कृत्रिम अंग पाकर दिव्यागों के खिले चेहरे
साकची स्थित रेड क्रास भवन में आयोजित नौ दिवसीय राज्य स्तरीय कृत्रिम अंग शिविर का समापन रविवार को हुआ। इस मौके पर दिव्यांगों के चेहरे खिले हुए थे।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : साकची स्थित रेड क्रास भवन में आयोजित नौ दिवसीय राज्य स्तरीय कृत्रिम अंग शिविर का समापन रविवार को हुआ। इस मौके पर दिव्यांगों के चेहरे खिले हुए थे।
सिदगोड़ा के कृष्ण रोड निवासी मुलका खान अपना ई-रिक्शा लेकर पहुंचा था। वे पैर से दिव्यांग है, जिसके कारण उसे ई-रिक्शा में ब्रेक लगाने व चलने-फिरने में परेशानी होती थी। बैसाखी के सहारे उनकी जिंदगी चलती थी। लेकिन, अब वह खुद ही दौड़ने लगा है। ब्रेक भी आसानी से लगा रहा है। ऐसा इसलिए संभव हो सका है कि उसे कृत्रिम अंग लगाया गया। इसी तरह, दर्जनों दिव्यांग कार्यक्रम में शामिल थे, जो अपनी-अपनी खुशियां जाहिर कर रहे थे।
धतकीडीह से आए रमेश ने बताया कि उनके अंदर भी अपने माता-पिता, समाज व देश का नाम रोशन करने का सपना है। लेकिन, उन्हें किसी तरह का सहयोग नहीं मिलता। जिसके कारण वे लोग चाहकर भी ज्यादा कुछ नहीं कर पाते। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के लिए इस तरह की सुविधा होने पह वह काफी आगे तक जा सकता है।
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910 लोगों को लगा कृत्रिम अंग
भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति, जयपुर फुट यूएसए के द्वारा भारतीय रेड क्रास सोसाइटी तथा केके एजुकेशनल फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से आयोजित शिविर में कुल 901 जरूरतमंद दिव्यांगों को कृत्रिम अंग व उपकरण प्रदान किए गए। समापन समारोह में केके एजुकेशनल फाउंडेशन की संरक्षक उर्मिला देवी, समाजसेवी श्याम सुंदर खेमानी, रेडक्रास के सदस्य अरुण बाकरेवाल, वरिष्ठ पत्रकार जयप्रकाश राय, रेडक्रास के उपाध्यक्ष बालमुकुंद गोयल, केके एजुकेशनल फाउंडेशन के अध्यक्ष विकास सिंह, संयोजक रश्मि सिंह ने जयपुर से आए भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति तथा जयपुर फुट यूएसए के तकनीकी कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया। वहीं जमशेदपुर के कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि श्याम सुंदर खेमानी ने कहा कि जयपुर से आई पूरी टीम ईश्वरीय अवतार है, जिसके कारण दिव्यांगों का भला हो पाता है। शिविर में 190 लोगों को कृत्रिम पैर, 193 लोगों को कैलीपर्स, 50 लोगों के हाथ बनाए गए, 70 व्हील चेयर, 50 ट्राई साइकिल, 99 जोड़ी बैसाखी, 196 कान के यंत्र, 103 स्टीक एवं अन्य यंत्र लगाए गए। इस अवसर पर रेड क्रास के मानद सचिव विजय कुमार सिंह सहित अन्य उपस्थित थे।
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पहली बार अपने पैर से चले काजल राय
सिदगोड़ा स्थित दस नंबर निवासी काजल दास रविवार को कृत्रिम पैर लगने के बाद दोनों पैर से चलते दिखे। वह बचपन से ही दिव्यांग है। काजल दास ने बताया कि पोलियो की वजह से वह दिव्यांग हो गए थे। पहली बार दोनों पैर से चलकर काफी अच्छा महसूस हो रहा है।
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दिव्यांगों की लड़ाई लड़ेगा सपन
बारीडीह निवासी सपन माझी भी पहली बार कृत्रिम पैर से चल रहा है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के नाम पर सरकार सिर्फ योजनाएं चलाती हैं लेकिन हकीकत में उनपर कोई ध्यान नहीं देता। दिव्यांगों को अगर कृत्रिम अंग लग जाता है तो वें भी सामान्य व्यक्ति की तरह अपना लक्ष्य हासिल कर लेते हैं।