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मोबाइल की छीनाझपटी के बीच इंजीनियर को चलती ट्रेन से दिया धक्‍का, हुई मौत Jamshedpur News

हावड़ा-संबलपुर एक्सप्रेस में सफर कर रहे सौरभ घोष को छिनतई गिरोह के सदस्यों ने चलती ट्रेन से फेंक दिया। सिर पटरियों से टकराने से उनकी मौत हो गई।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 03:40 PM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 03:40 PM (IST)
मोबाइल की छीनाझपटी के बीच इंजीनियर को चलती ट्रेन से दिया धक्‍का, हुई मौत Jamshedpur News
मोबाइल की छीनाझपटी के बीच इंजीनियर को चलती ट्रेन से दिया धक्‍का, हुई मौत Jamshedpur News

जमशेदपुर (जेएनएन)। हावड़ा-संबलपुर एक्सप्रेस में सफर कर रहे मानगो डिमना रोड के संजय पथ स्थित घरौंदा एनक्लेव  निवासी एसके घोष का बेटा साफ्टवेयर इंजीनियर सौरभ घोष को छिनतई गिरोह के सदस्यों ने शनिवार की रात चलती ट्रेन से फेंक दिया। ट्रेन से गिरते ही उसका सिर पटरियों से टकरा गया, जिससे उसकी मौत अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में ही हो गई। 

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घटना हावड़ा-खडग़पुर सेक्शन स्थित उलबेडिय़ा स्टेशन के समीप की है। रेल सूत्रों के अनुसार सौरभ घोष अपने सीट पर बैठ कर मोबाइल देख रहा था। तभी छिनतई गिरोह के सदस्यों ने उनसे मोबाइल छीन लिया और भागने लगे। सौरभ घोष भी गिरोह के सदस्यों को पकडऩे के लिए भागने लगा। ट्रेन के गेट के समीप सौरभ ने छिनतई करने वाले युवक को पकड़ लिया और उससे मोबाइल लेने का प्रयास करने लगा।

इसी छीनाझपटी में गिरोह के दूसरे सदस्यों ने सौरभ को ट्रेन से धक्का देकर नीचे गिरा दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। घटना की सूचना स्थानीय आरपीएफ को मिलने पर सौरभ को ट्रैक से उठाकर स्थानीय अस्पताल ले गए और पूरे मामले की जानकारी जमशेदपुर निवासी उनके परिवार वालों को दी गई। रविवार को जमशेदपुर से सौरभ के अभिभावक उलबेडिय़ा पहुंचे। सौरभ घोष कोलकाता स्थित एक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत था। शनिवार की रात वह हावड़ा-संबलपुर एक्सप्रेस से टाटानगर अपने घर आ रहा था। एसके घोष को एक बेटा सौरभ घोष व बेटी है। 

ट्रेनों में पेट्रोलिंग के अभाव में घट रही घटना

रात में चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों में पेट्रोलिंग नहीं के बराबर होती है। पेट्रोलिंग के अभाव में ट्रेनों में अक्सर चोरी व छिनतई की वारदातें हो रही है। अगर हावड़ा-संबलपुर एक्सप्रेस में शनिवार की रात आरपीएफ की पेट्रोलिंग हुई होती तो छिनतई गिरोह युवक से मोबाइल नहीं छीन पाते और न ही युवक को ट्रेन से नीचे फेकते। लेकिन आरपीएफ की लापरवाही के कारण आए दिन वारदातें ट्रेन में हो रही है। सितंबर माह में घोड़ाघाटा स्टेशन के के समीप पूर्व मेदिनीपुर जिले की महिला प्रशासनिक अधिकारी बुरी तरह से घायल हो गई थी। इस वारदात के बाद रात की ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता किए जाने का दावा रेलवे की ओर से किया गया था। इसके बावजूद यह वारदात हो गई।


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