सिंहभूम के बंदगांव प्रखंड के 23 गांव पत्थलगड़ी के प्रभाव में
कोल्हान के सिंहभूम में सात पत्थलगड़ी विरोधियों की नृशंस हत्या गंभीर मामला है। जून 2019 में सीआइडी ने एक रिपोर्ट पत्थलगड़ी से संबंधित मामलों को लेकर सरकार को सौंपी थी। इसमें राज्य में पत्थलगड़ी का गुजरात कनेक्शन बताया गया था।
जासं, जमशेदपुर : कोल्हान के सिंहभूम में सात पत्थलगड़ी विरोधियों की नृशंस हत्या गंभीर मामला है। जून 2019 में सीआइडी ने एक रिपोर्ट पत्थलगड़ी से संबंधित मामलों को लेकर सरकार को सौंपी थी। इसमें राज्य में पत्थलगड़ी का गुजरात कनेक्शन बताया गया था।
रिपोर्ट में जिक्र है कि सरकारी योजनाओं के विरोध के लिए ग्रामीणों को उकसाया जा रहा है। बंदगांव प्रखंड के 23 गाव अब तक विवादित पत्थलगड़ी के प्रभाव में आ गए हैं। प्रखंड कार्यालय बंदगाव को डाक के माध्यम से आधार कार्ड, राशन कार्ड और मनरेगा जॉब कार्ड वापस किये गए हैं। बहिष्कार के एलान के साथ भेजे गए कई लिफाफों पर भारत सरकार, गुजरात, कटासवाण, पोस्ट- व्यारा, जिला- सूरत (तापी), पिन कोड- 394650 का पता लिखे जाने की जानकारी दी गई थी।
खूंटी में विवादित पत्थलगड़ी के पीछे भी गुजरात के तापी के केशरी सिंह परिवार की भूमिका सामने आयी थी। इस परिवार को ही विवादित पत्थलगड़ी समर्थक असली भारत सरकार बताते हैं। पत्थलगड़ी से बंदगाव प्रखंड के दो पंचायत चंपावा और सिंदुरीबेड़ा सर्वाधिक प्रभावित हैं। जोसेफ पूर्ति और बिरसा ओडेया ने सभी गावों में नया नेतृत्व खड़ा किया है।
हालिया पत्थलगड़ी में गाव-गाव में विरोध की जिम्मेदारी बिरसा टोपनो, चमरू चापिया, वारगी टोपनो, टागू बोदरा, जीवन टोपनो, रघु पूर्ति, बसंत पूर्ति, शनिका लोंगा, नंदराम मुंडा, गोपाल बोदरा, कल्याण हापतगारा, एलियस बरजो, सिंगराग पूर्ति, सुलेमान हेंब्रम, जगदीश सिंह मुंडा, मारा मुंडा, अभिराम पूर्ति, जीदन हेंब्रम, मछुआ बोदरा, उम्बुलन बोदरा, शोषण बोदरा को दी गयी है। बंदगाव प्रखंड के कारू, कातिदिरी, कारला, गुंडय, सौलय गुंडय, किता, बुनूगउली, लोटा, हेस्साडीह, किलुम, बरजो, कुल्डा, कुंदरूगुटू, एरकोडा, दिग्गी, जिकीलता, सियाकेला, कोमडेला, लुंबाई, जाटंग हेस्सा, कुकुरूबारू, कोमान व मुरूमबुरा पत्थलगड़ी से प्रभावित हैं।
भय के कारण लोग विरोध नहीं कर पाते
यूसुफ पूर्ति और बिरसा ओडेया की गिरफ्तारी को आवश्यक बताया गया था। कहा गया है कि इनकी गिरफ्तारी होने से अन्य नेताओं का मनोबल टूटेगा। इलाके में पुलिस बलों की कमी है, सिर्फ मुख्य सड़क पर ही पुलिस की गश्त होती है। ऐसे में ग्रामीण पुलिस से नहीं जुड़ पाते। जनता की समस्याओं का भी समाधान नहीं हो पाता। भय के कारण लोग पत्थलगड़ी समर्थकों का विरोध नहीं कर पाते। मानकी-मुंडाओं द्वारा सरकारी योजना की जानकारी दी जाये, पत्थलगड़ी कार्यक्रमों से दूर रहने और गुमराह नहीं होने की बात समझायी जाये। बीडीओ भी मानकी मुंडाओं के साथ बैठक करें।