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ई-कॉमर्स कंपनियां देश के विकास में अटका रहीं रोड़ा, जानें कैट ने कहां की शिकायत

कनफडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने रविवार को एक पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा है। केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए डिजिटल कार्यक्रम को अपनाने के लिए उत्सुक हैं लेकिन बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा नियमों का बार-बार उल्लघंन व्यवसायियों के विकास में बहुत बड़ा अवरोधक है।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 10:03 AM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 10:03 AM (IST)
ई-कॉमर्स कंपनियां देश के विकास में अटका रहीं रोड़ा, जानें कैट ने कहां की शिकायत
कनफडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया

 जमशेदपुर (जागरण संवाददाता) : कनफडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने रविवार को एक पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा है। इसमें कहा गया है कि देश भर के व्यवसायी केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए डिजिटल कार्यक्रम को अपनाने के लिए बेहद उत्सुक हैं, लेकिन बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा जिस तरह से एफडीआई नीति सहित कानून व नियमों का बार-बार उल्लघंन किया जा रहा है, वह हम व्यवसायियों के विकास में बहुत बड़ा अवरोधक है।

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कैट ने प्रधानमंत्री से ऐसी ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई का आदेश देने का आग्रह किया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री से देश के सभी नुक्कड़ और कोनों में ‘लोकल फॉर वोकल’ एवं ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ को सफल बनाने के लिए के लिए राष्ट्र, राज्य और जिला स्तर पर एक संयुक्त समिति के गठन का सुझाव भी दिया है। कैट के राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कानून का संरक्षक होने के बावजूद, विभिन्न विभाग सरकार की नीति और कानून का इन ई-कॉमर्स कंपनियों से अनुपालन कराने में असफल हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि भारत में ई-कॉमर्स व्यापार को सुचारू रूप से चलाने के लिए एक ई कॉमर्स नीति की शीघ्र आवश्यकता है। इसकी घोषणा आवश्यक है। वहीँ ई कॉमर्स व्यापार को नियंत्रित और उस पर निगरानी करने के लिए एक अधिकार प्राप्त रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन भी बेहद जरूरी बताया हैं! उन्होंने आग्रह किया कि एफडीआई नीति के प्रेस नोट संख्या-2 की विसंगतियों और असमानताओं को हटाते हुए सरकार की नीति को स्पष्ट रूप से परिभाषित करते हुए एक नया प्रेस नोट जारी किया जाना चाहिए।

बकौल सोंथालिया, प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत अभियान का आह्वान देश के घरेलू व्यापार में निर्णायक साबित हो सकता है। इसके अंतर्गत छोटे निर्माताओं द्वारा उच्च गुणवत्ता वाले सामान का उत्पादन करने की अपार क्षमता को विकसित किया जा सकता है। इस दृष्टि से इस अभियान को देश के हर कोने तक पहुंचाने की जरूरत है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री को सुझाव दिया कि वे व्यापार, उपभोक्ता, नागरिक समाज और राष्ट्रीय स्तर पर छोटे निर्माताओं के प्रतिनिधियों के साथ सरकारी अधिकारियों की एक संयुक्त समिति का गठन राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर और प्रत्येक राज्य के जिला स्तर पर हो। इससे यह अभियान देश भर में लोगों के बीच में चलेगा और अधिक से अधिक लोगों के साथ यह अभिनव अभियान जुड़ पाएगा।


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