जमशेदपुर की एकता की उंची उडान, ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ में मिला ब्रेक, विद्या बालन के साथ ‘शेरनी’ में भी दिखेगी
Entertainment झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के पटमदा में जन्मी व जमशेदपुर में पली-बढ़ी एकता श्री को बॉलीवुड में उल्लेखनीय उपलब्धि मिली है। उन्हें संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ में ब्रेक मिला है। आप भी जानिए।
वीरेंद्र ओझा, जमशेदपुर। झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के पटमदा में जन्मी व जमशेदपुर में पली-बढ़ी एकता श्री को बॉलीवुड में उल्लेखनीय उपलब्धि मिली है। उन्हें संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ में ब्रेक मिला है। इसके साथ ही इन्हें अंतरराष्ट्रीय फिल्म ‘ग्लोरियस डेड’ में भी अभिनय करने का अवसर मिला। यह फिल्म कान फिल्म फेस्टिवल में भी दिखाई गई थी।
अब इन्हें फिल्म ‘न्यूटन’ फेम निर्देशक अमित वी. मसूरकर की फिल्म ‘शेरनी’ में विद्या बालन के साथ महत्वपूर्ण भूमिका मिली है। मानगो निवासी एकता बताती हैं कि उन्हें छह साल के स्ट्रगल के बाद यह मुकाम हासिल हुआ है। वह पटमदा में प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद नौ वर्ष की उम्र में जमशेदपुर आ गई थीं। यहां पांचवीं से दसवीं तक की पढ़ाई बाराद्वारी स्थित पीपुल्स एकेडमी और प्लस टू से कामर्स ग्रेजुएट तक की पढ़ाई साकची स्थित ग्रेजुएट कालेज से पूरी की। यहीं इंटर के प्रथम वर्ष में उन्हें स्थानीय नाट्य संस्था पथ से जुड़ने का अवसर मिला। स्नातक के बाद 2013 में मुंबई चली गई। लक्ष्य एक्टिंग में ही कॅरियर बनाना था, लेकिन शुरुआत में थियेटर किया। सीरियल व कमर्शियल एड में भी काम किया। फोन-पे के एड में वह आमिर खान के साथ दिखाई देती हैं।
हैरानी भरा रहा सफर
बहरहाल, गंगूबाई... में काम मिलना मेरे लिए भी हैरानी भरा रहा। जब इसका आडिशन चल रहा था, तो नोटिस लगा था कि सिर्फ एनएसडी या एफटीआइ के छात्र ही लिए जाएंगे। मेरे लिए कोई गुंजाइश नहीं थी। इस बीच मैं कई कास्टिंग डायरेक्टर को आडिशन दे चुकी थी। इन्हीं में से एक कास्टिंग डायरेक्ट श्रुति महाजन ने गंगूबाई...में एक किरदार के लिए मेरा नाम प्रस्तावित किया। मैं गई और चुन ली गई। मुंबई की बदनाम गलियों पर आधारित इस फिल्म में छोटी, लेकिन दमदार भूमिका मिली। अब मैं विद्या बालन के साथ शेरनी में अपनी भूमिका को लेकर उत्साहित हूं। मुझे उम्मीद है कि इस फिल्म से मेरी अलग पहचान बनेगी। मेरी अभी कुछ और फिल्में निर्माणाधीन हैं। हालांकि मुझे अभी वह मंजिल नहीं मिली है, लेकिन अब लगता है कि असंभव कुछ भी नहीं है।
असल जिंदगी में योग शिक्षक की भूमिका निभा रहीं
एकता श्री मुंबई में एक्टिंग के साथ-साथ योग शिक्षक की भूमिका भी निभा रही हैं। इन्होंने सांताक्रुज यूनिवर्सिटी से योग शिक्षक का कोर्स किया है। वहां योग, ध्यान, साधना का क्लास भी चलाती हैं। एकता बताती हैं कि आमतौर पर यहां एक्टर जिम ज्वाइन करते हैं, लेकिन मुझे योग से ही वह फिटनेस मिल जाता है। जिम कभी नहीं गई। इससे पहले फिटनेस के लिए डांस करती थी। मुंबई में जब मन अशांत होता है, तो योग-ध्यान ही मेरी मदद करता है।
मूल रूप से नालंदा निवासी
एकता बताती हैं कि उनके पिता स्व. बृजनंदन प्रसाद शिक्षक थे। हमलोग धर्मपुर (नालंदा) के मूल निवासी हैं, जबकि मां हरनौत की हैं। सरकारी स्कूल में शिक्षक होने के नाते पिताजी पटमदा में रहे, तो इसके बाद बुंडू के हाईस्कूल में रहे। मेरे एक्टिंग का शौक पूरा करने के लिए वही मुझे मुंबई छोड़ने आए थे। अगले वर्ष 2014 में उनका निधन हो गया। मम्मी हाउसवाइफ हैं। मुझसे बड़ी एक बहन और एक छोटा भाई है। मैं अपने माता-पिता की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास कर रही हूं।