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ये रहा टाटा वर्कर्स यूनियन की नई कार्यकारिणी के एक वर्ष का लेखा-जोखा

एक वर्ष के अंदर कर्मचारी हित में कोई ऐसा काम नहीं हुआ, जिससे टाटा वर्कर्स यूनियन नेता खुद अपनी पीठ भी थपथपा सकें।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 12:45 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 12:45 PM (IST)
ये रहा टाटा वर्कर्स यूनियन की नई कार्यकारिणी के एक वर्ष का लेखा-जोखा
ये रहा टाटा वर्कर्स यूनियन की नई कार्यकारिणी के एक वर्ष का लेखा-जोखा

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। टाटा वर्कर्स यूनियन की वर्तमान कार्यकारिणी का कार्यकाल 22 फरवरी को एक वर्ष हो जाएगा। लेकिन इस एक वर्ष के अंदर मेडिकल एक्सटेंशन बंद होने से टाटा स्टील कर्मचारियों को अब तक का सबसे बड़ा नुकसान हुआ है।

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टाटा वर्कर्स यूनियन चुनाव में अध्यक्ष आर रवि प्रसाद को विगत चुनाव में सबसे ज्यादा मत मिले। लेकिन उनके अध्यक्ष बनने के बाद कर्मचारियों को 60 वर्ष की उम्र के बाद एक वर्ष का मिलने वाला मेडिकल एक्सटेंशन बंद हो गया। इससे कर्मचारियों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ। इस दर्द को अब तक कर्मचारी भुला नहीं पाए हैं। वहीं, इस एक वर्ष के अंदर कर्मचारी हित में कोई ऐसा काम नहीं हुआ, जिससे यूनियन नेता खुद अपनी पीठ भी थपथपा सकें। कमेटी मीटिंग से लेकर विदाई समारोह तक कर्मचारी यही मांग कर रहे हैं कि यूनियन नेतृत्व भले ही कोई नई सुविधा न दिला पाए, लेकिन मिलने वाली पुरानी सुविधाओं को बंद न होने दे। ग्रेड रिवीजन समझौता होना अभी बाकी है।

एमएन कुमार का एक्सटेंशन रहा चर्चा का विषय

टाटा स्टील कर्मचारियों का मेडिकल एक्सटेंशन भले ही बंद हो गया हो, अध्यक्ष के विश्वासपात्र एमएन कुमार को साढ़े तीन वर्ष से लगातार एक्सटेंशन का लाभ मिल रहा है। इसके कारण भी पिछले दिनों अध्यक्ष और महामंत्री सतीश कुमार सिंह के बीच काफी विवाद हुआ। मामला इतना बढ़ा कि अध्यक्ष खेमा महामंत्री के वित्तीय अधिकारों को सीज करने के लिए कमेटी मेंबरों के बीच हस्ताक्षर अभियान भी चला।

इस तरह का रहा यूनियन का कार्यकाल

- चुनाव के मात्र चार माह बाद जून 2018 में बंद हो गया टाटा स्टील कर्मचारियों का मेडिकल एक्सटेंशन। इसके बदले में उन्हें मिलेगा 7.20 लाख रुपये का पैकेज।

-सिक्योरिटी विभाग से बर्खास्त 45 कर्मचारियों का कोई भला नहीं हुआ।

-क्वार्टरों का फिक्सअप सुविधा बंद होने के कगार पर है।

-क्वार्टर आवंटन की सुविधा ऑनलाइन हुई। पहले आफिसर ग्रेड में ही यह प्रभावी था। इसके कारण यूनियन नेताओं की सिफारिश पर कर्मचारियों को जहां क्वार्टर आवंटन हो जाता था, बंद है।

-वल्र्ड क्लास मेंटेनेंस (डब्ल्यूसीएम) के बेनीफिट का लाभ अब तक शुरू नहीं हुआ।

-ऑफिस बियरर की मासिक व साप्ताहिक बैठक बंद।

-बिष्टुपुर एन रोड (चूनाशाह बाबा के पास) से चारपहिया वाहनों के आवाजाही पर रोक लगी।

-14 माह से ग्रेड रिवीजन की वार्ता लंबित। अभी तक वार्ता को लेकर ठोस पहल नहीं।

-टाटा वर्कर्स यूनियन को बिना विश्वास में लिए कर्मचारियों को मिलने वाले पेमेंट स्लिप के पैटर्न में बदलाव।

-कई विभागों में आज भी रीऑर्गेनाइजेशन (आरओ) व इंसेंटिव बोनस (आइबी) लंबित।

-चुनाव के बाद से यूटिलिटी हैंड, फायरमैन या सिक्योरिटी में एक भी बहाली नहीं हुई।

-क्लब हाउस में फिर से आफिस बियरर का कब्जा शुरू।

-टीएमएच में कर्मचारियों के परिजनों को बेड मिलने में अब भी परेशानी हो रही है।

एक वर्ष में हुए बेहतर काम

-टाटा स्टील कर्मचारियों को पितृत्व अवकाश का लाभ मिलना शुरू। एक कर्मचारी अपनी सेवा अवधि में दो बार इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं ।

-बिष्टुपुर क्लब हाउस का जीर्णोद्धार हुआ।

-कालीमाटी पिकनिक स्पॉट का शुभारंभ हुआ, लेकिन मार्निंग वॉक के लिए भी प्रतिमाह देना होगा 200 रुपये का शुल्क।  


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