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काला चश्मा पहनने के बाद मुस्कुराई पांच वर्ष की श्रावंती मुंडा, सबर परिवार के माता-पिता के चेहरे पर भी दिखी मुस्कान

एक मुस्कान की कीमत क्या होती है यह रेडक्रास की टीम ने फिर जाना। पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित गुड़़ाबांधा के सबर परिवार कमला मुंडा-गुड़ा मुंडा की पांच वर्षीय पुत्री श्रावंती मुंडा की एक आंख का मोतियाबिंद का आपरेशन सफल रहा।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Tue, 16 Mar 2021 02:05 PM (IST)Updated: Tue, 16 Mar 2021 02:05 PM (IST)
काला चश्मा पहनने के बाद मुस्कुराई पांच वर्ष की श्रावंती मुंडा, सबर परिवार के माता-पिता के चेहरे पर भी दिखी मुस्कान
श्रावंती को काला चश्मा पहनाने के दौरान उपस्थित रेड क्रॉस के विजय सिंह

जमशेदपुर (जागरण संवाददाता) एक मुस्कान की कीमत क्या होती है, यह रेडक्रास की टीम ने फिर जाना। पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित गुड़़ाबांधा के सबर परिवार कमला मुंडा-गुड़ा मुंडा की पांच वर्षीय पुत्री श्रावंती मुंडा की एक आंख का मोतियाबिंद का आपरेशन सफल रहा। आपरेशन के बाद जब उसकी आंखों की पट्टी हटाई गई तो उसकी एक मुस्कान इतनी अनमोल थी, जिसने रेडक्रास की पूरी टीम को गदगद कर दिया। उसकी मुस्कान ने पूरे प्रयास का मोल चुका दिया। बच्ची के साथ उसकी मां कमला मुंडा भी  खुश है, क्योंकि अब उसे अपनी बच्ची का भविष्य उज्जवल दिख रहा है। बच्ची अब देख पा रही है। रेडक्रास के नेत्र शिविर के आपरेशऩ सत्र के दौरान इस बच्ची के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। अलग से एनेस्थेसिया का इंतजाम किया गया था, क्योंकि अब तक शिविर में बुजुर्गों का ही मोतियाबिंद आपरेशन होता आया है। श्रावंती के दोनों आंख में मोतियाबिंद था, लिहाजा दो सप्ताह बाद उसकी दूसरी आंख का आपरेशन किया जाएगा। उसकी आंखों की पट्टी खोलकर शहर के वरीय नेत्र चिकित्सक डॉ. बीपी सिंह ने जांच की। रेडक्रास की ओर से उसे काला चश्मा और दवा दी गई है।

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नुक्कड़ नाटक के दौरान पता चला था

श्रावंती के मोतियाबिंद होने की जानकारी तब मिली थी, जब जिला के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की नुकड़ टीम ग्रामीण जागरुकता अभियान के दौरान गुड़ाबांधा गई थी। वहीं टीम को सबर परिवार की इस बच्ची के अंधेपन की समस्या का पता चला। जिले में अंधापन निवारण की नोडल पदाधिकारी व प्रशिक्षु उपसमाहर्ता स्मिता नागेशिया से समन्वय स्थापित करते हुए रेडक्रास के नेत्र शिविर में छह मार्च को बच्ची की आंखों की जांच कराई गई। छोटी बच्ची होने के कारण निश्चेतक के साथ आपरेशन करने के लिए 14 मार्च की तिथि निर्धारित की गई। इस कार्य में नुकड़ टीम के संयोजक रामलाल मार्डी का महत्वपूर्ण योगदान रहा। 


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