टाटा से वापस ली जाए 350 एकड़ जमीन
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) कोलकाता बेंच में हुई सुनवाई में टायो संघर्ष समिति की ओर से टाटा स्टील से 350 एकड़ जमीन वापस लेने की मांग की गई।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील को लीज पर दी गई टायो रोल्स वाली लगभग 350 एकड़ जमीन आयडा व झारखंड सरकार वापस ले। साथ ही उक्त जमीन को वैसे प्रमोटर को दिया जाए जो टायो रोल्स को फिर से पुनर्जीवित कर सके।
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) कोलकाता बेंच में बुधवार को हुई सुनवाई में टायो संघर्ष समिति की ओर से अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव ने ये बातें कहीं। एनसीएलटी में सेक्शन 9 के तहत 701/2017 और 45/2019 पर बुधवार को सुनवाई हुई। कर्मचारियों की ओर से पक्ष रखते हुए अधिवक्ता ने कहा कि टाटा स्टील को वर्ष 1969 में लगभग 350 एकड़ जमीन सबलीज इसी शर्त पर किया गया कि उक्त स्थल का उपयोग उद्योग निर्माण में होगा। लेकिन कंपनी प्रबंधन द्वारा मात्र 40 एकड़ जमीन पर टाटा योडोगावा कंपनी का निर्माण किया जबकि शेष 310 एकड़ जमीन काफी समय तक खाली रहीं।
इसलिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश एससीसी 55/2015 के तहत टाटा स्टील पूरी 350 एकड़ वापस ली जाए ताकि इसे वैसी कंपनी को दिया जा सके जो टायो रोल्स का संचालन फिर से करे। इस मामले में कोर्ट ने सभी पक्षों को 15 दिनों के अंदर अपना जवाब शपथपत्र के माध्यम से जमा करने को कहा है। कोर्ट का कहना है कि जो शपथ पत्र देंगे उनकी बात को ही सुना जाएगा। 28 मार्च को इस मामले में फिर से सुनवाई होगी।
20 करोड़ रुपये है लीज का बकाया : आयडा
झारखंड सरकार, उद्योग विभाग और आयडा ने बुधवार को शपथपत्र देकर कोर्ट को बताया कि उनका 20 करोड़ रुपये टाटा स्टील पर 350 एकड जमीन की लीज किराए का बकाया है। इसके अलावे लगभग 36 लाख रुपये टायो रोल्स पर स्ट्रीट लाइट का बकाया है। वहीं, आयडा ने माना कि टाटा स्टील को जमीन लीज पर दिया गया जिसे कंपनी ने टाटा याडागोवा को सबलीज पर दिया। लेकिन इसे टाटा स्टील ने कब और कैसे टायो रोल्स को दिया? इसकी जानकारी आयडा या सरकार को नहीं है। कंपनी प्रबंधन ने उनके साथ भी धोखाधड़ी करते हुए नाम में बदलाव किए लेकिन इसकी जानकारी उन्हें नहीं दी।
टाटा स्टील और टायो रोल्स के सभी निदेशक को बनाया गया है पार्टी
एनसीएलटी में चल रहे मामले में टायो संघर्श समिति द्वारा टाटा स्टील और टायो रोल्स के सभी निदेशक को पार्टी बनाया गया है। मामले के अधिवक्ता का कहना है कि टायो रोल्स के वित्तीय रिपोर्ट 2017 में बताया गया कि कंपनी पर अब कोई लेनदारी नहीं है। जबकि 2018 के ऑडिट रिपोर्ट में एक नया लेनदार सामने आ गया। वहीं, वित्तीय रिपोर्ट में टायो को सबलीज पर दी गई जमीन गायब है। इसके अलावे कंपनी प्रबंधन ने टायो रोल्स के नुकसान को दस गुणा बढ़ाकर दिखाया। ऐसे में कंपनी प्रबंधन पर जालसाजी करने का आरोप लगाते हुए सभी निदेशकों सहित कंपनी के ऑडिटर से जवाब मांगने की मांग कोर्ट से की गई है।
आयडा ने कहा कि टाटा योडोगावा की जमीन कब टायो रोल्स को दी, उन्हें जानकारी नहीं।
आयडा ने टाटा स्टील प्रबंधन पर 20 करोड़ रुपये लीज के किराया बकाया होने का किया दावा
1969 में टाटा स्टील को 350 एकड़ जमीन उद्योग निर्माण के लिए आयडा ने दिया था लीज पर