पद्मश्री दिगंबर हांसदा के घर पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, कहा-युगों-युगों तक जीवित रहेंगी इनकी कृतियां Jamshedpur News
पद्मश्री प्रोफेसर दिगंबर हांसदा का गुरुवार को निधन हो गया। शुक्रवार को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार बिष्टुपुर स्थित पार्वती घाट पर किया गया। जिसमें झारखंड सरकार के प्रतिनिधि के रूप में राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी।
जमशेदपुर (जासं) । पद्मश्री प्रोफेसर दिगंबर हांसदा का गुरुवार को निधन हो गया। शुक्रवार को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार बिष्टुपुर स्थित पार्वती घाट पर किया गया। जिसमें झारखंड सरकार के प्रतिनिधि के रूप में राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी। शनिवार को दोपहर में स्वास्थ्य मंत्री स्व. दिगंबर हांसदा के करनडीह स्थित सारजोम टोला आवास पर पहुंचे।
वहां उनके बड़े पुत्र पूरन हांसदा समेत परिवार के लोगों से मिले और सांत्वना दी। उनके चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किया। कहा कि मैं यहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रतिनिधि के रूप में आया हूं। स्व. हांसदा एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। विद्वान थे। उनकी विद्वता को देश ने पद्मश्री भेंटकर आदर किया था। ये प्रोफेसर रहते हुए आदिवासी भाषा-साहित्य और कला-संस्कृति से जुड़ी कई संस्थाओं में सक्रिय रहे थे। इनके योगदान को जमशेदपुर, झारखंड व देश ही नहीं पूरा समाज युगों-युगों तक याद रखेगा। इनकी कृतियां हमेशा जीवित रहेंगी।
इन्होंने संथाली भाषा-साहित्य को नया आयाम दिया था। प्रोफेसर रहते हुए इन्होंने छात्रों-बच्चों को जो प्यार दिया था, वे उन्हें हमेशा याद रहेंगी। इनका मृदुभाषी और सरल व्यक्तित्व कोई भूल नहीं पाएगा। इस मौके पर बन्ना गुप्ता ने एक कविता भी कही ‘जिंदगी काे सबने देखा, मौत की किसे खबर। आती है मुक्ति बनकर नींद का ये लंबा सफर। न इसकी कोई मंजिल है, ना इसकी कोई डगर। मौत का कोई ठौर नहीं, ये जिंदगी का सफर।’