महिलाओं ने दिखाया बुलंद हौसला, बेटियों को बचाने का लिया संकल्प
'बेटी जब घर में चहकेगी तभी जीवन की बगिया महकेगी.., बेटी को मारोगे तो बहू कहां से लाओगो..' जैसे नारों से बुधवार को शहर गूंज उठा।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : 'बेटी जब घर में चहकेगी तभी जीवन की बगिया महकेगी.., बेटी को मारोगे तो बहू कहां से लाओगो..' जैसे नारों से बुधवार को शहर गूंज उठा। इस दौरान सिर पर लाल टोपी व हाथ में बैनर-पोस्टर थामी सड़क पर उतरी सैकड़ों महिलाओं का हौसला बुलंद दिखा। दरअसल, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत बुधवार को बिष्टुपुर स्थित मोदी पार्क से एक रैली निकाली गई थी, जो बागे जमशेदपुर होते हुए साकची गोलचक्कर तक पहुंची। इसका आयोजन महिला डॉक्टरों के समूह जमशेदपुर ऑब्सटेट्रिक एंड गायनोकोलॉजी सोसाइटी द्वारा किया गया था।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पद्मश्री प्रेमलता अग्रवाल पहुंचीं। उन्होंने कहा कि जमशेदपुर की बेटियां किसी से कम नहीं। रैली को प्रेमलता अग्रवाल, सिविल सर्जन डॉ. महेश्वर प्रसाद व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के अध्यक्ष डॉ. उमेश खां ने बैलून उड़ाकर रवाना किया। इस मौके पर सिविल सर्जन ने कहा कि बेटियों के लिए पूरे शहर को एकजुट होना एतिहासिक है।
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इन संस्थाओं का रहा सहयोग
कार्यक्रम को सफल बनाने में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए), ब्रह्मकुमारीज, लायंस क्लब, वीरांगना, मारवाड़ी महिला मंच, क्षत्रिय महिला समिति, लायंस फेमिना, गुजराती समाज सहित अन्य समाजिक संगठनों का योगदान रहा। वहीं रैली में टीएमएच, सदर, एमजीएम सहित अन्य अस्पतालों के डॉक्टर शामिल हुए। इस अंवसर पर एमजीएम कॉलेज की डॉ. वनिता सहाय, सदर अस्पताल की उपाधीक्षक डॉ. वीणा सिंह, टीएमएच की डॉ. मौसमी दास, डॉ. रागिनी सिंह, डॉ. रेणुका चौधरी, डॉ. आशा गुप्ता सहित अन्य उपस्थित थीं।
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बेटी के जन्म पर एपेक्स में मिलती 20 फीसद की छूट
बाराद्वारी स्थित एपेक्स हॉस्पिटल में बेटियों की जन्म पर 20 फीसद की छूट व तोहफा दिया जाता है। संचालक डॉ. रेणुका चौधरी ने कहा कि सिजेरियन व समान्य ढंग से प्रसव होने वाले मां को यह छूट मिलती है। इसकी शुरुआत बीते साल की गई थी।
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स्लोगन प्रतियोगिता में ब्रह्मकुमारीज ने मारी बाजी
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के लिए हुई 'वॉक फॉर कॉज' में स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें ब्रह्मकुमारीज संस्था ने प्रथम स्थान हासिल किया। जबकि मारवाड़ी महिला मंच और प्रीत मोहन ने क्रमश: द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किया।
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कोट :::
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ को लेकर बीते कई सालों से काम चल रहा है लेकिन अब महिला डॉक्टर भी सड़क पर उतर आई हैं। इससे समाज में एक अच्छा संदेश जाएगा।
- डॉ. वनिता सहाय।
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पहली बार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ को लेकर पूरा शहर एकजुट हुआ है। लोगों ने बेटी बचाने का शपथ लिया है। इससे एक सकारात्मक माहौल बनेगा।
- माया कपूर।
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बेटा-बेटी के बीच भेद-भाव को खत्म करने के लिए यह एक अच्छी पहल है। इससे समाज में जागरुकता बढ़ेगी। अब बेटी भी बेटों को टक्कर दे रही है।
- सीता सिंह।
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आज का दिन खास है। सौ साल पहले ही इस शहर का नाम जमशेदपुर पड़ा था और आज हमलोग बेटा-बेटी के बीच भेदभाव को खत्म करने का संकल्प ले रहे है।
- भारती सिंह।
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पहली बार इतने बड़े पैमाने पर इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हो रहा है, जो सराहनीय है। इसमें आधे दर्जन से अधिक समाजिक संगठनों ने भाग लिया है जिसका परिणाम भी दिखेगा।
- दीपा सिंह।
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