पहाड़ी इलाकों में भी भारी-भरकम माल गाड़ियां दौड़ेगी शेषनाग व एनाकोंडा के सहारे Jamshedpur News
आदित्यपुर से टाटानगर आने के दौरान अक्सर ऊंचाई में फंसती थी मालगाड़ी चक्रधरपुर मंडल में लौह आयस्क लोड होने के कारण ज्यादा हार्स पावर के इंजन की थी आवश्यकता।
जमशेदपुर (जागरण संवाददाता)। दक्षिण पूर्व रेलवे में अब भारी भरकम मालगाड़ियों को खींचने के लिए डबन इंजन लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। सीनी, मनोहरपुर सहित ऊंचाई व पहाड़ी वाले इलाकों में लोड मालगाड़ियों को कम हॉर्स पावर वाले इंजनों से खींचना मुश्किल होता था। चाह कर भी एक इंजन से मालगाड़ी को चालक खींच नहीं पाता था। इसके कारण मालगाड़ी को बीच रास्ते में ही रोककर डबल इंजन लगाया जाता था फिर मालगाड़ी को आगे खींचा जाता था। अब
चक्रधरपुर मंडल में शेषनाग व एनाकोंडा की मदद से सिंगल इंजन से ही 236 वैगन को आराम से पहाड़ी इलाकों में खींचा जा सकेगा। चक्रधरपुर मंडल में भारी भरकम लोह आयस्क मालगाड़ियों में लोड कर गंतव्य तक पहुंचाया जाता है। इसके कारण एनाकोंडा की मदद चक्रधरपुर मंडल में ली जाएगी। इसका सफल परीक्षण भी चक्रधरपुर मंडल में 177 भरी हुई वैगन को खींच कर किया जा चुका है। एनाकोंडा व शेषनाग के सफल परीक्षण के दौरान 12000 हार्स पावर का डब्ल्यू एजी 12 इंजन की मदद ली थी। इस इंजन की मदद से एनाकोंडा व शेषनाग के तहत 177 से 236 वैगन को खींचने की क्षमता का इजाद किया है।
चक्रधरपुर मंडल में चलता था टाईगर
चक्रधरपुर मंडल के मनोहरपुर सेक्शन में 9000 हार्स पावर का डब्ल्यू एजी 9 इंजन का परिचालन टाइगर के नाम से किया जाता था। इस इंजन में 118 वैगन को एक साथ खींचने की क्षमता थी। लेकिन अब चक्रधरपुर मंडल में 177 व 236 वैगन को खींचने की क्षमता वाली एनाकोंडा व शेषनाग का सफल परिचालन जल्द ही शुरु होगा। इसका परीक्षण हो चुका है। इस मंडल में 5000 हार्स पावर से 9000 हार्स पावर तक के इंजन का परिचालन होता रहा है। चूंकि चक्रधरपुर मंडल में लौह आयस्क मालगाड़ियों में ज्यादा लोड होता है। इस कारण इन भारी भरकम वैगन की खीचने के लिए ज्यादा हार्स पावर के इंजनों की आवश्यकता होगी।
12 रेलकर्मियों की जगह शेषनाग में तीन से चलेगा काम
59 वैगन के एक रेक में एक चालक, एक सहचालक व एक गार्ड इंजन को लेकर चलते थे। लेकिन शेषनाग में चार रैक यानी 236 वैगन का एक मालगाड़ी तैयार किया जाता है और इस मालगाड़ी में एक चालक, एक सहचालक व एक ही गार्ड की आवश्यकता होगी। यानी तीन इंजन का काम अकेले शेषनाग व एनाकोंडा द्वारा किया जाएगा। चक्रधरपुर मंडल में टाइगर की मदद से दो रैक को एक साथ खींचा जाता है। जबकि एनाकोंडा तीन व शेषनाग चार रेक को खीचने की क्षमता रखता है।
चक्रधरपुर मंडल में लौह आयस्क का ज्यादा लोड मालगाडियों में होता है। इन भारी मालगाड़ियों को खींचने के लिए ज्यादा हार्स पावर के इंजन की आवश्यकता होती है। इसके तहत एनाकोंडा को चक्रधरपुर में मंगाया गया है।
-मनीष कुमार पाठक सीनियर डीसीएम चक्रधरपुर मंडल