जारी कर दिया। राजीव दुग्गल की ओर से झारखंड उच्च न्यायालय में आरोपितों के खिलाफ मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने संज्ञान लिया था। इसे खारिज किए जाने और चुनौती देते हुए झारखंड उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल की गई थी। बुधवार को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आनंद सेन की अदालत ने राजीव दुग्गल क याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश जारी किए।
गौरतलब हैं कि होटल अलकोर में अप्रैल में पुलिस-प्रशासन की टीम ने 24 अप्रैल को छापामारी की थी। रेलवे ठेकेदार जुगसलाई निवासी लड्डू मंगोतिया, रजत जग्गी और दीपक अग्रवाल को हिरासत में लिया था।कई भाग निकले थे। सभी के खिलाफ लॉकडाउन उल्लंघन की प्राथमिकी दर्ज की गई थी। बिष्टुपुर थाना पुलिस ने हिरासत में लिए गए तीनों आरोपितों को थाना से जमानतीय धारा होने के कारण जमानत प्रदान कर दी थी थी। दूसरे दिन पुलिस-प्रशासनिक की टीम ने छापेमारी की। होटल से कोलकाता की एक युवती पकड़ी गई। सीसीआर डीएसपी अरविद कुमार की शिकायत पर होटल मालिक राजीव दुग्गल, होटल प्रबंधक धनंजय कुमार सिंह, कोलकाता की युवती, शरद पोद्दार, राजू भालोटिया, राहुल अग्रवाल, रेलवे ठेकेदार राजेश मंगोतिया, दीपक अग्रवाल, रजत जग्गी समेत अन्य के खिलाफ लॉकडाउन का उल्लंघन किए जाने, देह व्यापार का धंधा संचालित किए जाने समेत अन्य आरोप के तहत बिष्टुपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई। सभी आरोपितों के खिलाफ बिष्टुपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई। आरोपितों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया जिनकी जमानत झारखंड उच्च न्यायालय से विगत छह जुलाई को हुई थी। जेल से रिहाई और होटल खोलने के आदेश के बाद राजीव दुग्गल ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की ओर से लिए गए संज्ञान के विरुद्ध झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी और संज्ञान को चुनौती देते हुए इसे खारिज किए जाने की अर्जी दी थी।