पास तो बहुत हुए पर पूजा की सफलता है खास
वेंकटेश्वर राव, जमशेदपुर एक ऐसी बिटिया जिसकी पढ़ाई की जुनून के आगे भगवान से लेकर सबको झुकना पड़ा।
वेंकटेश्वर राव, जमशेदपुर
एक ऐसी बिटिया जिसकी पढ़ाई की जुनून के आगे भगवान से लेकर सबको झुकना पड़ा। सिर्फ यहीं नही पढ़ाई में सफल होने को काफी जद्दोजहद भी की। बारीडीह वर्कर्स फ्लैट में अपनी मां के साथ रह रही पूजा रानी बिशई अब सीबीएसई दसवीं के परीक्षा परिणाम के बाद अपने मामा घर ओडिशा के बर्मपुर जाने की तैयारी कर रही है। दरअसल पूजा के पिता का देहांत वर्ष 2011 से हो गया था। पूजा के पिता स्व. प्रमोद चंद्र विशई निजी कंपनी में काम करते थे। पिता के देहांत के बाद मां आशा लता बीमार हो गई। मां को यूरिल फ्रीक्वेंशी अधिक होने की बीमारी है।
परीक्षा के समय मां अस्पताल में थी। भाई के साथ वह जमशेदपुर में रहती थी। भाई साथ रहने के दौरान उसे पिताजी के पेंशन का सहारा ही था। पेंशन मात्र दो हजार रुपया महीने मिलती है। इसी से घर का खर्च चलता है। पूजा पर मां की बीमारी की वजह से गृहिस्थी की भी जिम्मेदारी थी। इसमें वह भाई को खाना बनाकर खिलाकर तब स्कूल जाती थी। इसी बीच भाई कक्षा आठ की वार्षिक परीक्षा में फेल हो गया, इस वजह से उसे ओडिशा जाना पड़ा। इससे पूजा अकेली पड़ गई। लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी। परीक्षा के दौरान जब मां अस्पताल में थी तो पूजा ने चाची के घर रहकर पढ़ाई के साथ-साथ मां का ध्यान रखते हुए सीबीएसई दसवीं की परीक्षा दी। एआइडब्ल्यूसी एकेडमी ऑफ एक्सलेंस बारीडीह की छात्रा को सीबीएसई दसवीं की बोर्ड परीक्षा में 75 प्रतिशत अंक प्राप्त हुआ है। वह बैंकिंग सेक्टर में जाना चाहती है। पूजा बताती है कि उसे स्कूल की ओर से स्कूल फीस माफ कर दिया गया था। इस कारण वह पढ़ पायी। पूजा ने बताया कि उसने बड़ी मुश्किल से पढ़ाई की और इससे ज्यादा नंबर आने की उम्मीद नहीं की थी। स्कूल में मार्कशीट आने के बाद सब सामान लेकर ओडिशा के लिए प्रस्थान कर जाएगी, क्योंकि इतने कम पैसे में यहां गुजारा नहीं हो जाएगा।