सावन साग न भादो दही...भाद्रपद मास में खानपान का विशेष ध्यान रखें, सोच-समझकर कोई भी फल-सब्जी खाएं
Health Tips. भादो महीने में खानपान पर खास ध्यान देने की जरूरत है। कोई भी फल-सब्जी काफी सोच-समझकर खाएं। जमशेदपुर की आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ सीमा पांडेय आपको बता रही हैं कि क्या खान उचित रहेगा एवं क्या खाना अनुचित।
जमशेदपुर, जासं। सावन साग न भादो दही... की लोकोक्ति तो आपने कभी न कभी सुनी ही होगी। नहीं सुनी है तो जान लीजिए। हमारे पुरखों ने हर माह में खानपान का तरीका भी बता दिया था, ताकि हम हमेशा स्वस्थ व तंदुरुस्त रह सकें। बरसात के इस मौसम में क्या खाना चाहिए, क्या नहीं, बता रही हैं जमशेदपुर की आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ सीमा पांडेय।
वह कहती हैं कि सावन व भादो या भाद्रपद मास में खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आषाढ़ के बाद ये दोनों महीने भी बरसात के मौसम होते हैं। इस मौसम में जठराग्नि (पाचन शक्ति) कमजोर व मंद हो जाती है। इसलिए वात पित्त व कफ से संबंधित रोग बढ़ जाते हैं। वर्षा ऋतु में जलवायु में विषाक्त या विषैले कीटाणु पैदा हो जाते है, जो बीमारियां फैलाते हैं। ये कीटाणु खेत में लगे फल व सब्जियों को भी अपना घर बना लेते हैं। हालांकि दूध-दही खेत में नहीं होते, लेकिन वातावरण में व्याप्त कीटाणु का असर इन पर भी खूब होता है, इसलिए दूध-दही का यथासंभव सेवन करने से बचें या न खाएं। आइए जानते हैं कि इस महीने में क्या पथ्य है, क्या अपथ्य।
इन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए
- दूध ना पीएं।
- हरी पते वाली सब्जियां न खाएं।
- रसदार फल न खाएं।
- बैंगन न खाएं, क्योंकि इसमें कीड़े हो जाते हैं और पेट में गैस भी बनाते हैं।
- चकुंदर, खीरा, ककड़ी न खाएं।
- फास्ट फूड न खाएं।
- ज्यादा मिठाई न खाएं।
- मांस-मदिरा न लें।
- ठंडी व बासी चीज न खायं।
- आइसक्रीम व कोल्ड ड्रिंक्स न पीएं।
इन चीजों का करें सेवन
आयुर्वेद के अनुसार इस महीने में जल्दी पचने वाले ताजा व गर्म भोजन करना चाहिए।
- सेब, केला, अनार, नासपाती आदि मौसमी फल खाएं।
- टमाटर का सूप ले सकते हैं।
- अदरक, प्याज, लहसुन खाएं।
- बेसन की चीजें व हलवा खाएं।
- पानी उबाल कर पीएं।
- हल्दी वाला दूध पीएं।
- देसी चाय या काढ़ा पीएं।
- पुराना चावल, गेहूं, मक्का, सरसों, मूंग, अरहर की दाल खाएं।
- छोटी हरड़ खाएं, पेट साफ़ रहेगा व पेट की बीमारियों से बचाव रहेगा।
जमशेदपुर की आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ सीमा पांडेय ।