जमशेदपुर में जन्मा पांच किलो 95 ग्राम का नवजात, देखने उमड़ पड़ी भीड़ Jamshedpur News
पांच किलो 95 ग्राम का नवजात देखकर डॉक्टर हैरान हैं। इसका जन्म जमशेदपुर के बारीडीह के मर्सी अस्पताल में हुआ है। देखने के लिए अस्पताल में भीड़ उमड़ पड़ी।
जमशेदपुर, अमित तिवारी। पांच किलो 95 ग्राम का नवजात देखकर डॉक्टर हैरान हैं। इसका जन्म जमशेदपुर के बारीडीह के मर्सी अस्पताल में हुआ है। देखने के लिए गुरुवार को भीड़ उमड़ पड़ी। सोनारी की रहने वाली महिला ने इसे जन्म दिया। सामान्य से दोगुना वजनी होने के कारण यह नवजात चर्चा का विषय बन गया है। चिकित्सीय टीम का कहना है कि उन्होंने पहली बार ऐसा नवजात देखा है।
उनका दावा है कि झारखंड का यह पहला वजनी नवजात है। नवजात का शरीर मोटा है लेकिन, तंदुरुस्त है। 45 दिनों तक उसे चिकित्सकों की निगरानी में रखा जाएगा। इसके बाद शारीरिक जांच होगी। यह पता लगाया जाएगा कि कोई बीमारी तो नहीं है। जच्चा-बच्चा की स्थिति को देख डॉक्टरों को ऐसा लग रहा था कि नवजात को बचा पाना मुश्किल होगा। लेकिन, दोनों सेहतमंद हैं।
मां को है मधुमेह
डॉक्टरों के मुताबिक, सामान्यत नवजात का वजन 2.5 से 3.5 किलोग्राम तक होता है। सरिता देवी जब तीन माह की गर्भवती थीं तो उनमें मधुमेह रोग की पुष्टि हुई थी। इसके बाद उनका इलाज भी चल रहा था। मधुमेह ग्रस्त महिलाओं के बच्चों का वजन अधिक पाया जाता है। उसका वजन चार से 4.50 किलोग्राम तक होता है। लेकिन, इस बच्चे का वजन काफी अधिक है।
मणिपुर में पैदा हुआ सबसे वजनी बच्चा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मणिपुर के इंफाल में 5.900 किलो का नवजात जन्म ले चुका है। उसे देश में सबसे वजनी माना गया था। वहीं गुजरात के सूरत में भी 5.7 किलो का नवजात पैदा हो चुका है।
बच्चों को बीमारी का अधिक खतरा
- इस तरह के बच्चों को बीमारी होने का अधिक खतरा रहता है।
- जन्म के बाद हाइपोग्लाइसीमिया यानी ब्लड शुगर कम होने की शिकायत मिलती है।
- दिल के आकार में गड़बड़ी और बीमारी की आशंका रहती है।
- लो ब्लड कैल्शियम, पीलिया, समय से पूर्व जन्म, ब्रेन व स्पाइनल डिफेक्ट, पैर में डिफेक्ट हो सकता है।
नवजात का ज्यादा वजन होने की मुख्य वजह मां को मधुमेह होना है। मधुमेह के प्रति लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। भागदौड़ की जिंदगी में यह बीमारी तेजी से फैल रही है। डॉ. शुभोजित बनर्जी, शिशु रोग विशेषज्ञ, मर्सी अस्पताल।