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आज चाकुलिया आएंगी राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, पुरुषोत्तम दास झुनझुवाला की प्रतिमा का करेंगी अनावरण

Governor Draupadi Murmu in Chakulia.राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू रविवार को पूर्वी सिंहभूम के चाकुलिया आ रही हैं जहां वे कलकत्ता पिंजरापोल सोसाइटी द्वारा संचालित गोशाला जाएंगी। यहां वे गोशाला के संस्थापक स्वर्गीय पुरुषोत्तम दास झुनझुनवाला की प्रतिमा का अनावरण करेंगी।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sun, 31 Jan 2021 09:26 AM (IST)Updated: Sun, 31 Jan 2021 09:26 AM (IST)
आज चाकुलिया आएंगी राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू, पुरुषोत्तम दास झुनझुवाला की प्रतिमा का करेंगी अनावरण
चाकुलिया में राज्‍यापाल के कार्यक्रम को अंतिम रूप देते उपायुक्‍त व अन्‍य।

जमशेदपुर, जासं। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू रविवार को पूर्वी सिंहभूम के चाकुलिया आ रही हैं, जहां वे कलकत्ता पिंजरापोल सोसाइटी द्वारा संचालित गोशाला जाएंगी। यहां वे गोशाला के संस्थापक स्वर्गीय पुरुषोत्तम दास झुनझुनवाला की प्रतिमा का अनावरण करेंगी।

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राज्यपाल रांची से चाकुलिया हेलिकॉप्टर से आएंगी। यहां उनका हेलिकॉप्टर गोशाला मैदान में दोपहर 12.30 बजे उतरेगा। राज्यपाल के कार्यक्रम को लेकर पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन ने सारी तैयारी कर ली है। इसे लेकर पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी सूरज कुमार अधिकारियों के साथ शनिवार को चाकुलिया पहुंचे थे। इस दौरान उपायुक्त ने कार्यक्रम स्थल, हैलीपैड, हैलीपैड से कार्यक्रम स्थल तक के पहुंच पथ से लेकर तमाम अन्य आवश्यक तैयारियों का जायजा लेते हुए संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। राज्यपाल चाकुलिया के नया बाजार स्थित कलकत्ता पिंजरापोल सोसाइटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगी। इसके बाद दोपहर 1.40 बजे चाकुलिया के गोशाला मैदान से रांची के लिए हेलिकाप्टर से रवाना हो जाएंगी।

इन्‍होंने लिया तैयारियों का जायजा

इस मौके पर उपायुक्त के साथ नगर पुलिस अधीक्षक सुभाषचंद्र जाट, उपविकास आयुक्त परमेश्वर भगत, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर नंदकिशोर लाल, डीआरडीए निदेशक सौरव कुमार सिन्हा, जिला परिवहन पदाधिकारी दिनेश कुमार रंजन के अलावा चाकुलिया के प्रखंड विकास पदाधिकारी समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी गोशाला

पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित चाकुलिया की गोशाला पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी गोशाला है। यहां करीब साढ़े सात हजार गोवंश हैं। इनमें से अधिकांश गोवंश तस्करों से छुड़ाकर रखी गई हैं, जिनमें ज्यादातर बीमार हैं। करीब 7453 गोवंश में 99 फीसद बैल हैं, जबकि बाकी एक फीसद में गाय, भैंस व ऊंट हैं। गोशाला की देखभाल में प्रतिमाह करीब 75 लाख रुपये खर्च होते हैं।


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