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TWU : टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष पर प्राथमिकी, निलंबित कर्मचारी की पिटाई का है आरोप

टाटा स्टील के निलंबित कर्मचारी चंद्रभूषण पांडेय ने टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर. रवि प्रसाद और डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय पर बिष्टुपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 21 May 2019 11:58 AM (IST)Updated: Tue, 21 May 2019 11:58 AM (IST)
TWU :  टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष पर प्राथमिकी, निलंबित कर्मचारी की पिटाई का है आरोप
TWU : टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष पर प्राथमिकी, निलंबित कर्मचारी की पिटाई का है आरोप

जमशेदपुर, जागरण संवददाता। टाटा स्टील के निलंबित कर्मचारी चंद्रभूषण पांडेय ने टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष आर. रवि प्रसाद और डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय पर बिष्टुपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है।

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प्राथमिकी में कर्मचारी ने कहा है कि वह टाटा स्टील के कोक प्लांट (ऑपरेशन) से 12 जून 2018 से सस्पेंड है। बीते शनिवार (18 मई) को दोपहर में अपना सस्पेंशन समाप्त कराने के लिए यूनियन कार्यालय गया था। मैंने यूनियन अध्यक्ष व डिप्टी प्रेसिडेंट से पूछा कि 11 माह से मैं सस्पेंड हूं। मेरे मामले में आखिर यूनियन क्या कर रही है। मैं यूनियन को चंदा देता हूं।

इस सवाल से नाराज होकर दोनों पदाधिकारियों के इशारे पर एलडी-1 के कमेटी मेंबर मो. शफीक सहित अध्यक्ष के सुरक्षाकर्मियों ने लात-घूंसों व हेलमेट से मुझ पर हमला कर दिया। मुझे यूनियन कार्यालय में दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। शरीर, सिर व अन्य हिस्सों में चोटें आईं, जिससे टीएमएच में भर्ती होना पड़ा। उसने अध्यक्ष व डिप्टी प्रेसिडेंट के अलावा कमेटी मेंबर मो. शफीक सहित चार-पांच अन्य के खिलाफ जान मारने की नीयत से हमले का आरोप लगाया है।

चंद्रभूषण ने अध्यक्ष व डिप्टी प्रेसिडेंट से पूछा सवाल

चंद्रभूषण पांडेय ने दैनिक जागरण को बताया कि मैं 11 माह से सस्पेंड हूं। अध्यक्ष आर रवि प्रसाद व डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय यह बताएं कि आखिर मेरा घर कैसे चलेगा। मेरी जगह अगर दोनों पदाधिकारी होते तो वे अपने घर को कैसे चलाते। क्या उनके सामने आर्थिक समस्या नहीं आती? चंद्रभूषण का कहना है कि कंपनी प्रबंधन ने मुझे मानसिक रूप से प्रताडि़त किया। नियमों के तहत कंपनी से सस्पेंड कर्मचारी को प्रतिमाह उसके बेसिक-डीए का आधा देना होता है। लेकिन मुझे दिसंबर 2018 तक इसका लाभ नहीं दिया गया।

अधिकारियों की हां में हां नहीं मिलाया तो कर दिया सस्पेंड

चंद्रभूषण पांडेय का आरोप है कि उसने कंपनी अधिकारियों की हां में हां नहीं मिलाया, इसलिए उसे सस्पेंड कर दिया गया। 10 दिसंबर 2017 को फोरमैन एके भगत उनसे अनसेफ काम करा रहे थे। विरोध किया तो मुझे अपशब्द कहा। तू-तू, मैं-मैं से विवाद बढ़ गया, तो प्रबंधन ने चार कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया। अधिकारी चाहते थे कि मैं माफीनामा लिखकर दूं, लेकिन मैंने जब गलती नहीं की तो माफी क्यों मांगूं। इसके कारण सभी तीन अधिकारियों ने माफीनामा लिखकर ड्यूटी ज्वाइन कर ली, जबकि मुझे 15 दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया गया। वहीं, कोक प्लांट के वेसेल के फ्लू कैप, जहां लगभग 1400 डिग्री सेल्सियस तापमान होता है। वहां पहले स्टील वेज के तीन कर्मचारी कार्यरत थे।

मैनपावर बढ़ाने की थी बात

अब उन्हें हटाकर एनएस ग्रेड के दो कर्मचारियों से काम लिया जाता है। मैंने यहां मैनपावर बढ़ाने की मांग की तो विभागीय अधिकारियों ने इसे अपने सम्मान पर आघात समझा और मुझ पर नेतागिरी करने का आरोप लगाकर 12 जून 2018 को सस्पेंड कर दिया। चंद्रभूषण का कहना है कि यूनियन नेतृत्व समझता है कि मैं मानसिक रूप से बीमार हूं, लेकिन मार्च से जून 2015 तक डॉक्टरों के छह पैनल ने तीन माह तक मेरी जांच कर मुझे मानसिक रूप से स्वस्थ घोषित किया था। 

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