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रोजगार सेवकों का रोजगार खतरे में, हड़ताल अवधि में नो वर्क -नो पे सिद्धांत होगा लागू

MNREGA. मनरेगा कर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को राज्य सरकार गंभीरता से लेते हुए कुछ कड़े कदम उठाने जा रही है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 10:54 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jul 2020 01:26 PM (IST)
रोजगार सेवकों का रोजगार खतरे में, हड़ताल अवधि में नो वर्क -नो पे सिद्धांत होगा लागू
रोजगार सेवकों का रोजगार खतरे में, हड़ताल अवधि में नो वर्क -नो पे सिद्धांत होगा लागू

चक्रधरपुर, जासं। बीते 27 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए मनरेगा कर्मियों के लिए उनका हड़ताल पर जाना उनके लिए आफत बन गया है। मनरेगा कर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को  राज्य सरकार गंभीरता से लेते हुए कुछ कड़े कदम उठाने जा रही है। मनरेगाकर्मी  द्वारा मनरेगा कार्यों में बाधा डालने पर मनरेगा कर्मियों के विरुद्ध अनुशासात्मक की  कार्रवाई की जा सकती है। 

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मनरेगा कर्मियों की हड़ताल के दौरान मनरेगा कार्यों के सुचारू रूप से क्रियान्वयन के लिए मनरेगा आयुक्त ने सभी उप विकास आयुक्त सह जिला कार्यक्रम समन्वयक को विशेष दिशा-निर्देश जारी किया है।  जिसमें कहा गया है कि मनरेगा कर्मियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की परिस्थिति में मनरेगा कार्य प्रभावित न हो तथा मजदूरों को ससमय रोजगार उपलब्ध हो इसे लेकर दिशा निर्देशों का त्वरित अनुपालन किया जाए।

 ये हैं मनरेगा आयुक्‍त के निर्देश

मनरेगा आयुक्त द्वारा दिये गए निर्देशों में कहा गया है कि हड़ताल पर जाने वाले मनरेगा कर्मियों पर नो वर्क- नो  पे का सिद्धांत लागू होगा। उन्हें  हड़ताल अवधि का मानदेय भुगतान नहीं किया जाएगा। मनरेगा योजना से संबंधित सभी अभिलेखों को पंचायत सचिवालय या प्रखंड कार्यालय में जमा करवाया जाए। हड़ताल कर्मी के पास रक्षित अभिलेख एवं सरकारी परिसंपत्ति को पंचायत या प्रखंडमें जमा करा लिया जाए। यदि किसी हदतक कर्मी के द्वारा मनरेगा कार्यों के संपादन में बाधा डाली जाय तो उनके विरुद्ध अनुशासत्मक कार्रवाई की जाए। प्रखंड विकास पदाधिकारी सह मुख्य प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा विभिन्न इकाइयों की लॉगिन आईडी एवं पासवर्ड जैसे जीपी,पीओ,गैस,सेक्युरेसॉफ्ट आदि को वापस ले लिया जाए। उक्त लॉगिंस से किसी प्रकार छेड़छाड़ न हो इसके लिए संबंधित सभी  लॉगिंस  को ब्लॉक एडमिस्ट्रेटर या डिस्ट्रिक एडमिस्ट्रेटर के लॉगिन से निरस्त किया जाए। नित्‍य कार्यों के निष्पादन के लिए ब्लॉक एडमिन या डीपीसी एडमिन के माध्यम से प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी के नाम से नया लॉगिन आईडी एवं पासवर्ड बना लिया जाए। 

ऐसे होगा काम

नव सृजित लॉगिन से मुख्य प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी स्वयं या पर्यवेक्षक में नित्‍य कार्यों को निष्पादित कराएंगे। प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी के कार्यों का संपादप प्रखंड स्‍तर पर पदास्थापित ग्रामीण विकास विभाग के अन्य कर्मी या पदाधिकारी या पीएमवाई-जी के प्रखंड समन्वयक आदि द्वारा कराया जाए। नियमित मापी एवं योजनाओं के टीएस या एएस के लिए एफएफसी या प्रखंड में पदस्थापित अन्य विभाग के कनीय अभियंता एवं सहायक अभियंता की मदद ली जा सकती है। मनरेगा योजनाओं का तीन चरणों में जियो टैंगिंग का कार्य पंचायत सचिव या जनसेवक या पंचायत स्वयं सेवक आदि के द्वारा किया जाएगा। पंचायत स्वयं सेवक को इस कार्य के लिए उन्हें पीएमवाई-जी में देय राशि के अनुरूप प्रशासनिक मद से भुगतान किया जाएगा। कम्प्यूटर सहायक के रूप में एफएफसी के तहत कार्यरत कम्प्यूटर आपरेटर की मदद ली जा सकती है।

सखी दीदी की ली जाएगी सेवा

ग्राम रोजगार सेवक के कार्यों के संपादन के लिए सखी मैनुअल के ग्राम संगठन के अकाउंटेंट की मदद ली जा सकती है। ग्राम संगठन नहीं होने की स्थिति में नोडल एसएचजी के सक्षम दीदी की सेवा ली जा सकती है। उक्त कार्य के लिए प्रत्येक ग्राम स्तर पर वीओ अकाउंटेंट या दीदी को ग्राम संगठन के माध्यम से चयन कर सेवा ली जाए। उन्हें मनरेगा के प्रशासनिक मद से प्रति माह 1500 रुपये का मानदेय भुगतान किया जा सकेगा।


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