Electrcal Vechicles, EV : टाटा मोटर्स उतारने जा रही है 10 नए इलेक्ट्रिक व्हीकल, सब एक से बढ़कर एक
Electrcal Vechicles EV पेट्रोल-डीजल की बेतहाशा बढ़ती कीमत के कारण अब ग्राहकों ने इलेक्ट्रिक व्हीकल की ओर रूख कर लिया है। वे जान चुके हैं कि भविष्य इसी का है। यही कारण है कि टाटा मोटर्स जैसी कंपनियां इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट पर जोर दे रही है।
जमशेदपुर : पैसेंजर कार के मामले में टाटा मोटर्स इन दिनों मार्केट लीडर के रूप में उभरकर सामने आई है। कंपनी की ईवी नेक्सॉन व टिगोर का बाजार में इतना जबदस्त रिस्पांस रहा कि अब कंपनी सामान्य पेट्रोल व डीजल वर्जन की कार उप ब्रांड जबकि ईवी कार मुख्य ब्रांड वाली कार बन गई है।
बाजार से मिल रहे जबदस्त रिस्पांस को देखते हुए टाटा मोटर्स ने 10 नए इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने के लिए निवेश कर रही है। कंपनी के पैसेंजर कार सेगमेंट के प्रेसिडेंट शैलेश चंद्रा ने पिछले दिनों इसका खुलासा किया था। आपको बता दें कि टाटा मोटर्स की एक यूनिटजमशेदपुर में भी है जो कंपनी की मदर प्लांट भी है और यहीं पर टाटा मोटर्स की नींव रखी गई थी। जमशेदपुर प्लांट में सबसे पहले लोकोमोटिव इंजन का निर्माण होता था, लेकिन अब वाहनों का निर्माण होता है।
10 नए इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में उतारने की है योजना
भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक व्हीकल को काफी पंसद किया जा रहा है जिसके मुख्य कारण केंद्र सरकार की अच्छी पॉलिसी, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी और बैटरी की कीमतों में लगातार कमी आना शामिल है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल से होने वाले फायदे से लोग काफी खुश हैं और वे पेट्रोल-डीजल के बजाए इलेक्ट्रिक व्हीकल के क्षेत्र में स्थानांतरित हो रहे हैं। ऐसे में टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में निवेश करने और 10 नए ईवी मॉडल को बाजार में लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इलेक्ट्रिक पैसेंजर व्हीकल निर्माण से पहले हम चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर विचार कर रहे हैं।
देश में बढ़ेगी ईवी वाहनों की संख्या
पश्चिम देशों में इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री में काफी बढ़ोतरी हुई लेकिन उसकी तुलना में भाररत काफी पीछे है। वर्तमान में मध्यम और उच्च वर्ग आय वाले ही इलेक्ट्रिक वाहन खरीद रहे हैं। कोविड 19 के बाद हुए लॉकडाउन के बाद से इलेक्ट्रिक व्हीकल की अहमियत को समझा जाने लगा। जिसके बाद इसकी डिमांड में जबदस्त तेजी आई। उम्मीद है कि वर्ष 2030 तक देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री साढ़े छह से सात मिलियन होगी जो वर्तमान में 2.8 मिलियन है। इसके लिए हम पहले देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों में चार्जिंग स्टेशन की स्थापना कर रहे हैं।
बैटरी का पुन: इस्तेमाल पर कंपनी कर रही है विचार
एक समय के बाद इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी बहुत बड़ी संख्या में निकलेगी। कंपनी इन पुराने बैटरियों के भविष्य के बारे में भी विचार कर रही है। टाटा मोटर्स बैटरी को रिसाइकिल करने और उसके एक्सचेंज पर भी विचार कर रही है। इसके अलावा बैटरी के ऑटोमोटिव उपयोग को समाप्त करने या उसके पुन: इस्तेमाल के बारे में भी सोच रही है।
टाटा की कार सबसे सुरक्षित
यहां बता दें कि टाटा की कार सबसे ज्यादा यात्री सुरक्षा मानक में सबसे अहम मानी जाती है। नेक्सॉन और अल्ट्रोज के बाद टाटा पंच को भी ग्लोबल एनसीएपी से फाइव स्टार रेटिंग मिली है। ऐसे में शैलेश चंद्रा कहते हैं कि हम यात्रियों को यात्रा के दौरान सुरक्षित महसूस करने का एहसास देना चाहते हैं। इसलिए अधिकतर लोग टाटा की कार खरीदते हैं। साथ ही लोगों की मानसिकता में तेजी से बदलाव आ रहा है कि वे टाटा की कार खरीदना चाहते हैं जो यात्रा के दौरान उनके परिवार को पूरी सुरक्षा देते हैं। क्योंकि यात्री सुरक्षा के मामले में कई बार टाटा की कारों की जांच हो चुकी है।
पंच ने पहले माह में ही की 8500 यूनिट की बिक्री
फाइव स्टार रेटिंग मिलने के साथ ही पंच ने अपने लांच के पहले ही माह में 8500 यूनिट की बिक्री की। इसके कारण टाटा मोटर्स लिमिटेड की बाजार में हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है। कंपनी की हिस्सेदारी 8.2 प्रतिशत से बढ़कर 11.3 प्रतिशत हो गई है। इससे स्पष्ट है कि लोग टाटा मोटर्स की कार पसंद कर रहे हैं और वे इसे खरीदना चाहते हैं। जिसमें सुरक्षा एक महत्वपूर्ण कारण है।