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गोविंदपुर जलापूर्ति योजना जून तक शुरू नहीं हुई तो सख्त कार्रवाई, ठेकेदार पर बिफरी विश्व बैंक की टीम

वश्व बैंक की टीम ने शुक्रवार को छोटा गोविंदपुर और बागबेड़ा जलापूर्ति योजनाओं का जायजा लिया। विश्व बैंक की टीम चाहती है कि जून के पहले हफ्ते में गोविंदपुर जलापूर्ति योजना का उद्घाटन कर दिया जाए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 08:58 AM (IST)Updated: Sun, 19 May 2019 06:38 AM (IST)
गोविंदपुर जलापूर्ति योजना जून तक शुरू नहीं हुई तो 
सख्त कार्रवाई, ठेकेदार पर बिफरी विश्व बैंक की टीम
गोविंदपुर जलापूर्ति योजना जून तक शुरू नहीं हुई तो सख्त कार्रवाई, ठेकेदार पर बिफरी विश्व बैंक की टीम

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : विश्व बैंक की टीम ने शुक्रवार को छोटा गोविंदपुर और बागबेड़ा जलापूर्ति योजनाओं का जायजा लिया। विश्व बैंक की टीम चाहती है कि जून के पहले हफ्ते में गोविंदपुर जलापूर्ति योजना का उद्घाटन कर दिया जाए। क्योंकि, 23 मई को लोकसभा चुनाव की मतगणना का काम खत्म होने के बाद आचार संहिता भी खत्म हो जाएगी। गोविंदपुर में टेस्टिंग चल रहीह है और विश्वबैंक की टीम ने टेस्टिंग का काम जल्द खत्म करने को कहा है। बागबेड़ा जलापूर्ति योजना की शुरुआत जुलाई या अगस्त तक करने को कहा गया है। विश्वबैंक की टीम ने सुस्त काम करने के लिए दोनों जगह के ठेकेदारों को आड़े हाथों लिया और तेजी से काम करने के निर्देश दिए। छोटा गोविंदपुर जलापूर्ति योजना में घटिया पाइप बिछाने की शिकायत होने पर भी ठेकेदार से पूछताछ की गई। साथ ही छोटा गोविंदपुर में टेस्टिंग काम जल्द खत्म करने को कहा गया ताकि इसका उद्घाटन हो सके।

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योजना को लेकर टीम से की गई शिकायत

विश्व बैंक के अधिकारी हरी सिंह और निशांत सिन्हा दोनों जलापूर्ति योजनाओं का जायजा लेने सुबह जमशेदपुर पहुंचे। विश्व बैंक के अधिकारी सुबह 11 बजे छोटा गोविंदपुर पहुंचे। विश्व बैंक की टीम यहां निरीक्षण कर ही रही थी कि जिला परिषद सदस्य सुनीता साह और उप मुखिया संघ के अध्यक्ष सतबीर सिंह बग्गा के नेतृत्व में पंचायत प्रतिनिधि पहुंच गए। सतबीर सिंह बग्गा और अन्य पंचायत प्रतिनिधियों ने छोटा गोविंदपुर जलापूर्ति योजना की पोल खोल कर रख दी। विश्व बैंक के अधिकारियों को बताया गया कि योजना में बड़ी अनियमितता बरती गई है।

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40 फीसद इलाके में बिछी नहीं पाइपलाइन

शिकायत की गई कि छोटा गोविंदपुर के 40 फीसद हिस्से में पाइपलाइन ही नहीं बिछाई गई। इसके लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारी जिम्मेदार हैं। या तो उन्होंने इलाके का सर्वे ढंग से नहीं किया और अगर सर्वे कर इन इलाकों मे पाइपलाइन बिछाने का खाका तैयार किया गया था तो फिर इसकी अनदेखी कर ठेकेदार ने अनियमितता करते हुए बस्तियों में पाइपलाइन नहीं बिछाई। यही नहीं, जहां पाइपलाइन बिछाई गई है वहां भी घटिया पाइप का इस्तेमाल किया गया है। इस वजह से पाइप फट रहा है। इसकी शिकायत पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से की गई लेकिन, वो भी मामले की लीपापोती में जुटा है।

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जांच कर दोषियों पर हो कार्रवाई

पंचायत प्रतिनिधियों ने विश्व बैंक के अधिकारियों को मामले की जांच कराने के बाद दोषियों पर कार्रवाई करने के लिए 25 मई तक की मोहलत दी है। कार्रवाई नहीं होने पर 26 मई से पंचायत प्रतिनिधि छोटा गोविंदपुर जलापूर्ति प्लांट के बाहर अनिश्चित कालीन धरना देंगे। विश्वबैंक की टीम ने बागबेड़ा जलापूर्ति योजना का जायजा लिया और जल्द काम खत्म करने को कहा। इसके बाद आदित्यपुर के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के दफ्तर में विश्वबैंक की टीम ने बैठक कर दोनों योजनाओं की समीक्षा की।

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