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मासिक वेतन देने की लालच में नक्सली संगठन में शामिल कराता था महाराज

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली राकेश मुंडा ने सरायकेला पुलिस को बताया कि वह कुचाई थाना क्षेत्र के कुदाडीह में महराज प्रमाणिक का दस्ता में शामिल था जिसमें उसके अलावा 10-12 और लोग थे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 10:53 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 10:53 PM (IST)
मासिक वेतन देने की लालच में नक्सली संगठन में शामिल कराता था महाराज
मासिक वेतन देने की लालच में नक्सली संगठन में शामिल कराता था महाराज

जासं, जमशेदपुर : आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली राकेश मुंडा ने सरायकेला पुलिस को बताया कि वह कुचाई थाना क्षेत्र के कुदाडीह में महराज प्रमाणिक का दस्ता में शामिल था, जिसमें उसके अलावा 10-12 और लोग थे। मई 2016 में गांव में आने के बाद उसे जबरन दस्ते में चलने को कहा। इसके लिए उसे मासिक वेतन देने की बात कही गयी। जंगल जाने के बाद उसे हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उसे रायफल दिया गया। संगठन के मुख्य प्रशांत बोस उर्फ किशन दा, अनल दा उर्फ पतिराम मांझी से मिलवाया गया। जनवरी 2019 में कुचाई के चारसुइड पहाड़ में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ के बाद उसे एसएलआर दिया गया। उसने बताया कि संगठन के लोग (नक्सली) झारखंड विधानसभा चुनाव (2019) को बाधित करने के लिए हुंडगदा सुरु डैम एवं रायसिदरी पहाड़ी पर पहुंचे थे। जहां पुलिस के साथ मुठभेड़ हुआ। जिसमें एक साथी प्रदी स्वांसी मारा गया था। राकेश ने बताया कि संगठन में शामिल होने से पहले वह गुजरात में मजदूरी करता था।

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तबियत खराब थी, 10-15 रुपये की मदद मांगी लेकिन नहीं मिला : चांदनी

चांदनी ने बताया 2018 में नक्सली महराज प्रमाणिक खरसावां थाना क्षेत्र के रायजमा गांव आया था। उसने मुझे और पिता को बोला कि सुरु डैम बनने के कारण गांव डूब रहा है। डैम बनने से रोक देंगे और जबरन मुझे साथ ले गया। दस्ते में शामिल होने के बाद जोम्बरो पहाड़ पर मैं खाना बनाने लगी। इस दौरान हथियार चलाने का प्रशिक्षण भी दिया गया। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद संगठन की ोर से मुझे कारबाइन दिया गया। संगठन के रमेश दा से मेरी मुलाकात जोम्बरो में हुई थी। रायजमा में पुलिस पिकेट बनाने से संगठन के लोग परेशान थे। अप्रैल में आइडी विस्फोट कर पुलिस से मुठभेड़ किया गया था। इस मुठभेड़ में मैं भी शामिल थी। इसके फरवरी में राकेश मुंडा के घर की कुर्की हुई। तबीयत भी खराब रहती थी। 10-15 रुपये मांगने पर महराज प्रमाणिक ने नहीं दिया। तब से संगठन से मोहभंग हो गया। चांदनी ने बताया कि सुरु डैंम डूबने का गलत प्रचार कर उसे पार्टी में शामिल कराया था। राकेश और हमने तय किया गया जंगल घूमने से अच्छा है कि दस्ता छोड़ भाग जाएं। दोनों भाग निकले और आत्मसमर्पण कर दिया।


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