Health News : झारखंड में अब कोरोना के साथ ईबोला और पोलियो की जांच,अमेरिका से आई मशीन
Health News. महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज में अब सभी तरह के आरएनए (राइबो न्यूक्लिक एसिड) और डीएनए (डी आक्सी राइबो न्यूक्लिक एसिड) वायरस की जांच होगी।
जमशेदपुर, अमित तिवारी। कोरोना संकट में झारखंड को एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। पूर्वी सिंहभूम के महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज में अब सभी तरह के आरएनए (राइबो न्यूक्लिक एसिड) और डीएनए (डी आक्सी राइबो न्यूक्लिक एसिड) वायरस की जांच होगी।
अमेरिका से आई लगभग 45 लाख रुपये की अत्याधुनिक मैग्रा प्योर एलसी-2.0 (पूरी तरह से स्वचालित न्यूक्लिक एसिड एक्सट्रैक्टर) मशीन चालू हो गई है। इसके माध्यम से डेढ़ घंटे में 32 कोरोना मरीजों की जांच रिपोर्ट आ रही है। मशीन चालू होने के बाद से कोरोना जांच में काफी तेजी आई है। रोजाना सिर्फ इस मशीन से 200 से 250 मरीजों की जांच हो रही है। हालांकि, क्षमता एक हजार से अधिक की है। मशीन की खासियत है कि यह पूरी तरह से ऑटोमेटिक है। नमूना व केमिकल डालकर छोड़ देना है। जांच पूरी होकर रिपोर्ट आ जाती है। इससे डॉक्टर और न ही टेक्नीशियन के संक्रमित होने का खतरा है। राज्य में सबसे पहले कोरोना की जांच एमजीएम मेडिकल कॉलेज से ही शुरू हुई थी, और अब सभी तरह के वायरस की भी यहां जांच होगी।
डीएनए
हेपेटाइटिस बी डीएनए वायरस है, जो यकृत को संक्रमित करता है। इसके साथ ही मानव एडेनोवायरस, पैपिलोमा वायरस, परवो वायरस, वेरोला वायरस, वैक्सीनिया वायरस, हर्पीसवायरस, पोक्सोवायरस सहित अन्य शामिल हैं।
आरएनए
कोरोना वायरस के साथ ईबोला वायरस, सार्स, रेबीज, जुकाम, इंफ्लूएंजा, हेपेटाइटिस-सी, हेपेटाइटिस-ई, पोलियो, खसरा, स्वाइन फ्लू, बर्ड फ्लू, चिकनगुनिया, डेंगू, जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेइ) सहित अन्य रोग शामिल हैं। फिलहाल इसमें से अधिकतर बीमारियों की जांच के लिए नमूना दिल्ली स्थित एनसीडीसी व पुणो स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भेजे जाते थे।
वीडीएल और एमडीआरयू की टीम मिलकर कर रही कोरोना की जांच
एमजीएम अस्पताल में कोरोना की जांच पहले वायरल डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी (वीडीएल) की टीम कर रही थी। लेकिन, मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च ने एमजीएम अस्पताल में स्थापित मल्टी डिसिप्लनरी रिसर्च यूनिट (एमडीआरयू) को भी जांच करने का निर्देश दिया। टीम के नोडल पदाधिकारी डॉ. उमाशंकर सिंह हैं। वहीं, रिसर्च साइंटिस्ट विमल कुमार, डॉ. अमिता, लैब टेक्नीशियन केसी सेतुवा व मनीष कुमार शामिल हैं। इस मशीन से अभी तक एक हजार से अधिक लोगों की कोरोना जांच हो चुकी है।
ये कहते प्राचार्य
इस मशीन से कोरोना की जांच में तेजी आई है। आगे और भी कई तरह की जांच हो सकेगी। इसमें आरएनए-डीएनए दोनों जांच की सुविधा है।
-डॉ. पीके बारला, प्रचार्य, एमजीएम।