Move to Jagran APP

PM नरेंद्र मोदी के नाम गीता दुबे की पाती, आप भी पढ़िए क्या लिखा है इस मार्मिक पत्र में

Mothers Day मां भले ही दुनिया भर में मेरे लाखों फॉलोअर्स हों भले ही टाइम मैगजीन के मुखपृष्ठ पर मेरी तस्वीर छपी हो लेकिन...मातृ दिवस पर जमशेदपुर की साहित्यकार गीता दुबे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक मार्मिक पत्र लिखा है। आप भी पढ़िए।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 08 May 2021 11:28 AM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 05:58 PM (IST)
PM नरेंद्र मोदी के नाम गीता दुबे की पाती, आप भी पढ़िए क्या लिखा है इस मार्मिक पत्र में
जमशेदपुर की साहित्यकार गीता दुबे एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। फाइल फोटो

जमशेदपुर, जासं। Mother's Day  2021 मातृ दिवस पर जमशेदपुर की साहित्यकार गीता दुबे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नाम एक मार्मिक पत्र लिखा है। आप भी पढ़िए।

loksabha election banner

आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी

चरण स्पर्श

हम सब जानते हैं कि आपका अपनी मां हीरा बा के साथ बहुत खास रिश्ता है, आप हर खास अवसर पर अपनी मां को अवश्य याद करते हैं। उनका आशीर्वाद लेते हैं। नौ मई को मातृ दिवस है। आप इस दिन भी अपनी मां का आशीर्वाद जरूर लेंगे। 17 वर्ष की आयु में जब आपने घर छोड़ा था, तब आपने अपने झोले में एक जोड़ा कपड़ा और एक चादर के अलावा आपने अपनी मां की एक तस्वीर रखी थी, जिसे आपने बहुत मुश्किल से जुगाड़ किया था, यह आपका मातृ प्रेम दर्शाता है।

इन दिनों हमारा देश बहुत कठिन समय से गुजर रहा है। समूचा देश ‘कोरोना’ से जूझ रहा है। इस महामारी ने हमें हिला कर रख दिया है। हम जानते हैं कि बढ़ते संक्रमण और बढ़ते मृत्यु दर ने आपको झकझोर दिया है। आप इसके बचाव के लिए पूरी शक्ति से प्रयास कर रहे हैं, यह आपका मैत्री संबंध ही है कि आज इस कठिन समय में पूरा विश्व भारत के सहयोग के लिए आगे आया है, लेकिन चारों ओर से आप पर प्रहार हो रहे हैं। इसके लिए आपको जिम्मेवार ठहराया जा रहा है। टीके की पर्याप्त उपलब्धता न होने के लिए आप दोषी ठहराए जा रहे हैं।

ये वही लोग हैं जो टीकाकरण के प्रारंभ में अफवाहों के जरिए लोगों को टीका न लेने के लिए भड़का रहे थे। नतीजा यह हुआ कि काफी संख्या में टीके बर्बाद हुए। आप पर यह भी इल्जाम लगाए जाते हैं कि आप फकीर नहीं, बल्कि सत्ता लोभी हैं और सत्ता में बने रहना चाहते हैं। सही है आप फकीर नहीं हैं, आप एक कुशल राजनेता हैं और एक कुशल राजनेता से ही देश का नेतृत्व संभव है, साम, दाम, दंड, भेद के बिना देश नहीं चल सकता। लेकिन आपकी प्रकृति एक फकीर की है, वैरागी की है। आपको व्यक्तिगत रूप से कुछ नहीं चाहिए। आपकी दृढ़ इच्छा है कि हमारा देश विकास की ऊंचाइयों को छुए। दुनिया में हमारे देश को पहचान मिले, और आप जानते हैं कि सत्ता में रहकर ही यह संभव है। आपकी निष्ठा, आपकी देशभक्ति पर कोई संदेह नहीं कर सकता, आप हमेशा सच के साथ खड़े होते हैं, क्या सच और झूठ की इस लड़ाई में आप अपने आप को कभी अकेला नहीं पाते? अपने आप को कभी असहाय नहीं पाते? क्या आपके भीतर के सिसकते बच्चे का मन कभी नहीं होता कि वह अपनी मां की गोद में सिर रखकर कहे कि ‘मां भले ही दुनिया भर में मेरे लाखों फॉलोअर्स हों, भले ही टाइम मैगजीन के मुखपृष्ठ पर मेरी तस्वीर छपी हो, लेकिन एक तुम ही हो जो मुझे समझती हो, तुम ही हो जो जानती हो कि मैं क्या चाहता हूं’।

मातृ दिवस की असीम शुभकमनाएं

शुभेच्छु

गीता दुबे


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.