पोलियो फर्जीवाड़ा कर बच्चों की सेहत से खेल रहा विभाग
दैनिक जागरण में पोलियो ड्राप पिलाने की फर्जीवाड़ा की खबर छपने के
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : दैनिक जागरण में पोलियो ड्राप पिलाने की फर्जीवाड़ा की खबर छपने के बाद जांच की मांग तेज हो गई है। गुरुवार को झारखंड ह्यूंमन राइट्स कांफ्रेंस (जेएचआरसी) ने उपायुक्त अमित कुमार के माध्यम से पीएमओ, सीएमओ व स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव निधि खरे को पत्र भेजकर उच्च स्तरीय जांच व कार्रवाई की मांग की है।
जेएचआरसी प्रमुख मनोज मिश्रा ने कहा कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पोलियो उन्मूलन अभियान में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा कर बच्चों की सेहत के साथ खिलवाड़ की गई है। बीते कई सालों से यह खेल चल रहा है। कागजों में ही पोलियो उन्मूलन अभियान सिमट कर रह गया है। घर-घर जाकर न तो पोलियो ड्रॉप पिलायी गई है और न ही कभी इसका क्रास चेक किया गया। उन्होंने पूरे मामले व पांच वर्ष पूर्व से सोशल ऑडिट कराने की भी मांग राज्य व केंद्र सरकार से की है।
पूर्वी सिंहभूम जिले में 11 से 13 मार्च तक अभियान चलाया गया था। इसके तहत कुल तीन लाख 81 हजार बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। स्वास्थ्य विभाग ने इस लक्ष्य को पूरा करने का दावा भी कर दिया है पर, दैनिक जागरण की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि शहर के कई क्षेत्रों में पोलियो अभियान की टीम पहुंची ही नहीं हैं। इससे सैकड़ों बच्चे पोलियो ड्रॉप पीने से वंचित रह गए हैं। इसके तह में जाने से यह बात सामने आ रहीं है कि शहरी क्षेत्रों की जिम्मेवारी छह एनजीओ के जिम्मे थी। उन्हें ड्रॉप पिलाने के लिए घर-घर जाना था, लेकिन उनके कर्मचारी पहुंचे ही नहीं। इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कुल 2600 कर्मचारियों को लगाया था।
इस अवसर पर श्याम लाल, जगन्नाथ महंती, गुरुमुख सिंह, हरिश्चंद्र सबलोक, डीएन शर्मा, महेंद्र सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
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ऐसा हुआ पोलियो फर्जीवाड़ा का खुलासा
13 मार्च को अभियान खत्म होने के बाद दैनिक जागरण की टीम ने 14 मार्च को मानगो, साकची, बिष्टुपुर, टेल्को, सोनारी तथा कदमा क्षेत्र की पड़ताल की थी। इस दौरान पाया गया था कि पोलियो अभियान की टीम उन क्षेत्रों में पहुंची ही नहीं है। इसके कारण सैकड़ों बच्चे ड्रॉप पीने से वंचित रह गए हैं।
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जांच के लिए जल्द आएगी विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम
पोलियो फर्जीवाड़ा का मामले उजागर होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने गंभीरता से लेते हुए जांच कराने का आदेश दिया है। उन्होंने निदेशक प्रमुख-स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. सुमंत मिश्रा को इसकी थर्ड पार्टी जांच विश्व स्वास्थ्य संगठन की राज्य इकाई से कराने को कहा है। इस मामले की जांच के लिए इसी सप्ताह रांची से टीम पहुंचेगी।
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