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इस तरह काबू में आया झारखंड की लड़कियों का सौदागर, पूरे देश में फैला रखा था जाल

झारखंड की गरीब लडिकयों को नौकरी के नाम पर अपनी जाल में फंसाता। उसके बाद दूसरे राज्यों में मोटी रकम लेकर बेच देता। जब गिरोह तक पुलिस पहुंची तो गिरोह से जुडे राज भी खुल गए। झारखंड की पुलिस मध्यप्रदेश में कैंप कर रही है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 18 Jan 2022 04:37 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 04:37 PM (IST)
इस तरह काबू में आया झारखंड की लड़कियों का सौदागर, पूरे देश में फैला रखा था जाल
16 नवंबर के बाद ही एक-एक कर लड़कियों की बिक्री कर दी गई।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के गुड़ाबांदा क्षेत्र की एक नाबालिग समेत पांच सबर लड़कियों को चूड़ी फैक्टरी में काम दिलाने का झांसा देकर बेचने के मामले में दो लड़कियों की तलाश में जमशेदपुर की पुलिस टीम मध्यप्रदेश और राजस्थान में कैंप कर रही है। बाकी तीन लड़कियों को पुलिस टीम मध्यप्रदेश से वापस शनिवार को जमशेदपुर लौटी थी और इनकी खरीद-बिक्री के आरोप में महिला समेत पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया था। सभी आरोपित न्यायिक हिरासत में है।

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आरोपितों में गिरफ्तार आरोपितों में पूर्वी सिंहभूम जिल के गुड़ाबांदा थाना क्षेत्र के हथियापाटा निवासी बालेश्वर मुंडा, मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिला के खलोतरा निवासी कुबेर सिंह पारिहार, शिवपुरी के बहरार थाना के खोदा गांव निवासी पप्पू पारिहार, शिवपुरी जिले के कोतवाली थाना के बढ़ौधी निवासी मंटू गोस्वामी और शिवपुरी के ही बेरार थाना क्षेत्र के बेरार मोड की रहने वाली वाली मकड़ी राठौर शामिल है। आरोपितों को गुड़ाबांदा थाना की पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।

आठ नवंबर को मध्यप्रदेश ले जाया गया था लड़कियों को

इधर, न्यायिक हिरासत में भेजे जाने से पहले पुलिस को गिरोह से जानकारी मिली कि लड़कियों को विगत आठ नवंबर को गुड़ाबांदा से मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में लाया गया था। वहां के बस स्टैंड के सामने ही एक लॉज में सभी को 12 नवंबर से 16 नवंबर तक रखा गया था। लड़कियों को गुड़ाबांदा का बालेश्वर मुंडा अपने परिचित राजू और महिला मकड़ी राठौर की मदद से शिवपुरी ले गया था जहां 16 नवंबर के बाद ही एक-एक कर लड़कियों की बिक्री कर दी गई। राजू ओडिशा का निवासी है।

साठ हजार में खरीदा था एक लडकी को

खरीद-बिक्री के मामले में गिरफ्तार शिवपुरी जिले के कुबेर सिंह ने एक लड़की को 60 हजार रुपये में खरीदा था। बतौर उसने उससे विवाह कर लिया था। वहीं मकड़ी राठौर ने एक लड़की को 90 हजार में खरीदा था जिसे उसने राजस्थान के सवाई माधोपुर में अपनी बेटी के पास भेज दिया था। राजस्थान के झालावाड़ में एक युवती को एक लाख रुपये में बेच दिया गया था जिसे पुलिस ने छापामारी कर बरामद किया, लेकिन खरीददार आरके मीणा भागने में सफल रहा था। वहां लड़की से घर का काम कराया जा रहा था। गौरतलब है कि गुड़ाबांदा के हथियापाठा की चार और पहाड़पुर की एक लड़की को बेच दिए जाने की प्राथमिकी पहाड़पुर के निवासी उपेंद्र सबर की शिकायत पर बालेश्वर मुंड और अन्य के विरुद्ध गुड़ाबांदा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की।

एक लड़की की सूचना के कारण गिरोह आया गिरफ्त में

पांच लड़कियो में एक लड़की ने अपने स्वजनों को मोबाइल से सूचना देकर बताया था कि उन सभी को अलग-अलग जगहों में बेच दिया गया है। उस युवती ने खुद को शिवपुरी जिले के आस-पास रहने की जानकारी दी थी। वहीं पुलिस को बालेश्वर मुंडा का मोबाइल नंबर भी हाथ लग गया था। एक-दूसरे से मोबाइल पर संपर्क में होने के कारण पुलिस गिरोह तक पहुंच गई।


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