झारखंड में दूसरी बार सफल रही जबड़ा, हाथ, गर्दन व छाती की हड्डी टूटने की सर्जरी
हादसे में इस शख्स का जबड़ा हाथ व गर्दन के पास की हड्डी टूटने के साथ-साथ छाती के भी दो हड्डी टूट गई थी। डॉक्टरों की टीम ने 10 घंटे में सफल ऑपरेशन कर जान बचा ली।
जमशेदपुर, जासं। लगभग दस घंटे तक सर्जरी कर एक गंभीर मरीज की जान चिकित्सकों ने बचा ली। यह सर्जरी झारखंड में दूसरी बार हुई है। इससे पहले टीएमएच में एक ऐसा ही सफल ऑपरेशन हुआ था। बिष्टुपुर स्थित मेडिका अस्पताल में स्पाइनल का एक जटिल ऑपरेशन किया गया। इसमें किसी प्रकार की कोई चूक होती तो मरीज की जान चले जाती।
मेडिका अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ. फते बहादुर सिंह व डॉ. जंग बहादुर ने बताया कि पिंटू सिंह नौ जुलाई को एक टेलर की चपेट में आ गया था। इसमें उसके जबड़ा, हाथ व गर्दन के पास की हड्डी टूटने के साथ-साथ छाती के भी दो हड्डी टूट गई थी। मरीज को सबसे पहले सरायकेला अस्पताल ले जाया गया। वहां से टीएमएच भेज दिया गया। यहां से भी हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। इसके बाद मरीज को मेडिका अस्पताल में रेफर किया गया। यहां पर डॉ. फते बहादुर व डॉ. रोहित कुमार ने इलाज शुरू किया। मरीज की स्थिति काफी गंभीर थी।
पांच डॉक्टरों की टीम ने किया ऑपरेशन
इसे देखते हुए पांच डॉक्टरों की एक टीम बनाई गई। इसके बाद करीब 10 घंटे तक सर्जरी चला, जो सफल रहा। ऑपरेशन करने में डॉ. फते बहादुर, डॉ. रोहित कुमार, डॉ. गौरी शंकर, डॉ. सोमनाथ मांझी, डॉ. एस नागी शामिल है। चिकित्सकों का दावा है कि इस तरह के ऑपरेशन पूरे झारखंड में दूसरी बार हुआ है। डॉ. फते बहादुर ने कहा कि स्पाइनल इंज्यूरी को गंभीरता से लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गर्दन में इंज्यूरी है तो अच्छे डॉक्टर को दिखाए। अगर सही से इसका कॉलर लगाया जाए तो काफी हद तक ठीक हो सकता है।
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