आखान यात्रा को लेकर हल्दीपोखर में चार मजिस्ट्रेट व पुलिस बल तैनात
पूर्वी सिंहभूम व सरायकेला-खरसावां जिले के सीमावर्ती क्षेत्र तेलाई पहाड़ में मकर संक्रांति व आखान यात्रा को लेकर विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए चौक-चौराहों पर चार मजिस्ट्रेट समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिए गए हैं। वरीय मजिस्ट्रेट के रूप में अंचलाधिकारी इम्तियाज अहमद तेलाई पहाड़ पर ड्यूटी निभा रहे हैं।
संसू, पोटका : पूर्वी सिंहभूम व सरायकेला-खरसावां जिले के सीमावर्ती क्षेत्र तेलाई पहाड़ में मकर संक्रांति व आखान यात्रा को लेकर विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए चौक-चौराहों पर चार मजिस्ट्रेट समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिए गए हैं। वरीय मजिस्ट्रेट के रूप में अंचलाधिकारी इम्तियाज अहमद तेलाई पहाड़ पर ड्यूटी निभा रहे हैं। अंचल अधिकारी ने बताया कि 13 से 16 जनवरी तक मकर संक्रांति व आखान यात्रा को लेकर पुलिस बल की तैनाती की गई है। सरायकेला जिले के हेंसल व उसके आसपास के लोग पहाड़ी पर पूजा करने आते हैं। साथ ही हल्दीपोखर व उसके आसपास के गांव के लोग भी पूजा करने पहुंचते हैं। इसलिए क्षेत्र में विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जगह-जगह पुलिस बल तैनात किए गए हैं, ताकि शांतिपूर्वक पूजा-अर्चना संपन्न हो सके।
ज्ञात हो कि तीन वर्ष पूर्व आखान यात्रा के दिन पूजा-अर्चना के दौरान सांप्रदायिक हिसा हुई थी। इस कारण पुलिस प्रशासन किसी प्रकार का रिस्क नहीं लेना चाहती है। मौके पर कोवाली थाना प्रभारी अमित रविदास, सीआइ नवीन पूर्ति आदि उपस्थित थे। खंडहर में तब्दील हुआ 50 वर्ष पुराना भवन : पोटका प्रखंड के जुड़ी पंचायत स्थित रेफरल अस्पताल परिसर में 50 वर्ष पुराना दो मंजिला भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है। संभावना जताई जा रही है कि जर्जर भवन कभी भी गिर सकता है। इधर जर्जर भवन के समीप करोड़ों की लागत से राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन का प्रशिक्षण भवन, रेफरल अस्पताल व कोविड केयर सेंटर है। इसी परिसर में एमटीसी केंद्र भी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी जर्जर भवन के समीप से ही प्रतिदिन गुजरते हैं। यदि समय रहते स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस जर्जर भवन पर ध्यान नहीं दिया गया तो किसी दिन बड़ी दुर्घटना हो सकती है। दो वर्ष पूर्व कोल्हान प्रमंडल के कमिश्नर ने पत्र जारी कर सभी विभागों को निर्देश दिया था कि जर्जर सरकारी भवन को तत्काल तोड़ने का कार्य करें। परंतु संबंधित अधिकारियों ने इस पत्र की अनदेखी कर 50 वर्ष पुराने इस भवन को तोड़ने की दिशा में कोई पहल नहीं की। इस मामले की जांच कराई जाएगी। यदि संबंधित भवन की मरम्मत की आवश्यकता होगी तो मरम्मत कराई जाएगी, अन्यथा जर्जर भवन को ध्वस्त कर नया भवन तैयार कराया जाएगा।
- सूरज कुमार, उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम।