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विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां कर रहीं एफडीआई नीति का उल्लंघन, छोटे व मध्यम व्यापारियों की तोड़ रही हैं कमर

विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां एफडीआई नीति का उल्लंघन कर रही हैं जिससे छोटे व मध्यम व्यापारियों की कमर टूट रही है। विधायक सरयू राय के प्रतिनिधि आकाश शाह ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर केंद्र सरकार से इस विषय पर वार्ता कर हस्तक्षेप करने की मांग की है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 05:01 PM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 05:01 PM (IST)
विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां कर रहीं एफडीआई नीति का उल्लंघन, छोटे व मध्यम व्यापारियों की तोड़ रही हैं कमर
विधायक सरयू राय के प्रतिनिधि (व्यवसायी मामलों) आकाश शाह

जमशेदपुर, जासं। विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियां प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति का उल्लंघन कर रही हैं, जिससे छोटे व मध्यम व्यापारियों की कमर टूट रही है। विधायक सरयू राय के प्रतिनिधि (व्यवसायी मामलों) आकाश शाह ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर केंद्र सरकार से इस विषय पर वार्ता कर हस्तक्षेप करने की मांग की है।

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छोटे कारोबारियों पर मंडराया संकट

शाह ने कहा कि भारत में विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा लगातार एफडीआई नीति का उल्लंघन कर देश के करोड़ों छोटे एवं मध्यम व्यापारियों के व्यवसाय में कुठाराघात किया जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अविलंब केंद्र सरकार से वार्ता कर इस मामले में त्वरित संज्ञान लें और विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के मनमानी पर रोक लगाने की पहल करें। शाह ने कहा कि पूरे देश में करोड़ों और राज्य के सैकड़ों व्यापारियों का व्यापार ई-कॉमर्स कंपनियों की लगातार बढ़ती मनमानी के कारण संकट में आ गया है। विगत कुछ वर्षों से जिस तरह लोगों में सुविधाजनक मार्केटिंग के लिए आनलाइन खरीदारी की आदत पड़ी है, इसका अनैतिक फायदा कुछ विदेशी कंपनियों द्वारा लगातार उठाया जा रहा है।

सस्ते दाम के लोभ में पड़ रहे ग्राहक

शाह ने कहा कि इन कंपनियों द्वारा उत्पादों को सीधे मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से खरीद कर बड़ी मात्रा में भंडारण कर लिया जाता है। इसके बाद विभिन्न साइट और एप के माध्यम से लोगों तक अनियमित छूट और आकर्षक उपहार एवं आफर देकर बेचा जाता है। इनके वस्तुओं की गुणवत्ता बाजारों में दुकानदार द्वारा विक्रय किए जाने वाले वस्तुओं से काफी कम रहती है, लेकिन ग्राहक इनके सस्ते और लोक-लुभावन आफर से आकर्षित होकर खरीदारी कर लेते हैं। देश में कोरोना काल के बाद उतपन्न हुए आर्थिक संकट से सब वाकिफ हैं। छोटे-मंझोले व्यापारियों को कोरोना की दोनों लहर के दौरान हुए नुकसान से भी पूरा देश परिचित है। ऐसे में त्योहारों के सीजन में व्यापारियों के लिए एक बड़ी चुनौती ई-कॉमर्स व्यापार से हो रहे घाटे के रूप में उभरा है। यदि सरकार ने इस विषय पर तत्काल संज्ञान नहीं लिया, तो करोड़ों व्यापारियों के सामने आजीविका चलाने की समस्या उतपन्न हो सकती है। इसका सीधा असर देश के रोजगार पर पड़ेगा।

जमशेदपुर मजदूरों का शहर

शाह ने मुख्यमंत्री से कहा है कि जमशेदपुर मजदूरों का शहर है। यहां रोज कमाने-खाने वाले बहुसंख्यक हैं। ऐसे में झारखंड राज्य और जमशेदपुर शहर में इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है। स्थानीय व्यापारियों के अनुसार इस वर्ष ई-कॉमर्स ट्रेड के कारण उनके सेल वाल्यूम में 40 प्रतिशत तक गिरावट आने का अनुमान है। शाह ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग की है कि वे इस विषय पर केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप करने और ई-कॉमर्स व्यापार के नियम-कानून को कड़ाई से लागू कराने की दिशा में वार्ता करें।


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