जमशेदपुर पश्चिम में हर बार बदल जाता है मतदाताओं का मूड
झारखंड विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर पश्चिम की यह विडंबना है या मतदाताओं का हट कि हर चुनाव के बाद यहां विजयी उम्मीदवार का चेहरा बदल जाता है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : झारखंड विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर पश्चिम की यह विडंबना है या मतदाताओं का हट, कि हर चुनाव के बाद यहां विजयी उम्मीदवार का चेहरा बदल जाता है।
15 नवंबर 2000 में झारखंड अलग राज्य बनने के बाद अब तक यहां तीन बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। यहां हर विधानसभा चुनाव के बाद विधायक बदल गए हैं। जमशेदपुर पश्चिम में पिछले 12 विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर भी गौर करें तो पता चलता है कि चुनाव में भले ही पिछली बार विजयी हुए दल ने ही दूसरी बार जीत दर्ज भी की हो तो भी विजयी उम्मीदवार का चेहरा बदल जाता है, यानी एक व्यक्ति दूसरी बार नहीं जीता। इसमें मात्र एक अपवाद है। वर्ष 1995 और वर्ष 2000 में मृगेंद्र प्रताप सिंह ही एकमात्र ऐसे विधायक रहे जो यहां से लगातार दो विधानसभा चुनाव जीते हैं। हालांकि 2005 में भी विजेता पार्टी भाजपा ही रही लेकिन चेहरा बदल गए। मृगेंद्र प्रताप सिंह की जगह सरयू राय को टिकट मिला और वे विजेता बने।
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संयुक्त बिहार के समय जमशेदपुर पश्चिम के विजेता
वर्ष 1967 : सी वैश्य, इंडियन नेशनल कांग्रेस
वर्ष 1969 : सुशील मुखर्जी, सीपीआई
वर्ष 1972 : रमावतार सिंह, सीपीआई
वर्ष 1977 : मो. अयुब खान, जेएनपी
वर्ष 1980 : मो. शम्सुउद्दीन खान, कांग्रेस (ई)
वर्ष 1985 : मृगेंद्र प्रताप सिंह, भाजपा
वर्ष 1990 : डॉ. हसन रिजवी, झामुमो
वर्ष 1995 : मृगेंद्र प्रताप सिंह, भाजपा
वर्ष 2000 : मृगेंद्र प्रताप सिंह, भाजपा
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झारखंड बनने के बाद जीतने व हारने वाले उम्मीद
वर्ष 2005 : विजेता : सरयू राय (भाजपा) वोट मिले : 47,428
हारे : बन्ना गुप्ता (समाजवादी पार्टी) : 34,733
हार का मार्जिन : 12,695 (8.64 प्रतिशत वैध मत)
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वर्ष 2009 : विजेता बन्ना गुप्ता (कांग्रेस) वोट मिले : 55,638
हारे : सरयू राय (भाजपा) वोट मिले : 52,341
हार का मार्जिन : 3297 (2.68 प्रतिशत वैध मत)
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वर्ष 2014 : विजेता सरयू राय (भाजपा) वोट मिले : 95,346
हारे : बन्ना गुप्ता (कांग्रेस) : 84,829
हार का मार्जिन : 10,517 (5.53 प्रतिशत वैध मत)
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