ई-कार्ड भेजकर अब समारोह में बुलाए जा रहे हैं मेहमान
लोग अब विभिन्न समारोहों में महंगे आमंत्रण कार्ड की जगह ई-कार्ड को तरजीह देने लगे हैं। इसे बांटना भी उनके लिए आसान हो गया है।
जमशेदपुर, [अवनीश कुमार]। बाजार के साथ-साथ लौहनगरी के लोगों का मिजाज भी तेजी से बदल रहा है। उनकी जिंदगी में वक्त की अहमियत बढ़ती जा रही है। यही वजह है कि लोग अब विभिन्न समारोहों में महंगे आमंत्रण कार्ड की जगह ई-कार्ड को तरजीह देने लगे हैं। इसे बांटना भी उनके लिए आसान हो गया है। बेहतर डिजाइन वाले ई-कार्ड वॉट्सएप या दूसरे मैसेंजर एप के जरिए सगे-संबंधियों को देने लगे हैं। शादी ही नहीं, जन्मदिन और गृहप्रवेश समेत अन्य आयोजनों पर भी अब ई-कार्ड ही भेजे जा रहे हैं।
शहर के पारंपरिक कार्ड कारोबारियों की मानें तो उनका बाजार तेजी से प्रभावित हो रहा है। इस वर्ष उनके कारोबार में करीब 20-25 प्रतिशत गिरावट आई है। अमूमन लोग परिवार में किसी की शादी होने पर पांच सौ से एक हजार तक कार्ड छपवाते थे। अब दो-तीन सौ करीब ही कार्ड छपवा रहे हैं। एनआइटी से सेवानिवृत्त प्राध्यापक बीएन प्रसाद कहते हैं कि एक जमाने में हल्दी देकर शादी का निमंत्रण दिया जाता था। यह चलन पत्ता, कपड़ा और कागज से होते हुए पीडीएफ फाइल, ई-कार्ड और वीडीओ तक आ पहुंचा है। आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। भागमभाग की जिंदगी और समय की कमी के कारण लोग ई-निमंत्रण संस्कृति को पसंद कर रहे हैं। वहीं कागज की कीमत बढ़ने से कार्ड भी महंगे हो गए हैं। कार्ड छपवाकर दूर के मेहमानों तक पहुंचाना बेहद कठिन होता है। ऐसे में ई-निमंत्रण देने में समय के साथ पैसों की भी बचत हो रही है।
500 से 700 में बन जा रहा बेहतर क्वालिटी का ई-कार्ड
शहर के बाजार में सस्ता कार्ड भी कम से कम 15 रुपये के आसपास में मिलता है। दो सौ मेहमानों को निमंत्रण देने में तीन हजार खर्च आते हैं। जबकि एप के जरिए मुफ्त में खूबसूरत ई-कार्ड बनकर तैयार हो जाएगा। अगर अच्छी क्वालिटी का वीडियो ई-कार्ड बनवाना चाहते हैं तो कुछ पैसे खर्च कर ग्राफिक्स डिजाइनर की मदद भी ले सकते हैं। जमशेदपुर शहर में ई-कार्ड बनवाने पर पांच से सात सौ रुपये खर्च आ रहा है।
अपने घर पर भी बना सकते हैं ई-कार्ड
ग्राफिक्स डिजाइनर अभिषेक गुप्ता बताते हैं कि ई-कार्ड बनाना बहुत आसान हो गया है। इसके लिए प्ले स्टोर पर कई एप मौजूद हैं। इनके जरिए आसानी से और फ्री में कार्ड बनाए जा सकते हैं। कई तस्वीरों को जोड़कर एक वीडियो भी बनाया जा सकता है। बैक ग्राउंड में मनचाहा म्यूजिक भी प्ले कर सकते हैं। प्ले स्टोर में मौजूद म्यूजिक वीडियो मेकर, वीडियो शो एडिटर, लव वीडियो मेकर, फोटो वीडियो मेकर समेत अन्य एप के जरिए घर में ही लोग आसानी से ई-कार्ड बना सकते हैं।
न्योता देने का बेहतर तरीका
अपने भाई की शादी में मात्र दो सौ कार्ड छपवाए हैं। शहर से बाहर के रिश्तेदारांे के लिए पीडीएफ कार्ड और ई-कार्ड बनवाया है। मेरा परिवार यहां नहीं रहता। छुट्टी कम होने के कारण कार्ड बांटने में परेशानी होती। इसलिए ई-कार्ड को चुना।
अमित राज, साकची
ई-कार्ड समय की मांग है। लोगों का दायरा बढ़ा है। सगे-संबंधी दूर रहते हैं। ऐसे में सबसे बड़ी समस्या आती है शादी में कार्ड बांटने में। कभी-कभी कार्ड नहीं भी पहुंचते हैं। इसलिए ई-कार्ड बेहतर व आसान जरिया है।
देवन प्रसाद, गोलमुरी
प्रचलित चीजों को अपनाना चाहिए। बड़ी बात यह कि समाज ने इसे भी स्वीकार कर लिया है। ई-कार्ड हमेशा आपके मोबाइल में मौजूद रहता है। जब चाहें फारवर्ड कर सकते हैं। बावजूद मैं अब भी पारंपरिक कार्ड का ही समर्थन करूंगा। कार्ड देते व लेते समय एक अलग तरह की अनुभूति होती है।
विश्वनाथ प्रसाद, पूर्व प्राध्यापक, एनआइटी
दो-तीन वर्षो से ई-कार्ड का चलन तेजी से बढ़ा है। हालांकि अब भी कार्ड छप रहे हैं, लेकिन जरूरत के मुताबिक। नजदीक रहने वाले संबंधियों को कार्ड ही दिए जा रहे हैं। दूर रहने वालों को ही वॉट्सएप व अन्य मैसेंजर एप से ई-निमंत्रण भेजा जा रहा है।
- विजय आनंद मूनका, साकची
कहते हैं शहर के कार्ड कारोबारी
ई-कार्ड से बिजनेस में इस साल 20 से 25 फीसद गिरावट आई है। बच्चों के जन्मदिन जैसी छोटी पार्टियों के लिए अब कार्ड छपना ही बंद हो गया है। शादी में भी जरूरत मुताबिक ही लोग कार्ड छपवाते हैं। -साहेब सिंह, कार्ड विक्रेता, साकची
वॉट्सएप और मैसेंजर आने से जमशेदपुर में ई-कार्ड का चलन तेजी से बढ़ रहा है। अब डाक से कार्ड भेजने से लोग परहेज कर रहे हैं। लोकल लोगों के लिए ही कार्ड छपवाए जा रहे हैं। दूर के रिश्तेदारों को तो ई-कार्ड से निमंत्रण भेज रहे हैं।
-दमनजीत सिंह, कार्ड विक्रेता, मसाला पट्टी, साकची