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यदि आप कोरोना मरीज हैं तो इलाज के लिए बैंक से ले सकते हैं पांच लाख रुपये तक कर्ज

कोरोना के कारण हर कोई की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। एक कोरोना मरीज को इलाज के लिए डेढ़ लाख रुपये तक खर्च करने पड़ रहे है। ऐसी स्थिति में कई सरकारी बैंक लोन की पेशकश कर रही है ताकि अस्पताल का खर्चा आप भुगतान कर सके।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Wed, 02 Jun 2021 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 02 Jun 2021 06:00 AM (IST)
यदि आप कोरोना मरीज हैं तो इलाज के लिए बैंक से ले सकते हैं पांच लाख रुपये तक कर्ज
यदि आप कोरोना मरीज हैं तो इलाज के लिए बैंक से ले सकते हैं पांच लाख रुपये तक कर्ज

जमशेदपुर, जासं। कोविड-19 (कोरोना) काल में कई लोगों को नुकसान हुआ है। कोई काम-धंधा बंद होने से परेशान है, तो कोई बीमारी की वजह से टूट गया है। ऐसे में इलाज कराने के लिए सरकारी बैंक से आपको पांच लाख रुपये तक कर्ज मिल सकता है।

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सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कोरोना का इलाज कराने के लिए पांच लाख रुपये तक व्यक्तिगत ऋण (पर्सनल लोन) दे रहे हैं। यह कर्ज बीमार व्यक्ति या परिवार के किसी सदस्य के लिए भी मिल सकता है।

जमशेदपुर के वित्तीय सलाहकार सीए रमेश गुप्ता बताते हैं कि पर्सनल लोन पहले भी बैंक देते रहे हैं। इसमें कोई नई बात नहीं है, लेकिन कोरोना के इलाज के लिए पर्सनल लोन मिल रहा है, तो यह नई पेशकश है। जानकारी के मुताबिक इसके तहत कम से कम 25 हजार रुपये और अधिक से अधिक पांच लाख रुपये है। इसकी किस्त पांच वर्ष तक चुका सकते हैं, यह बड़ी राहत है।

ब्याज दर में राहत, बड़ी बात

आमतौर पर पर्सनल लोन सभी बैंक देते हैं। इसका तरीका भी दूसरे ऋण की तुलना में आसान होता है, लेकिन इसकी खासियत है कि इसमें ब्याज दर लगभग आधा है। आमतौर पर पर्सनल लोन में 14 से 18 प्रतिशत तक ब्याज लिया जाता है, जबकि कोरोना के नाम पर लिए गए ऋण में लगभग 7-8 प्रतिशत ब्याज लिया जाएगा। यह बहुत बड़ी राहत की बात है।

हालांकि यह लोन उसी व्यक्ति को मिलेगा जो करीब एक वर्ष से उसी बैंक से वेतन या पेंशन की राशि निकाल रहे हैं। इसके अलावा इस ऋण के हकदार वैसे लोग होंगे, जिसने उसी बैंक से घर, गाड़ी या कोई दूसरा ऋण पहले से ले रखा हो। तीसरा व्यक्ति ऐसा भी हो सकता है, जो इन दोनों श्रेणी में नहीं आते हैं। ऐसा व्यक्ति आयकरदाता हो सकता है, लेकिन उसका खाता उस बैंक में होना अनिवार्य है। इसके अलावा अलग-अलग बैंक इसमें ऋणधारक को मानवीयता के आधार पर अलग-अलग मोहलत भी दे रहे हैं। 


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