Move to Jagran APP

World Heart Day: दिल दे रहा दगा, राज कर रही बिगड़ती जीवनशैली; ये बरते सावधानी

शहरों में हॉर्ट ब्लॉकेज की समस्या बढ़ी है। खासकर युवा शिकार हो रहे हैं। झारखंड के जमशेदपुर में तो हर साल करीब 2500 नए मरीजों की पहचान हो रही है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 29 Sep 2019 11:49 AM (IST)Updated: Sun, 29 Sep 2019 11:49 AM (IST)
World Heart Day: दिल दे रहा दगा, राज कर रही बिगड़ती जीवनशैली; ये बरते सावधानी

जमशेदपुर, अमित तिवारी।  झारखंड के जमशेदपुर में हर साल करीब ढाई हजार हार्ट ब्लॉकेज (कोरोनरी आर्टरीज डिजीज) के नए मरीज मिल रहे हैं। हृदय रोगियों के इलाज करने वाले शहर के प्रमुख अस्पताल टीएमएच, ब्रह्मïानंद व मेडिट्रीना अस्पताल के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। खासकर युवा वर्गों को सावधान होने की जरूरत है।

loksabha election banner

 ब्रह्मïानंद अस्पताल में प्रतिमाह 70 से 80 गंभीर हार्ट ब्लॉकेज ग्रसित मरीजों की पहचान हो रही है। वहीं टीएमएच में यह संख्या करीब 80 से 90 है। जबकि मेडिट्रीना हॉस्पिटल में 30 से 35। इस तरह कुल मिलाकर हार्ट ब्लॉकेज के 2500 के करीब होते हैं। 80 फीसद शुरुआती हार्ट डिजीज को जीवनशैली में बदलाव लाकर रोका जा सकता है। विश्व में प्रत्येक वर्ष करीब एक करोड़ 80 लाख लोगों की मृत्यु हृदय रोग एवं स्ट्रोक के कारण होती है। भारत में लगभग 5.5 करोड़ लोग हृदय रोग से जूझ रहे हैं। प्रतिदिन भारत में करीब 900 युवाओं की मृत्यु हृदय रोग के कारण होती है। जिनकी उम्र 40 वर्ष से कम होती है।

शहरी लोगों में हार्ट की बीमारी अधिक

 

शहरी लोगों में हार्ट की बीमारी अधिक है। 32.8 फीसद शहरी इलाकों में एवं 22.9 फीसद ग्रामीण इलाकों में हृदय रोगों के कारण लोगों की मृत्यु होती है। हृदय रोग एवं हृदयघात अब सामान्य बीमारी हो गई है। 1990 से 2016 तक हृदय रोग एवं ब्रेन स्ट्रोक के मामले में करीब 50 फीसद का इजाफा हुआ है।

हार्ट ब्लॉकेज के कारण

  •  बिगड़ती जीवनशैली।
  •  शारीरिक श्रम नहीं करना।
  •  तनाव पूर्ण जिंदगी।
  •  अनियमित खान-पान।
  •  धूमपान का सेवन, अधिक शराब पीना।
  •  मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाई कोलेस्ट्रॉल व अनुवांशिक आदि।

हार्ट ब्लॉकेज का इलाज

  •  इस बीमारी का तीन तरह से इलाज होता है। इसमें एंजियोप्लास्टी, बाइपास सर्जरी (ओपन हार्ट सर्जरी) व मेडिकल मैनेजमेंट शामिल है। एंजियोप्लास्टी में स्टेंट लगाए जाते हैं। वहीं मेडिकल मैनेजमेंट में दवा दी जाती है। एंजियोप्लास्टी में करीब एक लाख 60 हजार रुपये खर्च होता है। वहीं बाइपास सर्जरी में दो लाख रुपये के करीब। जबकि मेडिकल मैनेजमेंट में प्रतिमाह ढाई हजार रुपये की दवा खानी पड़ती है।

हार्ट ब्लॉकेज के लक्षण

  •  श्रम करने पर सीने में दर्द व सांस फूलना।
  •  बाह व गले में दर्द होना।
  •  खाने के बाद सीने में दर्द या भारीपन लगना।
  •  श्रम करते समय अधिक पसीना आना।

ये कहते डॉक्टर

हार्ट ब्लॉकेज की समस्या तेजी से बढ़ी है। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए छह से आठ घंटे की नींद जरूरी है। साथ ही नाश्ता भी समय पर जरूर करना चाहिए। एक शोध में साबित हुआ है कि नाश्ता नियमित रूप से न करने वालों में हृदय रोग की तीन गुना बढ़ोतरी हुई है। नाश्ता न करने से मोटापा बढ़ता है और मधुमेह का खतरा भी बढ़ जाता है।

- डॉ. संतोष गुप्ता, हृदय रोग विशेषज्ञ, ब्रह्मïानंद अस्पताल


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.