ईपीएफओ में टाटा स्टील सहित निजी कंपनियों की होगी बल्ले-बल्ले
पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश के बाद टाटा स्टील टाटा मोटर्स टिनप्लेट सहित निजी क्षेत्र में कार्यरत सभी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले होगी।
जमशेदपुर,निर्मल प्रसाद। पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश के बाद टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टिनप्लेट सहित निजी क्षेत्र में कार्यरत सभी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले होगी। नए आदेश के तहत कर्मचारियों के पेंशन में उनके वर्तमान वेतन के आधार पर अंशदान कटेगा। इस आदेश के बाद निजी क्षेत्र में कार्यरत सभी कर्मचारियों के पेंशन में न्यूनतम 300 से अधिकतम 1200 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के आदेश को खारिज करते हुए केरल हाईकोर्ट के आदेश को ही बरकरार रखा है जिसके तहत कर्मचारियों को उनकी पूरे वेतन के हिसाब से पेंशन मिले। जबकि वर्तमान में ईपीएफओ के नियमों के तहत कर्मचारियों का बेसिक या वेतन कितना भी क्यों न हो? उनका अंशदान 15000 रुपये की सीलिंग के आधार पर 8.33 प्रतिशत ही कटेगा। नए आदेश से कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड में कमी आएगी क्योंकि ज्यादा हिस्सा अब पीएफ की जगह ईपीएस वाले फंड में जाएगा, लेकिन नए नियम से पेंशन की राशि में इतनी बढ़ोतरी हो जाएगी कि आने वाले अंतर भर जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के इस नए आदेश के तहत कर्मचारियों के पेंशन से सीलिंग पूरी तरह से हट जाएगा। कर्मचारी चाहें तो अपने मूल वेतन के आधार पर ईपीएफ में अंशदान दे सकते हैं। इस नए आदेश से टाटा स्टील सहित कोल्हान में संचालित हर वर्ग के कर्मचारियों को फायदा होगा और सेवानिवृत्त के बाद उनका बुढ़ापा सुरक्षित हो जाएगा।
1995 में 6500 रुपये थी सीलिंग
वर्ष 1995 में जब इम्प्लाई पेंशन स्कीम (ईपीएस) की शुरुआत हुई तो कर्मचारियों का अधिकतम सालाना 6500 रुपये (541 रुपये मासिक) का 8.33 प्रतिशत ही पेंशन के लिए जमा होता था, लेकिन सितंबर 2014 में ईपीएफओ के नियमों में हुए बदलाव के बाद सीलिंग की राशि को बढ़ाकर 15,000 रुपये किया गया, जिसका 8.33 प्रतिशत कर्मचारियों के मासिक वेतन से कटेगा। विश्वस्त सूत्रों की माने तो पूर्व में ईपीएफओ ने आनाकानी शुरू कर दी थी कि वैसे कंपनियां जिनका अपना पीएफ ट्रस्ट (टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, ओएनजीसी, इंडियन ऑयल) है उनके कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं देगी। इसके बाद से देश भर में सुप्रीम कोर्ट में मामला दर्ज कराकर कर्मचारी व उनके यूनियन ने उन्हें भी इसका लाभ देने की मांग की।
टाटा वर्कर्स यूनियन ने भी किया है केस
टाटा वर्कर्स यूनियन नेतृत्व ने भी ईपीएफ 95 के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। इस याचिका के तहत यूनियन नेतृत्व ने कर्मचारियों को भी पूरे वेतन पर पेंशन का अंशदान लिए जाने की मांग की थी। टाटा वर्कर्स यूनियन सहित इंटक की मान्यता प्राप्त कई यूनियन इसमें पहले से पार्टी थी।
आदेश के बाद कर्मचारियों को मिलने वाला पेंशन
सेवा अवधि बेसिक आदेश के बाद पेंशन पूर्व में पेंशन प्रतिशत बढ़ोतरी
33 वर्ष 50,000 25,000 5,180 383
30 वर्ष 50,000 22,857 4,525 405
25 वर्ष 50,000 19,225 3,425 461
20 वर्ष 50,000 14,285 2,100 580
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33 वर्ष 1,00,000 50,000 5,180 865
30 वर्ष 1,00,000 45,714 4,525 910
25 वर्ष 1,00,000 38,,571 3,425 1,026
20 वर्ष 1,00,000 28,571 2,100 1,261