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ई-कॉमर्स नीति और एफडीआई पर सरकार जल्द जारी करेगी प्रेस नोट-3, सरकार को चकमा देना अब आसानी नहीं

पीयूष गोयल ने बताया कि भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय को देश के व्यापारियों और उपभोक्ताओं द्वारा ज़्यादा से ज़्यादा इस्तेमाल करने के अनुकूल बनाया जाएगा। ई कॉमर्स व्यवसाय में एक समान स्तर की प्रतिस्पर्धा वाला व्यापारिक मॉडल तैयार किया जा रहा है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 09:18 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 09:18 AM (IST)
ई-कॉमर्स नीति और एफडीआई पर सरकार जल्द जारी करेगी प्रेस नोट-3, सरकार को चकमा देना अब आसानी नहीं
कैट के प्रतिनिधियों से बात करते केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल।

जमशेदपुर, जासं।  केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कंफडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के साथ वेबिनार पर हुई बातचीत में आश्वासन दिया है कि केंद्र सरकार जल्द ही ई-कॉमर्स नीति और एफडीआई पर प्रेस नोट-3 लेकर आ रही है। अब नई नीति से सरकार को चकमा देना आसान नहीं होगा। 

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पीयूष गोयल ने बताया कि भारत में ई-कॉमर्स व्यवसाय को देश के व्यापारियों और उपभोक्ताओं द्वारा ज़्यादा से ज़्यादा इस्तेमाल करने के अनुकूल बनाया जाएगा। ई कॉमर्स व्यवसाय में एक समान स्तर की प्रतिस्पर्धा वाला व्यापारिक मॉडल तैयार किया जा रहा है जिससे अधिक से अधिक व्यापारियों को अपने व्यापार को अतिरिक्त अवसर के रूप में ई-कॉमर्स को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने और बेहतर वाणिज्य बाजार सुनिश्चित किया जा सकेगा। गोयल ने कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया को बताया क‍ि उनका मंत्रालय एक मजबूत ई-कॉमर्स नीति लाने के लिए तैयारी कर रहा है। एफ़डीआई नीति के तहत एक नया प्रेस नोट 3 जल्द जारी किया जायेगा जिसमें प्रेस नोट 2 के प्रावधानों का उल्लंघन करने जैसे सभी रास्तों को बंद हो जाएंगे।

मंत्री ने यह भी दिया भरोसा

इस बैठक में वाणिज्य मंत्रालय और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के लगभग एक दर्जन से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि कोई भी कानून और नियमों का उल्लंघन करने की हिम्मत न करे और यदि कोई ऐसा करता है, तो उन्हें इसके परिणामों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। भारत स्थापित कानूनों की भूमि है और प्रत्येक संबंधित कंपनियों को हर प्रकार से नियमों का पालन करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अब तक पत्र एवं काग़ज़ों पर  ही कानून का पालन किया जाता था जबकि असलियत और मंशा कुछ और ही थी। ऐसी अनिश्चित स्थिति के मद्देनजर सरकार ने गंभीर विचार किया है। इसलिए ई-कॉमर्स को व्यापार के लिए आकर्षक और लाभदायक ज़रिया बनाने के लिए जल्द ही कई कदम उठाए जाएंगे जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर और आसान विकल्प प्राप्त हो सके।

कैट के सुझाव की सराहना

पीयूष गोयल ने ऑनलाइन कारोबार के किसी भी माध्यम से वस्तुओं और सेवाओं के ऑनलाइन लेनदेन में लगे प्रत्येक ई-कॉमर्स इकाई के अनिवार्य पंजीकरण के कैट द्वारा दिये गए सुझाव की सराहना की। उन्होंने बैठक में मौजूद अधिकारियों से सुझाव पर काम करने को कहा। गोयल ने कहा कि सरकार व्यापारियों के मुद्दों के प्रति बहुत संवेदनशील है और सरकार व्यापार करने में आसानी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। क्योंकि व्यापारी अर्थव्यवस्था की वास्तविक रीढ़ हैं और किसी भी संकट के समय व्यापारी हमेशा मदद के लिए आगे रहें हैं। कोरोना लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखने में व्यापारियों द्वारा प्रदान की गई शानदार सेवाएं इसका गवाह है।

कारोबारियों से की ये अपील

गोयल ने कैट को सरकार के साथ मिलकर राजस्व के स्त्रोत एवं कर आधार को व्यापक बनाने में सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने की अपील की। जीएसटी कराधान प्रणाली को आसान बनाने के लिए कैट के सुझाव पर, उन्होंने आश्वासन दिया कि वह निश्चित रूप से केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बात करेंगे। साथ ही उन्होंने कैट को सलाह दी की वो भी इस मामले पर अपना एक विस्तृत ज्ञापन वित्त मंत्री को देकर अपनी कठिनाइयों से उन्हें अवगत कराएं। वहीं, सुरेश सोंथालिया ने व्यापारी के जीएसटी कलेक्ट कर देश के विकास में महतवपूर्ण भूमिका अदा करते है। ऐसे में जीएसटी में रजिस्टर्ड व्यापारियों के लिए लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी की मांग की।


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