मानगो बस स्टैंड गोलीकांड में गैंगस्टर अखिलेश सिंह की हाई कोर्ट में याचिका हुई खारिज
मानगो बस स्टैंड गोलीकांड में गैंगस्टर अखिलेश सिंह की हाई कोर्ट में याचिका खारिज हो गई। जमशेदपुर की अदालत ने उसके खिलाफ आरोप तय किए थे।
रांची,जेएनएन। हाई कोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने जमशेदपुर के गैंगस्टर अखिलेश सिंह की मानगो बस स्टैंड गोलीकांड मामले में याचिका खारिज कर दी है। दरअसल, अखिलेश सिंह की ओर से निचली अदालत द्वारा डिस्चार्ज पिटीशन को खारिज किए जाने को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। गैंगस्टर फिलहाल देवघर में जेल बंद है।
सुनवाई के दौरान सरकारी अधिवक्ता रवि प्रकाश ने अदालत को बताया कि पांच जुलाई 2011 में मानगो बस स्टैंड के पास स्थित होटल में ट्रांसपोर्टर उपेंद्र सिंह पर फायरिंग हुई थी। इस दौरान पुलिस और ट्रांसपोर्टर की ओर से अपराधियों पर फायरिंग की गई थी। मानगो दाईगुटु निवासी टेम्पो चालक निलेश कुमार सिंह, बिहार के आरा जिले के गुड्डू सिंह और सिदगोड़ा भुइंयाडीह के विकास ओझा की मौत हो गई थी। तीनों युवक को अखिलेश सिंह का गुर्गे बताया गया था। जांच में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में अखिलेश सिंह का नाम सामने आया। जांच में कहा गया कि अखिलेश सिंह के इशारे पर उपेंद्र सिंह पर जानलेवा हमला किया गया। परिस्थितिजन्य साक्ष्य को देखते हुए निचली अदालत ने इन पर आरोप तय किया है, जो उचित है।
निचली अदालत ने तय किए थे आरोप
निचली अदालत ने इस मामले में अखिलेश सिंह पर आरोप तय किया था। अखिलेश सिंह ने खुद को आरोप मुक्त करने के लिए निचली अदालत में आवेदन दिया था, जिसे खारिज कर दिया गया। इसके खिलाफ अखिलेश सिंह हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। गौरतलब है कि उपेंद्र सिंह की हत्या 30 नवंबर 2016 को जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय के बार भवन के दूसरे तल्ले पर अखिलेश सिंह के गुगरे ने कर दी थी। इस मामले में भी अखिलेश सिंह, हरिश सिंह समेत कई आरोपित है।