Move to Jagran APP

गण के तंत्र :: 'क' से कुपोषण व 'ख' से खत्म

शहर के बीचों-बीच बसी मलिन बस्ती में हर दिन क से कबूतर की जगह क से कुपोषण और ख से खरगोश नहीं खत्म की आवाज सुनी जा सकती है। एकबारगी यह कोई स्लोगन लगता है लेकिन यह खालिस पढ़ाई का हिस्सा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 11:46 PM (IST)Updated: Tue, 21 Jan 2020 11:46 PM (IST)
गण के तंत्र :: 'क' से कुपोषण व 'ख' से खत्म
गण के तंत्र :: 'क' से कुपोषण व 'ख' से खत्म

अमित तिवारी, जमशेदपुर : शहर के बीचों-बीच बसी मलिन बस्ती में हर दिन 'क' से कबूतर की जगह 'क' से कुपोषण और 'ख' से खरगोश नहीं, खत्म की आवाज सुनी जा सकती है। एकबारगी यह कोई स्लोगन लगता है, लेकिन यह खालिस पढ़ाई का हिस्सा है। जो शिक्षक द्वारा ककहारा सिखाने के दौरान बच्चों को बताया जाता है। दरअसल यह शिक्षित समाज बनाने की कड़ी में सामाजिक कार्यकर्ता मनोज मिश्रा के प्रयास का प्रतिफल है। बच्चों के लिए बनाई लाइब्रेरी : रोजाना करीब एक हजार लोगों के बीच भोजन का वितरण वाले रोटी बैंक चलाने से मनोज की पहचान है। बहुत कम लोगों को पता है कि उन्होंने स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों को शिक्षित करने लाइब्रेरी बनवाई और एक शिक्षक को रखकर मुफ्त पढ़ाई शुरू करवाई। यहां बच्चों को किताब देने के साथ-साथ मुफ्त पढ़ाया जाता है। वे बताते हैं, उनका लक्ष्य शिक्षा के माध्यम से स्वस्थ समाज का निर्माण करना है। अगर बच्चे कुषोषण और खत्म जानने तो बड़े होकर निश्चित रूप कुपोषण को खत्म करने की लड़ाई में बड़े योद्धा सिद्ध होंगे। पहले चरण में 25 बच्चे को प्रशिक्षण : उन्होंने बताया कि पहले चरण में स्कूल नहीं जाने वाले छायानगर के 25 बच्चों को जोड़ा गया है। इन बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ भरपेट भोजन रोटी बैंक के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है। इस प्रयोग से मिल रही सफलता से उत्साहित मनोज इसका जल्द ही विस्तार करने वाले हैं। उनका कहना है सरकार की तरफ से मिलने वाली योजनाओं के बारे में जानकारी नहीं होती। गर्भवती होने पर उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसकी जानकारी भी नहीं होती। वहीं गरीबी की वजह से मां व बच्चे का पेट भर नहीं पाता और वे दोनों कुपोषण की चपेट में आ जाते। अब 'क' से कुपोषण का पाठ पढ़ने वाले बच्चे अपनी आवाज बुलंद करेंगे।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.