टाटा कमिंस में कर्मचारियों ने यूनियन नेताओं को दौड़ाया, जानिए क्या है मामला
टाटा कमिंस में ग्रेड रिवीजन समझौता नहीं होने से खफा कर्मचारियों ने यूनियन नेताओं को दौड़ा दिया। प्रबंधन ने बीच-बचाव कर स्थिति को संभाला।
जमशेदपुर, जासं। टाटा कमिंस में कर्मचारियों के ग्रेड मामले पर माहौल बिगड़ता ही जा रहा है। ग्रेड रिवीजन नहीं होने से कर्मचारियों में असंतोष है। कंपनी की एसेंबली लाइन में उस समय माहौल बिगड़ गया, जब कर्मचारियों ने यूनियन नेताओं को दौड़ा दिया। समय रहते यूनियन नेता वहां से खिसक लिए, नहीं तो मारपीट तय थी। कर्मचारियों का कहना था कि पहली बार कमिंस के ग्रेड में इतना विलंब हुआ है। इस बार 10 माह गुजर जाने के बाद भी समझौता नहीं हुआ। नेताओं को ग्रेड की चिंता नहीं है। वे अपने-अपने काम में लगे हुए हैं।
ऐसे बिगड़ा माहौल
कंपनी में ए पाली की छुट्टी हुई थी तथा बी पाली के कर्मचारी अपने-अपने कार्यस्थल (एसेंबली लाइन) पर पहुंच रहे थे। इसी दौरान यहां के दो यूनियन नेता कर्मचारियों को ग्रेड के बारे में समझाने लगे। कर्मचारियों को लंबित ग्रेड पर वार्ता नहीं शुरू करने की बात करते हुए कहा कि पहले निलंबित यूनियन नेताओं के बारे में निर्णय लिया जायेगा फिर ग्रेड पर बातचीत शुरू होगी। फिर क्या कहना था, कर्मचारी बिफर पड़े। नेताओं को खरी-खोटी सुनाने लगे। मौके पर हो-हंगामा भी शुरू कर दिया। इसी बीच मौके पर कंपनी के प्लांट हेड पहुंचे तथा माहौल को शांत कराया। दूसरी ओर कंपनी के एचआर-आइआर प्रमुख ने ए पाली वालों को घर जाने व बी पाली को अपनी-अपनी ड्यूटी पर जाने का निर्देश दिया। कंपनी के अन्य विभागों में भी वहां के यूनियन नेता कर्मियों को समझाने का काम कर रहे थे। एक दिन पूर्व ही यूनियन नेता अपने अध्यक्ष राजेंद्र सिंह से मिलकर आए थे।
सोमवार को भी हुआ था हंगामा
बीते सोमवार को करीब एक सौ पचास कर्मचारी दोपहर 2.20 बजे कंपनी परिसर स्थित यूनियन कार्यालय पहुंचकर यूनियन नेताओं से जवाब-तलब किया था। ग्रेड लंबित होने का कारण पूछा था। साथ ही कहा कि अब तक समझौते नहीं होने की स्थिति में शॉप-फ्लॉर पर क ाम करना प्रारंभ करें या फिर नेतागीरी छोड़ दें। करीब 45 मिनट तक नेताओं का घेराव हुआ।
निलंबन मामले में यूनियन अध्यक्ष गंभीर
टाटा कमिंस कर्मचारी यूनियन के चार नेताओं के निलंबन मामले में अध्यक्ष राजेंद्र सिंह गंभीर हैं। बीते बुधवार को यूनियन नेता राजेंद्र सिंह मिलने रांची पहुंचे थे। वहीं राजेंद्र सिंह ने कहा कि इस मामले को वे स्वयं देखेंगे। तीन-चार दिन बाद वे प्रबंधन से बातचीत करेंगे। इस दौरान कर्मचारियों की ग्रेड वार्ता बंद रहेगी।