Jharkhand Governor in Chakulia : चाकुलिया में राज्यपाल बोलीं- गोपालन से लोग बन सकते हैं आत्मनिर्भर
Jharkhand Governor in Chakulia. राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि गोवंश की रक्षा सिर्फ गौशालाओं का दायित्व नहीं बल्कि हर मनुष्य का कर्तव्य है। गोपालन के जरिए लोग आत्मनिर्भर बन सकते हैं। गाय का सिर्फ दूध ही नहीं इसका गोबर एवं गोमूत्र भी काफी उपयोगी होता है।
चाकुलिया (पूर्वी सिंहभूम), जासं। Jharkhand Governor in Chakulia प्रदेश की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि गोवंश की रक्षा सिर्फ गौशालाओं का दायित्व नहीं बल्कि हर मनुष्य का कर्तव्य है। गोपालन के जरिए लोग आत्मनिर्भर बन सकते हैं। गाय का सिर्फ दूध ही नहीं इसका गोबर एवं गोमूत्र भी काफी उपयोगी होता है। इसलिए शास्त्रों में भी गाय को माता का दर्जा दिया गया है।
रविवार को पूर्वी सिंहभूम जिला के चाकुलिया में राज्य गो सेवा आयोग के प्रथम अध्यक्ष स्वर्गीय पुरुषोत्तम झुनझुनवाला की मूर्ति अनावरण समारोह को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय झुनझुनवाला गौ सेवा के प्रति समर्पित समाजसेवी थे। उनकी प्रतिमा युवा पीढ़ी को गौ सेवा के प्रति प्रेरित करेगी। झुनझुनवाला एक सफल उद्योगपति होने के साथ-साथ समाज से जुड़े हुए व्यक्ति थे। उनका ध्यान व्यवसाय से अधिक समाजसेवा पर रहता था। गो सेवक के रूप में उन्होंने देश भर में ख्याति अर्जित की थी। चाकुलिया गौशाला का अध्यक्ष बनने के बाद वे इसे नई ऊंचाई पर ले गए थे। गोवंश से मिलने वाले पंचगव्य का प्रयोग औषधि के रूप में कर उन्होंने बता दिया था कि कैसे गाय पालकर स्वावलंबी बना जा सकता है।
लोगों को आगे आना होगा
राज्यपाल ने कहा कि सिर्फ गौशालाओं के बूते गो संपदा का संरक्षण नहीं हो सकता, इसके लिए समाज को जागरूक होकर आगे आना होगा। सिर्फ गाय ही नहीं प्रकृति से जुड़ी हर चीज जैसे नदी, पेड़-पौधे आदि का संरक्षण भी जरूरी है। तभी इस धरती पर हमारा अस्तित्व बन सकता है। समारोह के दौरान राज्यपाल ने झुनझुनवाला के जीवन पर आधारित एक पत्रिका का भी विमोचन किया।
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद
र्यककार्यक्रम में कोल्हान आयुक्त मनीष रंजन, डीआईजी राजीव रंजन सिंह, जमशेदपुर डीसी सूरज कुमार, एसएसपी एम तमिलवणन, डीडीसी परमेश्वर भगत, डीआरडीए निदेशक सौरव सिन्हा, एडीएम एनके लाल, एनईपी निदेशक ज्योत्सना सिंह, घाटशिला एसडीओ सत्यवीर रजक गौशाला अध्यक्ष गिरधारी गोयनका, सचिव संजय लोधा, स्वर्गीय झुनझुनवाला के पुत्र अजय, अशोक, पुत्री अनीता, रवि झुनझुनवाला समेत गौशाला के पदाधिकारी एवं प्रशासन के लोग शामिल थे।
पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी गोशाला
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में चाकुलिया की गोशाला पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी गोशाला है। यहां करीब साढ़े सात हजार गोवंश हैं। इनमें से अधिकांश गोवंश तस्करों से छुड़ाकर रखी गई हैं, जिनमें ज्यादातर बीमार हैं। करीब 7453 गोवंश में 99 फीसद बैल हैं, जबकि बाकी एक फीसद में गाय, भैंस व ऊंट हैं। गोशाला की देखभाल में प्रतिमाह करीब 75 लाख रुपये खर्च होते हैं।