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Webinar: धैर्य रखें, हेमंत सरकार सभी के लिए कर रही चिंता : जोबा

दैनिक जागरण ने वेबिनार का आयोजन किया जिसमें उद्यमी कारोबारी चार्टर्ड एकाउंटेंट कंपनी सेक्रेट्री से लेकर शिक्षाविद् व चिकित्सकों तक ने अपनी बात रखी।

By Edited By: Published: Sun, 03 May 2020 07:45 AM (IST)Updated: Sun, 03 May 2020 04:42 PM (IST)
Webinar: धैर्य रखें, हेमंत सरकार सभी के लिए कर रही चिंता : जोबा
Webinar: धैर्य रखें, हेमंत सरकार सभी के लिए कर रही चिंता : जोबा

जमशेदपुर,जासं। Dainik Jagran webinar कोरोना को लेकर लगे लॉकडाउन में हर कोई अपनी बात सरकार तक पहुंचाना चाहता है, तो सरकार भी जमीनी स्थिति से अवगत होना चाहती है। हालांकि इसके लिए दोनों ओर से कई स्तर पर प्रयास हो रहे हैं, लेकिन जनता के मन में हर दिन नए सवाल खड़े हो जाते हैं। ऐसे में दैनिक जागरण ने शनिवार को वेबिनार का आयोजन किया, जिसमें उद्यमी, कारोबारी, चार्टर्ड एकाउंटेंट, कंपनी सेक्रेट्री से लेकर शिक्षाविद् व चिकित्सकों तक ने अपनी बात रखी।

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ज्यादातर सवाल कोरोना और लॉकडाउन को लेकर रहे, जिसके जवाब में झारखंड सरकार की महिला, बाल विकास व सामाजिक सुरक्षा विभाग की कैबिनेट मंत्री जोबा माझी ने कहा कि धैर्य रखें, हेमंत सरकार सबके लिए चिंता कर रही है। सरकार के लिए विधि-व्यवस्था और स्वास्थ्य सर्वोच्च प्राथमिकता में है, तो सभी को भोजन-राशन दिलाने की चिंता भी कम नहीं है। इसी बीच दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों समेत सभी लोगों को वापस लाने का काम शुरू हुआ है। जब बड़ी संख्या में बाहर गए लोग झारखंड में लौटेंगे, तो उनके लिए भोजन-राशन के साथ पुनर्वास और रोजगार उपलब्ध कराने के लिए काम किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि सरकार सबकी चिंता कर रही है। सरकार को हर चीज की जानकारी मिल रही है कि कहां, किसे, क्या चाहिए। इन समस्याओं का समाधान करने में तमाम जिलों की प्रशासनिक टीम बड़ी मुस्तैदी से काम कर रही है। हर भूखे को भोजन कराने से लेकर गरीब व निम्न मध्यम वर्ग तक राशन पहुंचाया जा रहा है।

व्यवसायी-उद्यमी के सवाल

अशोक भालोटिया : सभी कंपनियों को बिजली बिल और बैंक ब्याज माफ होना चाहिए। सभी कंपनियों को उनकी लागत के हिसाब से सरकार को अनुदान देना होगा, तभी कंपनियां खड़ी हो पाएंगी।

मंत्री : सरकार उद्योगों के लिए भी चिंतित है। इस बात के प्रयास किए जा रहे हैं कि लोग भी सुरक्षित रहें और उद्योग भी चले।

भरत वसानी : राज्य सरकार महिलाओं को रोजगार दिलाने के लिए क्या कर रही है।

मंत्री : फिलहाल राज्य सरकार ने दीदी किचन के माध्यम से काफी महिलाओं को काम दिया है। कई महिला समिति राशन दुकान चला रही हैं, तो कई मास्क बना रही हैं। अन्य रोजगार के भी प्रयास हो रहे हैं।

विजय आनंद मूनका : सरकार कोरोना फाइटर्स में उन दुकानदारों को भूल गई है, जो जान जोखिम में डालकर आम आदमी को राशन समेत आवश्यक वस्तु उपलब्ध करा रहे हैं।

मंत्री : सरकार किसी को नहीं भूली है। राशन दुकानों पर भीड़ नहीं लगे, शारीरिक दूरी का पालन हो, इसके लिए प्रशासन मेहनत कर रहा है।

सुरेश सोंथालिया : लॉकडाउन में छोटे व्यापारियों को बहुत नुकसान हुआ है, उनके लिए क्या हो रहा है।

मंत्री : जिला स्तर पर होम डिलीवरी सिस्टम से छोटे दुकानदारों को भी जोड़ा गया है। इस सिस्टम का विस्तार भी हो रहा है, ताकि गली-मोहल्ले की दुकानें भी एप से जुड़ जाएं।

मानव केडिया : सरकार को सभी तरह की दुकानें खोलने की अनुमति मिलनी चाहिए। व्यापारी कोरोना के नियमों का पालन करने को तैयार हैं।

मंत्री : इस संबंध में गृह मंत्रालय के गाइडलाइंस पर राज्य सरकार निर्णय लेगी।

अनिल मोदी : कपड़ा दुकानों को खोलने की अनुमति दी जाए। डाक्टरों को क्लीनिक खोलने का निर्देश दिया जाए। मंत्री : इस पर राज्य सरकार को निर्णय लेना है, इंतजार करें। डॉक्टरों को पहले ही कह दिया गया है कि क्लीनिक खोलें।

महेश सोंथालिया : सरकार के आदेश पर कंपनियां मजदूरों को वेतन दे रही है। सरकार भी बैंक ब्याज, बिजली बिल माफ करे।

मंत्री : इस पर सरकार के स्तर पर विचार किया जा रहा है।

दिनेश चौधरी : आयकर व जीएसटी में छूट मिलनी चाहिए।

मंत्री : यह केंद्र सरकार के स्तर का मामला है। राज्य सरकार इसकी अनुशंसा कर सकती है।

विवेक चौधरी : पीपीई किट, मास्क, ग्लब्स आदि का सरकार ने कोई स्टैंडर्ड तय किया है कि नहीं।

मंत्री : मैं इस पर कुछ नहीं बता सकूंगी। मुझे इसकी जानकारी नहीं है।

किशोर गोलछा : रिटेल मार्केट को खोलने पर सरकार क्या सोच रही है।

मंत्री : सरकार गृह मंत्रालय के निर्देश का अध्ययन करते हुए निर्णय लेगी। उसकी जानकारी राज्य व जिला स्तर पर मिल जाएगी। फिलहाल पूर्व की तरह दुकानें खुलेंगी।

शिक्षा जगत के सवाल

डॉ. शुक्ला माहांती (कुलपति, कोल्हान विश्वविद्यालय) : लॉकडाउन के बाद सरकार महिलाओं के रोजगार एवं सशक्तीकरण के क्या उपाय करेगी। आंगनबाड़ी केंद्रों में टीकाकरण बंद होगा।

मंत्री : महिलाओं के सशक्तीकरण की तमाम योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। लॉकडाउन खुलते ही योजनाओं पर तेजी से काम किया जाएगा। टीकाकरण चालू कराना सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।

डॉ. एके झा (कुलानुशासक, कोल्हान विश्वविद्यालय) : कोल्हान प्रमंडल ग्रीन जोन में है। ऐसे में क्या एक से दूसरे जिले में जाने के लिए भी पास की आवश्यकता होगी।

मंत्री : ग्रीन जोन में भी एक से दूसरे जिले में जाने के लिए पास तो लेना ही पड़ेगा।

अमित श्रीवास्तव (निदेशक, अरका जैन विश्वविद्यालय) : लॉकडाउन थ्री में ग्रीन जोन की गाइडलाइंस अभी राज्य सरकार से स्पष्ट नहीं है। अन्य मरीजों के लिए ओपीडी की व्यवस्था की कब से प्रारंभ होगी।

मंत्री : राज्य सरकार का गाइडलॉइन रविवार या सोमवार दोपहर तक प्राप्त हो जायेगा। ओपीडी सेवा प्रारंभ करने के लिए पहले ही निर्देश दे दिया गया है, बड़े अस्पतालों में कॉमन ओपीडी चल रहे हैं। नर्सिग होम को भी ओपीडी व सामान्य इलाज का निर्देश दिया गया है।

अविनाश कुमार सिंह (¨हदी शिक्षक, जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज) : परीक्षाओं को लेकर उच्च शिक्षा व तकनीकी विभाग ने क्या कोई खाका तैयार किया है। ऑनलाइन परीक्षाओं की क्या संभावना है।

मंत्री : इस महामारी में सब कुछ ठप है। परीक्षाओं को लेकर भी छात्र संशकित हैं। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग को सूचित किया जाएगा।

चिकित्सकों के सवाल

डॉ. एसी अखौरी (पूर्व प्राचार्य, एमजीएम मेडिकल कालेज-अस्पताल) : मैं झारखंड का वरीय माइक्रोबायोलॉजिस्ट हूं। कोरोना जैसी महामारी में उसका सदुपयोग करना चाहता हूं। राज्य में माइक्रोबायोलॉजिस्ट की कमी भी है।

मंत्री : मुख्यमंत्री ने हाल ही में चिकित्सकों के साथ बैठक की है। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने भी सेवानिवृत्त चिकित्सकों की सेवा लेने की बात बार-बार कही है। आपकी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचा दूंगी।

डॉ. उमेश खां (अध्यक्ष, आइएमए जमशेदपुर) : लॉकडाउन में ढील दी जाए, लेकिन उसके नियम-कानून को सख्ती से पालन करने की जरूरत है।

मंत्री : अभी झारखंड, खासकर रांची में नए-नए कोरोना पॉजिटिव मिल रहे हैं, इसलिए ग्रीन जोन में भी सख्ती से लॉकडाउन का पालन किया जाएगा।

डॉ. रामजी अग्रवाल (पूर्व अध्यक्ष, आइएमए जमशेदपुर) : दूसरे प्रदेशों से झारखंड आने वाले मजदूरों की पुनर्वास की क्या योजना है। राज्य में कोरोना जांच काफी धीमी गति से हो रही है।

मंत्री : राज्य के उद्योग-धंधों में दूसरे राज्यों से लौटे कुशल कामगार काम कर सकते हैं। वैसे सरकार स्वरोजगार के उपाय भी कर रही है।

डॉ. जीसी माझी (पूर्व सचिव, आइएमए जमशेदपुर) : कोरोना वायरस को लेकर विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक राज्य स्तरीय टीम होनी चाहिए।

जवाब : मुख्यमंत्री लगातार चिकित्सकों के साथ बैठक कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री भी लगातार डॉक्टरों के संपर्क में हैं। जांच की गति के बारे में वही बता सकते हैं। मैं आपकी बात स्वास्थ्य मंत्री तक पहुंचा दूंगी।

डॉ. मृत्युंजय सिंह (सचिव, आइएमए जमशेदपुर) : कोरोना के खिलाफ लड़ाई के मुख्य योद्धा चिकित्सक ही हैं। मंत्री : मैं आपकी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचा दूंगी।

संतोष गुप्ता (संयुक्त सचिव, आइएमए जमशेदपुर ) : सरकार को चाहिए कि चिकित्सकों की क्लीनिक भी रोज सैनिटाइज की जाए, ताकि संक्रमण फैलने की संभावना कम हो।

मंत्री : मैं आपका सुझाव मुख्यमंत्री तक पहुंचा दूंगी।

मुख्य बातें

व्यापार-उद्योग 

  • झारखंड सरकार लोगों को सुरक्षित रखने के साथ-साथ व्यापार व उद्योग चलाने की पहल भी कर रही है। कोरोना के लिए आवश्यक गाइडलाइंस का पालन करते हुए आर्थिक गतिविधियां चलें, इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं। 
  •  फिलहाल आवश्यक वस्तु के अलावा अन्य दुकानों शॉपिंग मॉल या मल्टीप्लेक्स खोलने का निर्णय नहीं लिया गया है। अब तक जो दुकानें खुल रही हैं, वही खुलेंगी। 
  • राशन की दुकानों और हाट-बाजार में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए लोग खरीदारी करें।

चिकित्सा

  •  सभी डॉक्टरों को निजी क्लीनिक खोलने का निर्देश राज्य सरकार ने पहले ही दे दिया है। सरकार ने डॉक्टरों को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया है। 
  • सरकारी व बड़े निजी अस्पतालों में कॉमन ओपीडी चल रहे हैं। सामान्य बीमारी के इलाज भी हो रही हैं। इसके अलावा ऑनलाइन डाक्टरी सलाह की व्यवस्था राज्य व जिला स्तर पर व्यवस्था की गई है।

अन्य क्षेत्र

  •  सरकार दूसरे राज्यों में फंसे छात्र, मजदूर व पर्यटकों समेत उन सभी लोगों को ला रही है, जो यहां आना चाहते हैं।
  •  बाहर से आने वाले मजदूरों को रोजगार व स्वरोजगार से जोडऩे के लिए राज्य सरकार उपाय कर रही है।

मैं तो क्षेत्र में भी नहीं जा पा रही हूं : जोबा माझी

झारखंड सरकार की कैबिनेट मंत्री जोबा माझी ने कहा कि वह खुद कैबिनेट की बैठक के बाद से चक्रधरपुर में फंसी हैं। अपने क्षेत्र में भी नहीं जा पा रही हूं। इससे भीड़ लगने और लॉकडाउन उल्लंघन का खतरा हो सकता है। मैंने क्षेत्र के लोगों से कह दिया है कि जो भी जरूरत हो, फोन से बता दें। उनकी समस्या का निदान फोन से ही कर रही हैं। ज्यादातर लोग राशन के फोन कर रहे हैं, तो उसके बाद इलाज के लिए भी फोन आते हैं।


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