शर्तों से पैदा होती है इनोवेटिव आइडिया: दिलीप
इनोवेटिव आइडिया के लिए शर्त बेहद जरूरी है। शर्तो से इनोवेटिव आइडिया आने में सहूलियत होती है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : शिक्षा क्षेत्र में हर प्रश्न का समाधान आपको समय सीमा के अंदर करना पड़ता है, लेकिन जीवन के प्रश्न के समाधान के लिए समय लगता है। ऐसे ही इनोवेटिव आइडिया को लाने के लिए समय लगता है। एक बार आइडिया क्लिक किया और आप उस पर काम करते हैं तो इसमें जरूर आप सफल हो जाएंगे। आइडिया सफल होने के बाद यह जरूरी नहीं कि इसका फायदा आपको होगा। इसका फायदा आने वाली पीढ़ी को भी होता है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण टाइपराइटर के आविष्कारक रेमिंगटन हैं। यह बातें केएमपीएम वोकेशनल कॉलेज में इनोवेटिव थॉट्स पर बुधवार को लगी कार्यशाला को संबोधित करते हुए कटक से आये रिसोर्स पर्सन दिलीप मंगराज ने कही।
उन्होंने कहा कि इनोवेटिव आइडिया के लिए शर्त बेहद जरूरी है। शर्तो से इनोवेटिव आइडिया आने में सहूलियत होती है। किस ऑब्जेट पर इनावेशन करना चाहते हैं, यह महत्वपूर्ण है। आज भी साइकिल ऐसी चीज है जिसका इस्तेमाल नए-नए इनोवेशन के लिए किया जाता है। उन्होंने छात्रों को क्रियेटिविटी और इनोवेशन का फर्क भी समझाया। आज के जमाने में अपनी पहचान बनानी है कुछ तो अलग करना ही होगा। यह किसी भी क्षेत्र के लिए लागू होता है। इस कार्यशाला में छात्रों को कटक से आए एक रिसोर्स पर्सन प्रोफेसर शंकर प्रसाद नायक ने भी छात्रों को इनोवेटिव थॉट्स को लेकर कई उदाहरण दिए और कहा कि दैनिक जीवन में कई सारी घटनाएं के दौरान थॉट्स आती है बस उसे आपको पकड़ना होगा। कार्यशाला में केएमपीएम वोकेशनल कॉलेज की प्राचार्य मीता जखनवाल सहित शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित थे।