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झामुमो विधायक सीता सोरेन समेत तीन पर प्राथमिकी, जानिए क्या है मामला

Sita soren. झामुमो विधायक सीता सोरेन नई मुश्किल में फंस गई हैं। इनके खिलाफ धोखाधड़ी करने और बल का प्रयोग करते हुए अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया गया है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 12:20 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 12:20 PM (IST)
झामुमो विधायक सीता सोरेन समेत तीन पर प्राथमिकी, जानिए क्या है मामला
झामुमो विधायक सीता सोरेन समेत तीन पर प्राथमिकी, जानिए क्या है मामला

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। झामुमो विधायक सीता सोरेन नई मुश्किल में फंस गई हैं। न्यायालय में दर्ज शिकायतवाद के आधार पर घाटशिला अनुमंडल के गालूडीह थाने में दुमका जिले के जामा विधासभा क्षेत्र की झामुमो विधायक सीता सोरेन, उनके सचिव राकेश चौधरी और दिलीप दास के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। सबके खिलाफ कागजात में हेराफेरी कर धोखाधड़ी करने और बल का प्रयोग करते हुए अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया गया है।

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यह मामला जमशेदपुर के सोनारी आस्था हाईटेक सोसाइटी ओरगन निवासी विनय मंगलम की शिकायत पर दर्ज किया गया है। सीता सोरेन झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के पुत्र स्वर्गीय दुर्गा महतो की पत्नी हैं। मामला गालूडीह रिसोर्ट और छोटानागपुर रोडलाइंस से जुड़ा हुआ है। विनय मंगलम ने शिकायतवाद में बताया है कि 10 अक्टूबर 2018 को जामा विधायक के निजी सचिव राकेश चौधरी के बुलावे पर रांची गया था। सीता सोरेन गालूडीह इन प्राइवेट लिमिटेड और छोटानागपुर रोडलाइंस प्राइवेट लिमिटेड में 50 फीसद की हिस्सेदार है।

रिसोर्ट और रोडलाइंस पर है बड़ा कर्ज

गालूडीह रिसोर्ट और छोटा नागपुर रोडलाइंस पर बैंक का बड़ा कर्ज हैं। 2012 से यह मामला डीआरटी कोर्ट रांची में चल रहा है। वर्तमान में यह मामला नेशनल लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) कोलकाता में चल रहा है। विनय मंगलम के अनुसार, आठ-दस वर्षों से वह अपने पार्टनर सीता सोरेन को लगातार इस मामले से अवगत कराते रहे। बैंक भी इसकी जानकारी देता रहा। बावजूद सीता सोरेन कुछ समझने को तैयार नहीं रहती थी। विनय मंगलम ने बताया कि एनसीएलटी कोर्ट में वह दिवालिया घोषित होने से भयभीत था। उसने अपने दोस्तों और संस्थानों से विचार-विमर्श कर बैंक का भुगतान शुरू किया। इसकी जानकारी अपने पार्टनर सीता सोरेन को देता रहा। गालूडीह इन प्राइवेट लिमिटेड का 80 फीसद बकाया जमा करा दिया। उसने बताया कि मैं एक करोड़ 70 लाख रुपये जमा कर चुका हूं।

हस्ताक्षर के गलत इस्तेमाल का आरोप

26 सितंबर 2017 को बैंक में सेटलमेंट का अग्रिम राशि का भुगतान किया और बैंक से 24 सितंबर 2017 को सहमति का पत्र मिला। 16 अक्टूबर 2018 को भी बैंक का किस्त पांच लाख रुपया जमा किया। उन्होंने कहा है कि जानकारी हुई कि गालूडीह कंपनी का डायरेक्टरशिप बदल गया है। बैंक से रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) मिली कि राकेश चौधरी जो सीता सोरेन के सचिव हैं और कदमा निवासी दिलीप दास ने धोखाधड़ी कर मेरे (विनय मंगलम) हस्ताक्षर का गलत तरीके से इस्तेमाल कर सीता सोरेन ने इन दोनों को गलत रूप से निदेशक नियुक्त किया हैं।

राकेश चौधरी को बनाया डायरेक्टर

राकेश चौधरी को 10 अक्टूबर 2018 को निदेशक बनाया गया है। डीआइएन नंबर 11 अक्टूबर 2018 को जारी हुआ है। पूरे मामले की जांच की जाय कि इसमें सीता सोरेन की कितनी पंूजी लगी है। गालूडीह रिसोर्ट मेरी (विनय मंगलम) संपत्ति है, जिसकी सुरक्षा की जाए।

ये कहते थाना प्रभारी

सीता सोरेन समेत अन्य के खिलाफ न्यायालय में दर्ज शिकायतवाद के आधार पर गालूडीह थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है। मामले का अनुसंधान किया जाएगा।

-सुंधाशु, गालूडीह थाना प्रभारी 


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