ज्वेलरी हॉलमार्किंग के खिलाफ सड़क पर उतरे जमशेदपुर के स्वर्ण व्यवसायी, की ये मांग
Jamshedpur Jewelers Association केंद्र सरकार सोने के आभूषणों पर हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर को प्रभावी कर रही है। इसके खिलाफ सोमवार 23 अगस्त को लौहनगरी जमशेदपुर के सभी स्वर्ण व्यवसायियों ने विरोध स्वरूप अपनी प्रतिष्ठानों को बंद रखा।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर । केंद्र सरकार सोने के आभूषणों पर हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (यूएचआइडी) को प्रभावी कर रही है। इसके खिलाफ सोमवार 23 अगस्त को लौहनगरी जमशेदपुर के सभी स्वर्ण व्यवसायियों ने विरोध स्वरूप अपनी प्रतिष्ठानों को बंद रखा। साथ ही केंद्र सरकार की इस नीति के खिलाफ हाथों पर तख्ती लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया।
जमशेदपुर ज्वेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष बिपिन अडेसरा का कहना है कि हम हॉलमार्किंग का स्वागत करते हैं लेकिन एचयूआइडी का नहीं। यह एक विनाशकारी प्रक्रिया है जो वर्तमान अनिवार्य हॉलमार्किंग प्रक्रिया में आभूषणों की सुरक्षा प्रदान नहीं करता है। इस नए कानून के तहत संबधित प्रतिष्ठान का पंजीकरण रद करने, संचालक के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई, तलाशी व जब्ती जैसी प्रक्रिया इस उद्योग में इंस्पेक्टर राज को लाएगा। यह पूरी तरह से अव्यवहारिक कानून है और इसलिए हम इसके खिलाफ शांतिपूर्वक हमारा विरोध है। एचयूआइडी ग्राहकों के हित के खिलाफ है और व्यापार करने में आसानी के सिद्धांत के विपरित है। इससे ग्राहकों के साथ-साथ एमएसएमई ज्वेलरों को भी परेशानी होगी। यह ग्राहकों के व्यक्तिगत डाटा की गोपनीयता और व्यवसायिक गोपनीयता में हस्तक्षेप करती है। ज्वेलर्स को लगता है कि बीआइएस में पंजीकरण कराकर उन्होंने घाटे और अजीविका में नुकसान के मामले में अपने डेथ वारंट पर हस्ताक्षर कर दिया है।
ये हा एसाेसिएशन ने
ज्वेलर्स एसोसिएशन के सचिव कमल सिंघानिया का कहना है कि देश के 256 जिलों में 16 जून 2021 में हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया गया है। एक अनुमान के मुताबिक देश में हर साल 10 से 12 करोड़ ज्वेलरी आभूषणों का निर्माण होता है। इसके अलावा लगभग छह से सात करोड़ पीस के मौजूदा स्टॉक की हॉलमार्किंग होना बाकी है। इस प्रकार एक वर्ष में हॉलमार्किंग किए जाने वाले आभूषणों की कुल संख्या 16 से 18 करोड़ तक पहुंच जाती है। जबकि हॉलमार्किंग केंद्रों की वर्तान गति दो लाख प्रतिदिन है। इस गति से चार साल में सभी की हॉलमार्किंग करने में तीन से चार वर्ष का समय लगेगा। इसके अलावा वर्तमान में नई एचयूआइडी द्वारा आभूषणों की हॉलमार्किंग करने में पांच से 10 दिन का समय लग रहा है। जिसके कारण व्यापार में बाधा उत्पन्न हो गई है और उद्योग ठप हो गया है। जिससे रोजगार भी प्रभावित हो रहा है। इससे ग्राहकों के लिए आभूषण की लागत भी बढ़ जाएगी। मौजूदा हॉलमार्किंग प्रक्रिया में देरी के कारण कई टन आभूषण बेकार पड़े हैं। भारतीय मानक ब्यूरो ज्वेलरों की समस्या कम करने के बजाए हमारी चिंता को और बढ़ा रही है।
प्वाइंट ऑफ सेल पर हो हॉलमार्किंग की प्रक्रिया
जमशेदपुर ज्वेलर्स एसोसिएशन ने सोमवार को सांसद विद्युत वरण महतो को एक ज्ञापन सौपा। जिसके माध्यम से एसोसिएशन ने केंद्र सरकार से मांग की है कि हॉलमार्किंग की प्रक्रिया प्वाइंट ऑफ सेल पर होनी चाहिए। जबकि बिक्री को छोड़कर स्टोरेज, डिस्प्ले, ट्रांजिट, एक्जिट टू सेल, मैन्युफैक्चरिंग आदि को बीआइएस एक्ट एवं विपणन से हटाया जाए।